पटना (आर्यावर्त संवाददाता) : नागरिक संशोधन बिल के समर्थन में जदयू के खड़े होने पर पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने निराशा जताई है. उनका कहना है कि ऐसा करना पार्टी के संविधान और सिद्धांत के विरुद्ध है. उन्होंने इस मुद्दे पर आज एक ट्वीट किया और कहा कि यह देखकर निराशा हुई कि JDU सिटीजन अमेंडमेंट बिल का समर्थन कर रही है, जो धर्म के आधार पर नागरिकता के अधिकार में भेदभाव है. यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता है, जिसने पहले पेज पर तीन बार धर्मनिरपेक्ष शब्द का इस्तेमाल किया है और नेतृत्व कथित रूप से गांधीवादी आदर्शों द्वारा निर्देशित है. पार्टी की नीतियों और फैसलों पर प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद राष्ट्रीय नेतृत्व क्या फैसला करता है, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन इतना तय है और स्पष्ट है कि प्रशांत किशोर ने पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया है. प्रशांत किशोर फिलहाल पश्चिम बंगाल में भाजपा की विरोधी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीति बनाने में व्यस्त हैं.
सोमवार, 9 दिसंबर 2019
बिहार : जदयू के निर्णय को पीके ने निराशाजनक बताया
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