तिरुवनंतपुरम, 19 दिसंबर, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने पुलिस द्वारा दिल्ली में संशोधित नागरिकता अधिनियम के विरोध के दौरान वामपंथी नेताओं और बेंगलुरु में इतिहासकार रामचंद्र गुहा को हिरासत में लेने की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा है कि केरल संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करेगा। विजयन ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एनडीए सरकार तानाशाही प्रवृत्ति दिखा रही है। ऐसे हालात तो आपातकाल (1975-77) के दौरान भी नहीं देखे गये थे। विजयन ने कहा, ‘‘हम दिल्ली में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रकाश करात और बृंदा करात, भाकपा महासचिव डी राजा और बेंगलुरु में इतिहासकार रामचंद्र गुहा को हिरासत में लेने की कड़ी निंदा करते हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा, “संवैधानिक मूल्यों की हत्या करने वालों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शनों में भारतीयों के मन में उनके प्रति गुस्सा और उनकी सच्ची भावनाएं देखने को मिल रही हैं।मैं उन लोगों को सलाम करता हूं जो देश की स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आए हैं।” उन्होंने ट्वीट किया, “केरल ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि हम सामने खड़े होकर संविधान की रक्षा के लिए लड़ेंगे।” उन्होंने दावा किया कि सरकार विरोध करने वालों को धमका रही है और उन्हें गिरफ्तार कर रही है। विजयन ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार ने इंटरनेट और मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र को प्रमुख विश्वविद्यालयों और उसके छात्रों पर हमला करना बंद करना चाहिए। सरकार को संवैधानिक मूल्यों और नागरिकों के अधिकारों का हनन करके आगे बढ़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि बड़े पैमाने पर शुरू हुए विद्रोह दमन की कोशिशों से, यात्राएं बाधित करने से और गिरफ्तारी से कभी हारे नहीं हैं। उन्होंने सरकार से संशोधित नागरिकता कानून को वापस लेने के लिए कहा है। राज्य में सीएए के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
गुरुवार, 19 दिसंबर 2019
संविधान को बचाने के लिए केरल लड़ेगा : विजयन
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