और मैं कहता हूँ देश को ऐसी स्थिति में लाने के लिए भागीदार हैं नीतीश कुमार भी।
पटना (आर्यावर्त संवाददाता) नोटबंदी से देश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ टूट गई। भारत की अर्थव्यवस्था कराह रही है। 2014 से पहले जिस देश की जीडीपी 9% थी, नोटबंदी के बाद जीडीपी लगातार गिरती चली गई। वर्तमान में सरकार ने स्वयं अपनी नजरिया से जीडीपी की स्थिति सार्वजनिक की है वह है 4%। कुल मिलाकर महंगाई, बेरोजगारी चरम सीमा पार कर चुकी है। देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। प्रशांत किशोर जी सच कहा आपने कि नोटबंदी का खामियाजा देश भुगत रहा है। अच्छा होता आप यह भी कह देते कि देश को ऐसी स्थिति में लाने के लिए नीतीश कुमार भी बराबर के अपराधी हैं। याद है न महागठबंधन में रहते हुए जदयू ने नोटबंदी जैसे काले फरमान का समर्थन किया था निश्चित ही नोटबंदी की तरह NRC का खामियाजा भी देश को भुगतना होगा, और इसके लिए पिछली बार की तरह इस बार भी जदयू बराबर का दोषी होगा। क्योंकि जदयू ने एक बार फिर NRC जैसे देश को तोड़ने वाले कानून को सपोर्ट किया है। प्रशांत किशोर जी यह आपको भी पता है कि जदयू का मतलब सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार है। आप यह खुलकर क्यों नहीं कहते कि देश की बर्बादी के लिए नीतीश कुमार भी जिम्मेवार है!
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