नयी दिल्ली, 16 दिसंबर, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में गेट पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रातभर के लिए आंदोलन रोक दिया और फिर कल सुबह नौ बजे से आंदोलन करेंगे।प्रदर्शन कर रहे छात्रों और स्थानीय लोगों ने रातभर आंदोलन को विराम देने की घोषणा करते हुए कहा कि नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा।हजारों की संख्या में लोग दिनभर जामिया के मेन गेट और मौलाना मोहम्मद अली जौहर मार्ग पर प्रदर्शन करते रहे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथ में तिरंगा और भीमराव अम्बेडकर की तस्वीर लेकर “संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ” जैसे नारे लगाए। इन लोगों ने “सीएए और एनआरसी वापस लो” के नारे भी लगाए।इससे पहले सुबह छात्रों ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के विरोध में अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया।जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने दोपहर को संवाददाताओं से कहा कि रविवार रात को पुलिस ने कैम्पस में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है वह निंदनीय है। जामिया की कार्यकारी परिषद ने पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वह मानव संसाधन मंत्री से इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करेंगी। उन्होंने कहा कि जामिया प्रशासन से बिना अनुमति के पुलिस जबरन कैम्पस में घुसी है जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर एक अफवाह फैलायी जा रही है कि एक बच्चे की मौत हो गई है जो सरासर बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि रविवार की घटना में करीब दो सौ लोग घायल हुए जिनमें बड़ी संख्या में जामिया के छात्र हैं। जामिया के जो छात्र घायल हुए हैं उनमें ज्यादातर बच्चे लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे थे। प्रोफेसर अख्तर ने मीडिया से आग्रह किया कि आस-पास की घटनाओं को जामिया से जोड़कर न देखें और न चलायें इससे विश्वविद्यालय की छवि खराब होती है।कुलपति ने कहा कि धरना-प्रदर्शन का आह्वान रविवार को छात्रों ने नहीं किया था बल्कि आस-पास के रिहायशी इलाकों के लोगों ने किया था। कुलपति के मुताबिक यह लोग जब रैली निकालकर जा रहे थे तो जुलैना में पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई तब पुलिस ने उनका पीछा किया और पीछा करते हुए विश्वविद्यालय और लाइब्रेरी में घुसी। भीड़ को खदेड़ने के बाद पुलिस जामिया परिसर में घुसी और लाइब्रेरी में घुसकर मारपीट और तोड़फोड़ की है जो बेहद दुखद है।छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों और छात्रों ने मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया।गौरतलब है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस द्वारा जबरन घुसकर कथित तौर पर छात्रों के साथ मारपीट करने के विरोध में जामिया, जवाहर लाल नेहरू और दिल्ली विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्रों ने रविवार को नयी दिल्ली स्थित पुलिस मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। पुलिस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन में कई शिक्षक भी शामिल थे।जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, प्रोफेसर अपूर्वानंद समेत कई नागरिक समाज के लोगों ने यहां आकर छात्रों के साथ एकजुटता दिखाई। पुलिस बर्बरता के विरोध में नागरिक समाज के लोगों ने यहां पहुंचकर एकजुटता दिखाई। हर्ष मंदर ने कहा कि छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं है। अपना आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलाएं। सीएए के खिलाफ लड़ाई में देश भर के नागरिक समाज के लोग आपके साथ हैं आप लोग खुद को अकेला ना समझें।इसके अलावा भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण ने भी जामिया पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को अपना समर्थन दिया।
सोमवार, 16 दिसंबर 2019
जामिया का आंदोलन रातभर के लिए स्थगित
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