राजनगर/मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल (24-27 दिसंबर) राजनगर और सौराठ में आयोजित एक बहुभाषिक समुदाय की अपने धरोहर को समेटने तथा समृद्ध साहित्य कला के उत्साह का उत्सव साबित होगी। इसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को उनके समृद्ध संस्कृति से परिचय कराना एवं विस्थापन को रोकना है। इस फेस्टिवल का विषय क्षेत्र मिथिला के विशिष्ट अतीत और भविष्य का रेखांकन है। मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल के माध्यम से इतिहास, साहित्य और संस्कृति, बौद्धिक परंपरा,दर्शन आदि धरोहरों का संरक्षण एवं नई पीढ़ी को इस अतीत से अवगत कराना होगा। इस फेस्टिवल में तंत्र शक्ति परंपरा, मैथिली भाषा साहित्य, उद्योग, जल संसाधन, कुटीर उद्योग, हस्तकला, मिथिला चित्रकला, भोजन-विन्यास, स्थापत्य, जीवन शैली, मैथिली रंगमंच, ध्रुपद संगीत, फोटोग्राफी आदि विषयों पर पैनल डिस्कशन, वार्ता, प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। इसमें देशभर के विद्वानों का समागम होगा। मिथिला पर बहुभाषीय पुस्तक मड़बा का भी लोकार्पण किया जाएगा। तीन दिवसीय इस महोत्सव में प्रतिदिन मैथिली कवि गोष्ठी, मिथिला पेंटिंग पर कार्यशाला, बाल रंगमंच शिविर, फोटोग्राफी, मैथिली गीतनाद प्रतियोगिता, अरिपन, हस्तकरघा, भारतीय पुरातत्व व मैथिली साहित्य प्रदर्शनी, कवि गोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, पुस्तक मेला का भी आयोजन किया जाएगा।
गुरुवार, 19 दिसंबर 2019
द्वितीय मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल 2019 की तैयारी हुई शुरू
Tags
# बिहार
# मधुबनी
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
मधुबनी
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें