द्वितीय मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का राजनगर में शानदार आगाज़
राजनगर/मधुबनी (रजनीश के झा) शिक्षा पर आधारित विमर्श सत्र में संजय कुमार सिंह सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार साँझा किए। आज जो शिक्षा की फटेहाल व्यवस्था है उस पर सार्थक कार्य करने पर बल दिया गया, जिसका रोड मैप एडुजस्टिस के पास है, ऐसा वो मानते हैं। इसके साथ समानान्तर सत्र में मिथिला के स्थानीय इतिहास पर अपना विचार रखते हुए वक्ता भवनाथ झा एवं बिनयानन्द झा ने संचालक रिपुंजय ठाकुर के सभी समीचीन प्रश्नों का जबाब दिया जो आधुनिक इतिहास पर उठने वाले बहुत से प्रश्नों का जबाब था। वहीं दुर्गा दलान पर आयोजित मैथिली भाषा आ सम्बध्द बोली के विमर्श सत्र में जैसे भाषा और बोली को लेकर आज के परिदृश्य में भाषा की प्रासंगिकता और उसके प्रति जनसामान्य की प्रतिबद्धता पर बल दिया गया, इसमें वक्ता के तौर पर रमानन्द झा रमन, केषकर ठाकुर, भवनाथ झा, संजय पाठक आदि मौजूद थे। वहीं मैथिली मचान पर आयोजित महत्वपूर्ण वैचारिक सत्र पोखरि-रजोखरि में गजानन मिश्र, राम चैतन्य धीरज एवं अजय कुमार पाठक उपस्थित थे। इसमें जल समस्या, संरक्षण एवं समाधान तीनो पर बल दिया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रसिद्ध लोक एवं शास्त्रीय गायक पण्डित हरिनाथ झा जी ने लोक एवं शास्त्रीय धुनों को छेड़कर जो समां बांधा उससे दर्शक भाव-विभोर हुए एवं तालियाँ बजाते रहे। सुब्रतो डे का सितार वादन भी अपने आप मे अनूठा रहा।
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