सभी को न्याय सुलभ कराने की जरुरत-कोविंद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शनिवार, 7 दिसंबर 2019

सभी को न्याय सुलभ कराने की जरुरत-कोविंद

need-to-make-justice-accessible-to-all-kovind
जोधपुर 07 दिसम्बर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सभी को न्याय सुलभ कराने की जरुरत बताते हुए कहा है कि महात्मा गांधी की कसौटी एवं गरीब का चेहरा याद किया जाये तो न्याय की राह नजर आयेगी।श्री कोविंद ने आज यहां उच्च न्यायालय जोधपुर के नये भवन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने नि:शुल्क कानूनी सहायता को अहमियत देते हुए कहा कि इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व कानून मंत्री अशोक कुमार सेन के इस क्षेत्र में दिये योगदान से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेंच और बार के सदस्यों का सामूहिक प्रयास प्रभावी सिद्ध हो सकेगा।उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था खर्चीली हुई है और इससे जन सामान्य के लिए मुश्किल हो रहा है और उनके लिए उच्चत्तम न्यायालय और उच्च न्यायालय तक पहुंचना नामुमकिन है लेकिन महात्मा गांधी की कसौटी और गरीब का चेहरा याद किया जाये तो न्याय की राह नजर आयेगी। उन्होंने कहा कि युवा अधिवक्ता आम लोगों को न्याय व्यवस्था में अपनी भागीदारी देकर बड़ी भूमिका अदा कर सकते है। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में भी सभी के लिए न्याय सुलभ की बात कही गई है।उन्होंने उच्चत्तम न्यायालय को दिये अपने सुझाव को मानने पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि आज उच्चत्तम न्यायालय की वेबसाइट पर नौ भाषाओं में आदेश की प्रतिलिपियां उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि राजस्थान उच्च न्यायालय में भी आदेशों का अनुवाद हिन्दी में उपलब्ध कराये जायेंगे।श्री कोविंद ने राजस्थान उच्च न्यायालय की परम्परा गौरवशाली रही है और उसने उच्चत्तम न्यायालय को कई न्यायाधीश दिये है। उन्होंने कई न्यायाधीशों को याद करते हुए कहा कि इनमें नगेन्द्र सिंह, दलबीर भंडारी, आर एम लोढ़ा सहित कई नाम गिनाये जा सकते है। उन्होंने कहा कि अब जिम्मेदारी आगे युवा पीढ़ी पर है।उन्होंने कहा कि वह उच्च न्यायालय के नये भवन के उद्घाटन का साक्षी बन रहे है जो उनका इस तरह का पहला कार्यक्रम है जिसमें उच्चत्तम न्यायालय के सात न्यायाधीश्, तेलगांना और मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, भारी भीड़ वाला न्यायिक समारोह दिल्ली के बाहर पहली बार देखने को मिल रहा है। उन्होंने नये भवन की प्रशंसा करते हुए कहा कि उसके गोल आकर को देखकर संसद की याद आ जाती है जो 288 स्तंभों पर टिका हुआ है और जोधपुर छीतर पत्थर से बना हुआ है।इस अवसर पर उच्चत्तम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे़, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, केन्द्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति ने भी समारोह को संबोधित किया।

कोई टिप्पणी नहीं: