नयी दिल्ली, 16 दिसम्बर, कांग्रेस तथा वाम दलों के साथ ही कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ दिल्ली के जामिया सहित देश के विभिन्न हिस्सों में जारी हिंसा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह काे जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर उन्हें इस स्थिति से अवगत करायेंगे।राज्यसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी. राजा, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव तथा कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सोमवार को यहाँ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार जनभावनाओं के खिलाफ काम कर रही है, इसलिए पूरे देश में उसके विरुद्ध आंदोलन हो रहे हैं। विपक्षी दल इस कानून को वापस लेने की सरकार से माँग करते आ रहे हैं।उन्होंने कहा कि पूरा देश जल रहा है और सभी विपक्षी दल इससे चिंतित हैं। उनका कहना था कि विपक्ष के सभी दल इस मामले में एकजुट हैं और जल्द ही राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। श्री आजाद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राष्ट्रपति से मुलाकात का समय माँगा गया है और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही समय मिल जाएगा तथा विपक्ष अपनी चिंता से राष्ट्रपति को अवगत कराएगा।विपक्ष के सभी नेताओं ने जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए इस प्रकरण की न्यायिक जाँच कराने की माँग की है। उन्होंने कहा कि यह विवाद हिंदू मुस्लिम से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिये बल्कि यह राष्ट्रीय मुद्दा है। राष्ट्रीय नागरिकता विधेयक को धर्म के आधार पर नहीं देखा जा सकता है बल्कि यह पूरी तरह से गैर-संवैधानिक है और पूरे देश के रुख को देखते हुए इसे वापस लिया जाना चाहिए।
सोमवार, 16 दिसंबर 2019
नागरिकता संशोधन कानून पर राष्ट्रपति से मिलेंगे विपक्ष के नेता
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