नयी दिल्ली, 16 दिसम्बर, केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि 2020 में होने वाले टोक्यो ओलम्पिक में भारत 2012 के लंदन ओलम्पिक की पदक संख्या को पीछे छोड़ देगा।खेल मंत्री ने सोमवार को आजतक के महामंच एजेंडा आजतक-2019 में तीन ओलम्पिक पदक विजेता खिलाड़ियों पहलवान सुशील कुमार, मुक्केबाज विजेंदर सिंह और महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम की मौजूदगी में टोक्यो ओलंपिक में भारत की पदक संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि भारत कितने पदक हासिल करेगा। लेकिन अगले साल अप्रैल-मई में इसका अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “हां, इतना कहा जा सकता है कि 2012 के लंदन ओलंपिक की तुलना में इस बार ज्यादा पदक आएंगे।”गौरतलब है कि लंदन ओलंपिक के दौरान भारत की झोली में कुल 6 पदक (2 रजत, 4 कांस्य) आए थे जबकि पिछले रियो ओलम्पिक में भारत को एक रजत और एक कांस्य पदक के रूप में दो पदक मिले थे। अगले साल टोक्यो ओलंपिक 24 जुलाई से 9 अगस्त तक खेले जाएंगे।रिजिजू ने ओलंपिक में भारत की पदक संभावनाओं को बड़ा आकार देने के लिए रोड मैप तैयार कर लिया है, जिस पर लगातार अमल जारी है। उन्होंने दावा किया कि 2028 ओलंपिक में भारत पदक विजेताओं की सूची में शीर्ष 10 में होगा।उन्होंने साफ-साफ कहा, “भारत में स्पोर्ट्स कल्चर नहीं हैं। क्रिकेट के अलावा किसी और खेल में हम वो जोर नहीं देखते हैं, जिसकी जरूरत है। पदक आने पर बस सेलिब्रेट कर लेते हैं। खिलाड़ी को तैयार करने में 8 से 10 साल का समय लगता है। इस लिहाज से 2028 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक तक हम अपने पदकवीर तैयार करने में सक्षम होंगे।”खेल मंत्री ने कहा, “भारत जैसे विशाल देश को एक पदक के लिए तरसना शोभा नहीं देता। हमने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं और उस पर अमल किया जा रहा है। वह दिन दूर नहीं, जब भारत स्पोर्टिंग पावर हाउस बनकर उभरेगा। ओलंपिक में जाकर सिर्फ खेलना नहीं होता, उसके लिए बहुत सारी चीजें जिम्मेदार होती हैं। जिन्हें हमें मजबूत करने की ओर कदम बढ़ाना है।”रिजिजू ने कहा कि मेडल नहीं जीतने पर कोई खिलाड़ी जीरो नहीं हो जाता। सरकार ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए कैश प्राइज का इंतजाम किया है। खेलो इंडिया स्कीम को गांव-गांव तक पहुंचाना है। स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
सोमवार, 16 दिसंबर 2019
टोक्यो में लंदन की तुलना में ज्यादा पदक आएंगे: रिजिजू
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