नयी दिल्ली 09 दिसंबर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आयुध कारखानों के निजीकरण की अटकलों काे खारिज करते हुए सोमवार को राज्यसभा में कहा कि इनका निगमीकरण करने की योजना पर विचार किया जा रहा है।श्री सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सामरिक महत्व के आयुध कारखानों के निजीकरण का कोई सवाल नहीं है। सरकार आयुध कारखानों का निगमीकरण करने पर विचार कर रही है। इससे इनकी गुणवत्ता में सुधार होगा और बेहतर प्रबंधन के साथ इन्हें संचालित किया जा सकेगा।उन्होंने कहा कि आयुध कारखानों के मजदूर संघों के साथ इस संबंध में बातचीत की जा रही है। उन्होंने कहा कि आयुध कारखानों के निगमीकरण के दौरान मजदूरों के हितों की रक्षा की जाएगी।रक्षा मंत्री ने कहा कि आयुध कारखानों के समक्ष उत्पादन आर्डर का कोई संकट नहीं है। आयुध कारखानों के आर्डर सशस्त्र बलों और अंतर्राष्ट्रीय मांग पर निर्भर करता है। उन्होेंने कहा कि हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के पास 59 हजार 832 करोड रुपए, भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड के पास 56 हजार 300 करोड़ रुपए, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के पास 52 हजार 113 करोड़ रुपए और बीईएमएल लिमिटेड के पास 9568 करोड़ रुपए के उत्पादन आर्डर हैं।
सोमवार, 9 दिसंबर 2019
आयुध कारखानों का निजीकरण नहीं : राजनाथ
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