19 दिसंबर के बिहार बंद के दौरान किए गए फर्जी मुकदमे वापस ले सरकार8 जनवरी को मजदूर संगठनों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल को व्यापक बनाने का आह्वान
पटना 20 दिसंबर (आर्यावर्त संवाददाता) भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार, फारवर्ड ब्लाॅक के अमेरिका महतो और आरएसपी नेता विरेन्द्र ठाकुर ने संयुक्त बयान जारी करके सीएए व एनआरसी के खिलाफ आगामी 21 दिसंबर को राष्ट्रीय जनता दल द्वारा आहूत बिहार बंद को अपना समर्थन दिया है. वाम नेताओं ने कहा कि सीएए के खिलाफ आज पूरा देश आंदोलित है. 19 दिसंबर के ऐतिहासिक बिहार बंद के बाद बिहार में भी यह आंदोलन नई गति पकड़ चुका है. वाम नेताओं ने 19 दिसंबर के बिहार बंद के दौरान प्रदर्शनकारी नेताओं पर मुकदमे थोपने की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. कहा कि नीतीश कुमार केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर प्रदर्शनकारियों के दमन पर उतर गए हैं. इससे सीएए व एनआरसी के खिलाफ जारी आंदेालन रूकेगा नहीं, बल्कि वह और मजबूती हासिल करेगा. वाम नेताओं ने प्रदर्शनकारियों पर थोपे गए फर्जी मुकदमे को अविलंब वापस लेने की मांग की. वाम नेताओं ने श्रम अधिकारों के सवाल पर मजदूर संगठनों द्वारा 8 जनवरी को आहूत राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का समर्थन किया है और बिहार की आम जनता से इसे ऐतिहासिक बनाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस हड़ताल में सीएए व एनआरसी को वापस लेने की मांग प्रमुखता से उठाई जाएगी. मोदी सरकार लगातार मालिक पक्षीय श्रम सुधारों को अंजाम दे रही है. इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाना है ताकि कारपोरेटपरस्त मोदी सरकार को पीछे धकेलने के लिए बाध्य किया जा सके.
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