आयुष्मान योजना में पात्र परिवारों का 5 लाख रू. तक स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की जायेगी
आयुष्मान भारत निरामय्म मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य योजना में पात्र हितग्राहियों को प्रति परिवार प्रति वर्ष 05 लाख तक की स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की जायेगी। इस योजना अन्तर्गत वर्ष 2011 की जनगणना जिसमें सामाजिक/आर्थिक/जाति आधार पर एवं ऐसे बंचित परिवारों को आयुष्मान भारत निरामय्म मध्यप्रदेश योजना से सीधे तौर पर लाभांवित हो सकेंगे। बीपीएल कार्डधारी/हितग्राही/दीनदयाल उपचार योजना के कार्ड धारक/राषन पर्ची धारक/नया सवेरा योजना के पात्र हितग्राहियों को इस योजना में समाहित किया गया है।
घरेलू तरीकों से जाना जा सकता है मिलावटी खाद्य पदार्थों के बारे में
घरेलू तरीकों से अपमिश्रित या मिलावटी खाद्य पदार्थों के बारे में जाना जा सकता है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक दूध की जांच हेतु 10 मिली दूध में 5 बूंदें आयोडीन का घोल डालें। अगर नीला हो जाए, तो स्टार्च है। 10 मि.ली. दूध में 5-6 बूंदें नमक का तेजाब डालें। अगर अखाद्य रंग होगा, तो उसका रंग बदल जाएगा। 10 मि.ली. दूध में लाल लिटमस पेपर भिगोएं। अगर नीला हो जाता है, तो उसमें खाने का सोड़ा मिलाया गया है। शुद्ध देशी घी की शुद्वता की जांच के लिए 10 मि.ली. नमक के तेजाब में एक छोटा चम्मच शक्कर डालकर उसे मिला लें, फिर पिघला हुआ घी 10 मि.ली. डालकर जोर से हिला दें। करीब 10 मिनट तक उसे रखें। मिलावट होने पर तेजाब वाली परत लाल या गुलाबी हो जाती है। खाने के तेल की जांच हेतु 10 मि.ली. तेल में नमक का तेजाब मिला लें व सावधानी से चार-पांच बूंदे फैरिक क्लोराइड को डालें व फिर धीरे से मिला लें। अगर लाल या भूरे रंग की तलछट आवे तो उस तेल में अर्जीमोन का तेल मिला समझना चाहिए। चायपत्ती की शुद्वता की परख के लिए कुछ चायपत्ती को गीले सफेद कागज पर छिड़क दें। बाद में कुछ समय बाद पत्तियां हटा लें। अगर कागज पर लाल, पीला, गुलाबी निशान आ जावे, तब चायपत्ती को मिलावटी समझना चाहिए। शक्कर की जांच हेतु थोड़ी शक्कर को पानी में घोलें और उसमें लाल लिटमट पेपर डालें। अगर वह नीला हो जावे, तो शक्कर में सोड़ा है। सूजी, रबा व चाय पत्ती की जांच हेतु सूजी, रबा या चायपत्ती में चुम्बक घुमावें, लोहे का बुरादा उसमें चिपक जाएगा। पिसे मसाले की शुद्वता की जांच हेतु 10 ग्राम पिसे मसाले को थोड़े पानी में डालकर हिलाके, बुरादा बारीक पिसा डंठल, गेहू का चोकर, ऊपर तैरने लगेगा। इस मिश्रण को निकाल लें, फिर उसमें 5 मि.ली. नमक का तेजाब डालें। अगर पानी का रंग रंगहीन या अपने स्वाभाविक रंग में बदल कर कोई दूसरा रंग हो जाता है तो समझें बेसिक अखाद्य रंग हैं।
पाला से फसलों को बचाने कृषि विभाग ने दी किसानों को सलाह
शीतलहर और तापमान में भारी गिरावट की संभावनाओं को देखते हुए पाला पड़ने की आशंका के मद्देनजर कृषि विभाग ने फसलों को इसके प्रकोप से बचाने किसानों के लिए सलाह जारी की है। कृषि विभाग के अनुसार पाला से दलहनी एवं सब्जी वर्गीय फसलें अधिक प्रभावित हो सकती हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए कृषकों को सलाह दी जाती है कि खेतों में हल्की सिंचाई करें एवं रात्रि में 12 से 2 बजे के बीच मेढ़ों पर कचरे को जलाकर धुआं करें तथा फसलों पर सल्फर का 0.1 प्रतिशत घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें। इससे फसलों पर पाला का प्रभाव कम हो जाता है। पौधशाला के पौधों एवं क्षेत्र वाले उद्यानों व नगदी सब्जी वाली फसलों को टाट अथवा पालीथिन अथवा भूसे से ढ़कने का सुझाव भी दिया है। उन्होंने वायुरोध टाटियां को हवा आने वाली दिशा की तरफ से बांधकर क्यारियों के किनारे पर लगाएं तथा दिन में पुन: हटा दें।
किसान 31 दिसम्बर तक करा सकते हैं फसल बीमा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रबी वर्ष 2019-20 के तहत अधिसूचित फसलों के लिए के सभी किसानों का 31 दिसंबर 2019 तक फसल बीमा हर हाल में किए जाने के निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों तथा बैंकर्स को दिए गए हैं। बैंक अधिकारियों को ऋणी किसानों की बीमा प्रीमियम उनके ऋण खाते से तथा अऋणी किसानों से भू-अधिकार पुस्तिका एवं बुआई प्रमाण पत्र के आधार पर बीमा की प्रीमियम राशि प्राप्त करने के निर्देश दिए गए हैं। ऋणी एवं अऋणी किसानों को समय सीमा के भीतर प्रीमियम जमा करने के लिए प्रेरित करने तथा अधिक से अधिक किसानों का फसल बीमा किए जाने के लिये कहा गया है।
सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर रोक के निर्देश
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को फेजआउट करने का संकल्प लिया गया है। राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों में जिले के समस्त विभाग प्रमुख अधिकारियों को समस्त विभागों में होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान डिस्पोजेबल प्लास्टिक, प्लास्टिक कैरीबैग, फूड पैकेजिंग, प्लास्टिक फ्लॉवर, बैनर, झण्डे, पैट, बॉटल्स, कटलरी प्लेट्स, कप, ग्लास, स्ट्रॉ फोकर्स, स्पून्स, पाउच व शेसे आदि एवं थार्माकोल से निर्मित सजावट व अन्य सामान के उपयोग को प्रतिबंधित करने के लिये कहा गया है।
अब रविवार को भी खुले रहेंगे शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अब रविवार को भी खुला रहेगा। इस आशय के आदेश मिशन संचालक एन.एच.एम. द्वारा दिए गए हैं। शहरी क्षेत्र में बढ़ती आबादी के अनुपात को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 07 संभागीय जिलों में संजीवनी क्लीनिक का शुभारंभ 07 दिसंबर से किया जा चुका है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भी मलिन बस्तियों में निवासरत लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने हेतु संचालित किए जा रहे है। सोमवार को इन केन्द्रों पर अवकाश रहेगा।
भिक्षा वृति रोकने चलाया अभियान
आयुक्त महोदय, भोपाल संभाग भोपाल के आदेशानुसार भोपाल संभाग में चलाए जा रहें, ‘‘खुशहाल नौनिहाल शसक्त बच्चपन सुरक्षित बचपन बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम निवारण अभियान‘‘ अंतर्गत जिला बाल संरक्षण इकाई एवं विशेष किशोर पुलिस इकाई व चाईल्ड लाईन, द्वारा सीहोर नगर में शनि मंदिर, एव प्रमुख चौराहों पर भिक्षावृत्ति करते 08 बालक एवं 02 बालिकाओं को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया जहां पर समिति सदस्य श्री अनिल सक्सेना एवं परामर्षदाता द्वारा बच्चों की काउंसलिंग की गई, एवं बच्चों को भिक्षावृत्ति नहीं करने की समझाईश दी गई, इन बच्चों के माता-पिता से भी संपर्क किया गया, लेकिन परिजनों के मोके पर नहीं आने पर सभी बच्चों को बाल गृह में रखा गया है। बाल कल्याण समिति प्रभारी अध्यक्ष/सदस्य श्री अनिल सक्सेना द्वारा जानकारी दी गई की सभी बच्चें आस-पास के गांव के रहने वाले है, ओर नगर के सीवन नदी स्थित शनि मंदिंर एवं प्रमुख चौराहों पर भिक्षावृत्ति करते हुऐ संयुक्त दल को मिले है, बच्चों द्वारा बताये गये पते अनुसार बच्चों के माता-पिता से संपर्क किया गया है, एवं सभी को बाल कल्याण समिति के समक्ष बुलवाया गया है। संयुक्त अभियान में बाल संरक्षण अधिकारी, अनिल पोलाया, अमित दुबे, व श्री सुरेश पांचाल परामर्षदाता एवं विशेष किशोर पुलिस इकाई प्रभारी श्री शेर सिंह खरते, उपनिरीक्षक एवं श्री विनय दुबे आरक्षक, एसजेपीयू, व चाईल्ड लाईन टीम मेंम्बर द्वारा संयुक्त रूप कार्यवाही की गई एवं उपस्थित थे। बाल संरक्षण अधिकारी श्री अनिल पोलाया द्वारा बताया गया कि अभियान में प्राप्त बच्चों के आधार कार्ड, सम्रग आई डी, एवं परिवार की श्रैणी अनुसार पात्रतापर्ची का मिलान कर उक्त बच्चों को उनके नजदीक की शाला में प्रवेश कराया जायेगा एवं शासन की योजनाओं से लाभान्वित कर उनका उचित पुर्नवास किया जायेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें