लखनऊ, सात दिसंबर, बसपा प्रमुख मायावती ने महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाओं पर उच्चतम न्यायालय से संज्ञान लेने और इन पर रोक लगाने के लिए केंद्र को फौरन प्रभावी कदम उठाने का निर्देश देने का शनिवार को अनुरोध किया। उन्नाव (उत्तर प्रदेश) दुष्कर्म पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो जाने के कुछ घंटों बाद मायावती ने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने राज्यपाल से कानून-व्यवस्था और खासकर महिलाओं के प्रति अपराध को लेकर लोगों की चिंताओं से सरकार को अवगत कराने का अनुरोध किया।उन्होंने राज्यपाल से अपने संवैधानिक दायित्वों के तहत मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। प्रदेश की भाजपा सरकार पर करारा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि देश भर में दुष्कर्म, हत्या और छेड़छाड़ के मामले हो रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं “अत्यधिक” हो रही हैं। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यह बेहद दुखद है कि बीते कुछ बरसों में, खासकर भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। यह उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक मामला नहीं है, मैंने कल भी कहा था कि ऐसा कोई भी दिन नहीं होता जब दुष्कर्म, हत्या, दुष्कर्म के प्रयास या छेड़छाड़ की घटना नहीं हो।” उन्होंने कहा, “ये पूरे देश में हो रही हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसे मामले अत्यधिक हैं। मेरी पार्टी का मानना है कि जबतक प्रदेश सरकार ऐसे आपराधिक तत्वों से तेजी से और सख्ती से नहीं निपटेगी तब तक उन पर लगाम नहीं लगाई जा सकती।” उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को उसके दो कथित दुष्कर्मियों समेत पांच लोगों ने गुरुवार सुबह उस वक्त जिंदा जलाने की कोशिश की, जब वह मामले में सुनवाई के लिये रायबरेली की एक अदालत जा रही थी। महिला (23) से पिछले साल हुए दुष्कर्म के आरोपियों में से एक को 10 दिन पहले ही जमानत मिली थी। दूसरा व्यक्ति फरार था। गुरुवार को हुए हमले में शामिल सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बसपा प्रमुख ने कहा, “उच्चतम न्यायालय अगर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते मामलों पर स्वत:संज्ञान लेकर केंद्र को कार्रवाई का निर्देश देता है तो मुझे लगता है कि तब वह (केंद्र सरकार) हरकत में आएगी।” उन्होंने कहा, “संसद का सत्र चल रहा है और केंद्र सरकार को इन मामलों पर संज्ञान लेकर इनके नियंत्रण के लिये सख्त कानून बनाने की जरूरत है लेकिन केंद्र कार्रवाई करता नजर नहीं आ रहा। मेरी पार्टी चाहती है कि उच्चतम न्यायालय इसे गंभीरता से ले। पहले हैदराबाद और अब उन्नाव में, ऐसे मामले लगातार हो रहे हैं।” बसपा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के परिवार को “समुचित सुरक्षा” सुनिश्चित करें। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि 23 वर्षीय महिला की मौत बेहद दुखद है और इस मुश्किल वक्त में बसपा पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है।उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार पीड़ित परिवार को समुचित न्याय दिलाने हेतु शीघ्र ही विशेष पहल करे, यही इंसाफ का तकाज़ा और जनता की मांग है।" उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, इस तरह की दर्दनाक घटनाओं को राज्य सहित पूरे देशभर में रोकने के लिए राज्य सरकारों को चाहिए कि वे लोगों में कानून का खौफ पैदा करे तथा केन्द्र भी ऐसी घटनाओं को मद्देनजर रखते हुये दोषियों को निर्धारित समय के भीतर ही फांसी की सख्त सजा दिलाने का कानून जरूर बनाए।" उन्होंने राज्यपाल को दिये ज्ञापन में कहा, “एक महिला के तौर पर इस परिदृश्य से मैं चिंतित हूं और आपसे अनुरोध है कि बतौर संवैधानिक प्रमुख और महिला होने के नाते आप सरकार को इस मुद्दे पर लोगों की भावनाओं से अवगत कराएंगी।” उन्होंने कहा, “लोग नाराज हैं क्योंकि वे देख रहे हैं कि दोषियों को सजा दिलाने के बजाए पुलिस और प्रशासन उनको संरक्षण दे रहा है और आवभगत कर रहा है। इससे उत्तर प्रदेश का नाम खराब हो रहा है।”
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