मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) मधुबनी के आम शहरवासियों ने इंडियन इंस्टिट्यूट टेक्निकल स्किल्स के नेतृत्व में विभिन्न शैक्षणिक और सामाजिक संगठनों के साथ मधुबनी जलसंकट पैदल मार्च में हिस्सा लिया। इस मार्च का आयोजन लोगों में पानी के संरक्षण का महत्त्व और उसके होने वाले दूरगामी फायदे की जागरूकता बढ़ाना था। मौके पर प्रेस को सम्बोधित करते हुए आई आई टी एस की निदेशिका और शिक्षाविद अनु झा ने बताया की इतनी साड़ी नदियों , तालाबों और जलीय क्षेत्र होने के बाद भी अपना मिथिला भी देश के अन्य क्षेत्रों की तरह गर्मियों में भारी जलसंकट का सामना करने लगा है , लगभग 70% चापाकल सूख जाते हैं , टैंकरों के सहायता से पानी पहुंचाई जाती है , ये भयावह परिस्थिति है| अगर हमने अभी से जल संरक्षण और संवर्धन पर ध्यान नहीं दिया तो बहुत देर हो जायेगी। ये समय है कि हम जल का उपयोग समझदारी से करें , इसे व्यर्थ में ना बहाएं , आस पास के जलीय क्षेत्र जैसे तालाब , कुआँ इत्यादि को और उसके आस पास गंदगी ना फैलाएं , अगर हम सब हाथ मिला लें तो बिना किसी बाहरी मदद के हम अपने जल सम्पदा को सुरक्षित रख सकते हैं।
इस बाबत शहरवासियों ने जिलाधिकारी श्री शीर्षत कपिल को एक ज्ञापन भी दिया जिसमे कहा गया कि जल संरक्षण की ज़िम्मेदारी जनता लेगी साथ ही जल संवर्धन के लिए तालाब, कुओं की सफाई, नए तालाब की खुदाई , वर्षा जल संचय के लिए जागरूकता बढ़ाने की ज़िम्मेदारी सरकार ले। इस मार्च में आई आई टी एस के छात्रों के अलावा, पोलस्टार स्कूल के छात्र, मुकुंद आर्ट्स क्लासेज के छात्र, स्टेप टू सक्सेस क्लासेज के छात्र ,मिथिला स्टूडेंट्स यूनियन के सेनानी, प्रोफेशनल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रणधीर झा, उपाध्यक्ष कैलाश भारद्वाज, फेलो तल्हा हुसैन, प्रशांत झा, शिक्षाविद कुंदन कौशिक, अक़ील अहमद, शम्भू कुमार वर्मा, समाजसेवी विजय घनश्याम, आशीष बुबना, सरोज मिश्रा के साथ शहर हज़ारों लोग शामिल हुए।
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