गांधीनगर, 15 दिसम्बर, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पुलिस द्वारा त्वरित जांच के साथ बलात्कार के अपराध को रोके जाने की आवश्यकता पर रविवार को जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना न्यायपालिका का कर्तव्य है कि न्याय ‘‘लगातार देरी’’ के बिना दिया जाए, हालांकि ‘‘त्वरित न्याय’’ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि बलात्कार के अपराध को बिना किसी भेदभाव के रोका जाना चाहिए या इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए। उपराष्ट्रपति का यह बयान 16 दिसम्बर, 2012 को निर्भया सामूहिक बलात्कार-हत्या मामले के सात साल पूरे होने की पूर्व संध्या पर आया है। हालांकि उन्होंने अपने भाषण में इस घटना का उल्लेख नहीं किया। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने हाल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दिल्ली सरकार की उस सिफारिश को भेजा है जिसमें सामूहिक बलात्कार मामले के दोषियों में से एक की दया याचिका खारिज किये जाने की बात कही गई है। नायडू गुजरात में गांधीनगर के कराई गांव में राज्य पुलिस अकादमी में एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं और बच्चों के खिलाफ, विशेषकर जघन्य अपराधों की बढी संख्या मुझे परेशान करती है। हम देशभर में यहां-वहां इस तरह की घटनाओं को सुन रहे हैं।’’ उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैं देश के राजनीतिक दलों से चाहता हूं कि इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाये और इसे राजनीतिक रंग न दे।’’ उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को ‘‘बिना किसी भेदभाव के खत्म किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस का रवैया लोगों और महिलाओं के साथ सहयोगपूर्ण होना चाहिए और महिलाओं के खिलाफ अपराधों से दक्षता के साथ निपटा जाना चाहिए। पुलिस को हर शिकायत को बिना किसी भेदभाव के दर्ज करना चाहिए, जांच जल्द से जल्द पूरी जांच करनी चाहिए और जल्द से जल्द मुकदमा शुरू करना चाहिए।’’ न्यायपालिका से अपील करते हुए नायडू ने कहा कि न्यायिक जांच जल्द से जल्द पूरी की जानी चाहिए और इस तरह की आपराधिक प्रवृत्ति पर ‘‘अंकुश’’ लगाने के लिए जल्द से जल्द दोषियों को सजा दी जानी चाहिए। हाल में हैदराबाद और उन्नाव में बलात्कार और हत्या की घटनाओं से देशभर में लोगों के बीच आक्रोश देखा गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस को तेजी से जांच करनी चाहिए और इस तरह के अपराधों में जल्द से जल्द आरोप पत्र दायर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि साथ ही न्यायपालिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ‘‘लगातार देरी’’ नहीं हो। नायडू ने कहा, ‘‘न्यायपालिका का भी एक कर्तव्य है। आप त्वरित न्याय नहीं कर सकते, लेकिन आपके पास निरंतर देरी नहीं हो सकती। यह सभी को समझना होगा।’’ हाल में हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक के बलात्कार और हत्या मामले में गिरफ्तार चार संदिग्ध तेलंगाना पुलिस के साथ हुई एक कथित मुठभेड़ में मारे गये थे। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हम ऐसे अपराधों की जांच के लिए पुलिस की एक विशेष टीम का गठन करें और संकट की स्थिति में महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान बनने चाहिए। हर एक पुलिस अधिकारी को ऐसे अपराधों के पीड़ितों के बारे में संवेदनशील होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराधों के पीड़ितों के साथ सम्मान और करुणा के साथ पेश आना चाहिए। ‘‘इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि प्राथमिकी दर्ज करने और जांच करने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए।’’ नायडू ने पुलिस बल में ‘‘सुरक्षाकर्मियों की कमी और भ्रष्टाचार’’को लेकर भी चिंता जताई।
रविवार, 15 दिसंबर 2019
बलात्कार मामलों में बिना देरी के न्याय सुनिश्चित होना चाहिए : नायडू
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