गोपालगंज,6 दिसम्बर (आर्यावर्त संवाददाता) ।जल-जीवन-हरियाली' यात्रा पर निकले मुख्यमंत्री पहले चरण के आखिरी दिन आज शुक्रवार को गोपालगंज पहुंचे।यहां मुख्यमंत्री ने 200 करोड़ की लागत से 105 विकासात्मक योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया। इस मौके पर बच्चों द्वारा 'जल-जीवन-हरियाली' जागरूकता अभियान को लेकर बनायी गयी रंगोली को देखा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हैदराबाद की घटना के बाद बिहार के बक्सर और समस्तीपुर में युवतियों को जलाकर मार डालने की घटना पर पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया इस तरह की घटनाओं के लिए एक हद तक जिम्मेदार है। सोशल मीडिया का दुरुपयोग सही नहीं है। पोर्न साइट गलत काम करता है, इससे मानसिकता बिगड़ती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार भी पोर्न साइट पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखेगा, और जल्द ही बिहार में पोर्न साइट को बंद किया जाएगा। यह बातें मुख्यमंत्री ने जल जीवन हरियाली यात्रा अभियान के चौथे पड़ाव के तहत गोपालगंज में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि 2005 में मैंने न्याय यात्रा के दौरान ही ये तय किया था कि न्याय के साथ विकास का काम चलेगा।फिर वो किसी भी वर्ग के उत्थान की बात ही क्यों ना हो? हमने सबको मुख्य धारा से जोड़ा, हर क्षेत्र में काम किया। बिहार में उत्पादकता बढ़ी, विकास का काम हुआ, जब मौका मिला। हम जिस समय आए उस समय बिहार का बजट 25 लाख था आज यह काफी बढ़ गया है। मैंने जो काम शुरू किया, उसको जारी रखा है, कोई काम छोड़ा नहीं है। हमने लड़कियों के लिए काम किया, प्राथमिक विद्यायल के बाद लड़कियां स्कूल नहीं जाती थीं, लेकिन अब देखिए, माता-पिता ये कहते हैं कि लड़कियों को 8वीं तक ही क्यों पढ़ाये? इसके लिए राज्य के सभी स्कूलों में मैट्रिक तक पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित की। बिहार में कोई सोचता नहीं था कि लड़की साइकिल भी चलाएगी, इतनी संख्या में स्कूल भी जाएंगी। उस वक्त कहीं भी लड़कियां साइकिल चलाती नहीं दिखती थीं, लेकिन हमने साइकिल योजना से उनका उत्साह बढ़ाया। आज देखिये लड़कियां हर गांव में साइकिल चलाती स्कूल जाती दिख जाएंगीं। हमने शराबबंदी को लागू किया। आज मजदूर-गरीब तबके के लोग शराब नहीं, दूध सब्जी लेकर घर आते हैं। घरों में खुशहाली आई है। आज हमारे सामने दहेज और बाल विवाह की चुनौतियां हैं। हमने जीविका दीदियों से अनुरोध किया है कि लोगों को दहेज और बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करें। उन्हें समझाएं कि ये सामाजिक बुराई है। नीतीश ने कहा कि हम जीवन के लिए जो भी जरूरी है, सब काम करते हैं। राज्य में हर घर नल का जल पर काम चल रहा है, अगले वर्ष अप्रैल तक इसे पूरा करना है। इसके साथ ही हर घर में शौचालय बन जाना चाहिए। पुरुषों की आदत है खुले में शौच करने की, उसे बदलिए, बाहर जाएंगे यह सही नहीं, बदल दीजिये इस आदत को,। मौसम में बदलाव हुआ, वर्षापात बिहार में 1200मिलीमीटर था, अब 1 हजार मिलीमीटर पहुंच गया। इस साल भी बुरा हाल हुआ, जुलाई में सुखाड़, सितम्बर में बाढ़, यह सब जलवायु परिवर्तन का नतीजा है। इसके बाद हमने यह निर्णय लिया है कि जल और जलवायु है तो जीवन सुरक्षित है, इसके लिए अभियान चला रहे हैं। नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली के जागरूकता सम्मेलन में आने के लिए सभी को धन्यवाद दिया और कार्यक्रम में शामिल सभी अधिकारियों ने जल जीवन हरियाली के बारे में लोगों को अवगत कराया।
19 जनवरी 2020 को गया में बनेगी 516 किलोमीटर लंबी मानव शृंखला
उन्नीस जनवरी 2020 को पूरे राज्य में जल-जीवन-हरियाली, नशामुक्ति, बाल विवाह की समाप्ति और दहेज उन्मूलन विषय पर राज्यव्यापी मानव श्रृंखला का आयोजन किया जाना है। बिहार के सभी जिलों से संपर्क के साथ 16200 किलोमीटर (मेन व सब रूट) की मानव शृंखला बनाई जाएगी। मुख्य सचिव के निर्देशानुसार इस बार बनने वाली मानव शृंखला की लंबाई 21 जनवरी 2018 की श्रृंखला से 20 प्रतिशत अधिक होगी। 19 जनवरी 2020 को कम से कम 516 किलोमीटर लंबी मानव शृंखला बनाने का लक्ष्य गया जिले के लिए निर्धारित किया गया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इस बाबत डीएम-एसएसपी को निर्देश जारी किए हैं। 19 जनवरी को पूर्वाह्न 11.30 बजे से 12.00 बजे तक मानव श्रृंखला में निर्धारित मार्ग पर लोग आपस में हाथ से हाथ जोड़कर खड़े रहेंगे। सुबह साढ़े दस बजे तक सभी प्रतिभागी निर्धारित स्थल तक उपस्थित हो जाएंगे। मानव श्रृंखला के सभी प्रतिभागी पटना को प्रस्थान स्थल मानते हुए सड़क की बायीं ओर कतारबद्ध होकर खड़े रहेंगे।
दस दिसंबर तक देना है रोड मैप संबंधी प्रतिवेदन
अधिकारियों को लक्ष्य के अनुसार जिले में बनने वाली मानव श्रृंखला का मुख्य मार्ग और उप मार्ग का मैप सहित प्रतिवेदन 10 दिसंबर तक जन शिक्षा निदेशालय को हार्ड व सॉफ्ट कॉपी में भेज देना है। साथ ही जिला पदाधिकारी को एक वरीय पदाधिकारी को श्रृंखला निर्माण पदाधिकारी नामित करने को कहा गया है और इसकी तैयारी के लिए शीघ्र ही जिलास्तर पर बैठक करने के लिए निर्देशित किया गया है। विभिन्न स्तरों पर संपन्न होने वाले मानव श्रृंखला की सारी प्रक्रिया, गतिविधियां का दस्तावेजीकरण, फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने का निर्देश दिया गया है।
कक्षा एक से पांचवी तक के बच्चे नहीं होंगे शामिल
जिलास्तर के सभी सरकारी एवं संविदाकर्मी, सरकारी-गैर सरकारी स्कूल व कॉलेजों के शिक्षक, कर्मी, जीविका व आशा दीदी, सेविका, सहायिका, छात्र-छात्राएं मानव श्रृंखला निर्माण में पूर्ण भागीदारी करेंगे। जीविका और मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना से जुड़े शिक्षा सेवक इसके लिए प्रचार-प्रसार करेंगे। इसके लिए नवाचारी गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।लोगों ने हाथ उठाकर मानव ऋखंला बनाने में स्वीकृति प्रदान किए।
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