विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 16 दिसंबर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 16 दिसंबर 2019

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 16 दिसंबर

म.प्र. सरकार की पहली वर्षगांठ उत्साह से मनाऐगी कांगे्रस पार्टी

विदिशाः- म.प्र. सरकार के एक वर्ष का सफल कार्यकाल पूर्ण होने के अवसर पर कांग्रेस कार्यकर्ता आज 17 दिसंबर को शाम 5ः30 बजे स्थानीय माधवगंज चैराहे पर एकत्रित होकर, आतिशवाजी कर कांगे्रस सरकार की पहली वर्षगांठ उत्साह और उल्लास के साथ मनाएंगे। इस अवसर पर विदिशा जिले के प्रभारी मंत्री मा. हर्ष यादव, विधायक विदिशा मा. शशांक भार्गव, जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र रघुवंशी एवं समस्त वरिष्ठ नेता म.प्र. सरकार की जनकल्याण कारी योजनाओं व उपलब्धियों से जनता को अवगत कराएंगे।cब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष वीरेन्द्र पीतालिया ने समस्त पार्षदगण जनपद सदस्यगण, जिला कांग्रेस, ब्लाॅक कांग्रेस, मोर्चा संगठन के पदाधिकारियों व कांग्रेस कार्यकतोओं से इस आयोजन में शामिल होने की अपील की है।

मुख्यमंत्री ब्लॉग : शक्तिशाली मध्यप्रदेश के लिए रखें बड़ी सोच

एक साल बीत गया। सरकार की स्थिरता के सम्बन्ध में  तमाम अटकलों  का अंत हो गया है। मैंने बार-बार दोहराया   कि जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, यह सरकार लोगों की आकांक्षाओं और उम्मीदों का प्रतिबिंब है। लोग चाहते थे कि उनकी पसंद का एजेंडा लागू हो, न कि उन पर कोई एजेंडा थोपा जाए। लोगों के फैसले का सम्मान स्वस्थ रूप से किया जाना चाहिए। यदि हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं, तो हमें लोगों की  पसंद और उनके विवेक  का सम्मान करना चाहिए। मैंने मध्य प्रदेश को अपार अवसरों और संभावनाओं के प्रदेश के रूप में देखा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, मध्य प्रदेश के लोगों ने जो पाया उससे कहीं ज्यादा बेहतर के हक़दार है। मुझे लगता है कि विकास की प्रक्रियाओं का विश्लेषण करते समय अच्छे और बुरे समय बिंदुओं की परस्पर तुलना करना उचित और तार्किक नहीं होगा क्योंकि हर समय बिंदु पर प्राथमिकताएँ बदलती रहती हैं।  नए-नए परिदृश्य उभरते  हैं और नए रास्ते खुलते जाते हैं। नए क्षेत्र खुलते हैं। इसलिए अंधेरे को कोसने  से अच्छा   रोशनी करना बेहतर है। अतीत को कोसने की अपेक्षा भविष्य की ओर आगे देखना बेहतर है। हमें नए क्षितिजों  पर ध्यान लगाना  होगा। हमारे सभी फैसले लोगों की अपेक्षाओं पर आधारित हैं। हमने अब तक अनसुने लोगों को भी सुना और एक नई शुरुआत की। मध्य प्रदेश अब एक बहुप्रतीक्षित आर्थिक गतिशीलता के लिए तैयार है। लोग उत्तरदायी और जवाबदेह शासन चाहते हैं। उनकी समस्याओं को संवेदनशील तरीके से हल किया जाना चाहिए। उनके वैधानिक अधिकारों और सहूलियतों का ध्यान रखा जाना चाहिए। वे एक प्रभावी और  सक्षम सेवा प्रदाय तंत्र की अपेक्षा करते हैं। हमने बहुत कम समय में जो किया है वह सबके सामने है। मैं मानता हूँ कि पारदर्शिता सुशासन की आत्मा है। लोगों को यह जानने का पूरा अधिकार है कि सरकार उनके लिए क्या कर रही है। हमें लोगों की बुद्धिमत्ता पर विश्वास है। वे भी सरकार की चुनौतियों से वाकिफ हैं। लंबे समय से चली आ रही दूरी को पाटने के लिए शासन में संरचनात्मक सुधारों की बहुत आवश्यकता है। हम  संविधान से प्रेरणा लेते हैं, जिसमें स्पष्ट रूप से राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों का उल्लेख है। केंद्र में हमारी सरकार ने पहले अनिवार्य शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा का अधिकार लागू किया। इनका व्यापक असर आज दिख रहा है। इसी तरह से, हम स्वास्थ्य के अधिकार और पानी के अधिकार के बारे में कानून ला रहे हैं। इसके अलावा, हम रोजगार के अधिकार पर भी विचार-विमर्श कर रहे हैं। यह तभी संभव है जब राज्य में बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियाँ बढ़े और आर्थिक उद्यमिता  का विकास हो।  मध्य प्रदेश में वह सब कुछ है, जो इसे एक आर्थिक शक्ति बना सकता है।  इस सच्चाई के बावजूद कि हमारे पास मजबूत, प्रतिबद्ध और कुशल जनशक्ति, अपार संसाधन और अच्छी भौगोलिक कनेक्टिविटी है, मध्य प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था में  सब ठीक नहीं है। कोई कारण नहीं है कि हमें धीमी गति से चलना पड़े।  हमें अपनी जीडीपी का विस्तार करना होगा और इसे वास्तविक रूप में और ज्यादा सहभागी बनाना होगा। हर वर्ग और क्षेत्र का जीडीपी के विस्तार में योगदान होना चाहिए। इसके लिए हमें ऐसा माहौल बनाना होगा, जिसमें हर नागरिक अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने के बारे में सोच सके।  विशाल लेकिन यथार्थवादी आर्थिक लक्ष्य निर्धारित करने होंगे और उन्हें हासिल करने के लिए खुद को संकल्पित होना होगा।सरकार ने  ऋणग्रस्त किसानों के ऋण माफ करने का अपना पहला बड़ा निर्णय लिया। ऋण माफी प्रक्रिया अभी जारी है और हम अपना वादा पूरा  करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आदिवासी समुदायों को आर्थिक विकास की प्रक्रिया में शामिल होना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वर्षों से जंगलों में रहने वाले आदिवासी लोगों को उनका वाजिब हक मिले। उनकी ऋणग्रस्तता सरकार के आवश्यक हस्तक्षेप के साथ समाप्त होनी चाहिए। उनका सामाजिक अलगाव राज्य के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। हमारे सभी निर्णय चाहे वह अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27% आरक्षण हो या आवारा मवेशियों के लिए  शेड का निर्माण, बेसहारा, विकलांग  लोगों के लिए पेंशन को दोगुना करना, मध्य प्रदेश को खाद्य मिलावट मुक्त राज्य बनाने के लिए संकल्प करना, बिजली दर को कम कर प्रथम 100 यूनिट 100 रूपये में देना, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण, निर्माण  क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर गाइडलाइन दर को 20% तक कम करना, आदिवासी समुदायों के तीर्थों का संरक्षण करना हो, सभी उत्तरदायी सरकार बनने के संकल्प की झलक  दिखाते हैं।  भविष्य में भी यह सिलसिला जारी रहेगा। हम अपने इकानॉमिक विजन डॉक्यूमेंट का अनावरण कर रहे हैं।  हर नागरिक से अपील  है कि वे इसे लागू करने में सहयोग करें। मध्य प्रदेश को आर्थिक शक्ति बनाने के लिए बड़ा सोचें।


कमल नाथ
(ब्लॉगर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं)

विजय दिवस पर आयोजन हुआ जिले में चहुंओर विजय दिवस मनाया गया

vidisha news
कुटीर एवं ग्रामोद्योग, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री हर्ष यादव सोमवार को विदिशा जिला मुख्यालय पर आयोजित विजय दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। एसएटीआई के कैलाश सत्यार्थी सभागृह में आयोजित उक्त कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने प्रदेश में विजय दिवस आयोजन करने का निर्णय लेकर उसे मूर्तरूप दिया है। निश्चित ही राष्ट्र एकता को अभिप्रेरित करने के लिए युवाजनों को विजय दिवस आयोजन के उद्वेश्यों से अवगत कराना है। मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप विजय दिवस का आयोजन जिला मुख्यालय के साथ-साथ सभी जनपदों, निकायों में एक साथ किया गया है।  प्रभारी मंत्री श्री यादव ने कहा कि विजय दिवस आगामी वर्षो में वृहद आकार में मनाया जाएगा। इसके लिए निश्चित समय सीमा भी तय की जाएगी। उन्होंने भारतीय सेना के द्वारा 1971 में पाकिस्तान पर विजय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने अपनी राजीनीतिक दृढ़ता, अभेद्य कूटनीति, तीनों सेनाओं के साथ समुचित सामंजस्य और विपरित परिस्थिति में कुशल प्रबंधन से पाकिस्तान को करारा जबाब दिया था। हमारे देश के जाबांज फौजियों के अदम्य साहस, संगठित तथा सुनियोजित रणनीति से पाकिस्तान की सेना बुरी तरह बिखर गई। इस युद्व के बाद ही विश्व पर एक नए देश के रूप में बांग्लादेश का उदय हुआ। विदिशा विधायक श्री शशांक भार्गव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने भूगोल के नक्शे को ही बदल दिया। अपनी कुशाग्रता से बांग्लादेश का उदय हुआ है। भारतीय सेना की रणनीति के चलते पाकिस्तान के आत्मसमर्पण करने वाले 93 हजार सैनिकों की जानकारी जब लोकसभा में दी गई तो अटल बिहारी वाजपेयी ने लोकसभा में सिर्फ इंदिरा गांधी ही चर्चा करेंगी और कोई नही। उन्होंने कहा कि श्रीमती गांधी ने मां दुर्गा का रूप धारण कर दुश्मन देश का संहार कर दिखाया है। जिन सैनिकों ने अपना अदम्य साहस से ऐतिहासिक जीत हासिल की है उसे भुलाया नही जा सकता है। कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने विजय दिवस आयोजन के उद्वेश्यों को रेखांकित किया। 

सम्मान
1971 के युद्व में पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को ध्वस्त करने वाले जिले के तीन सैनिकों का प्रभारी मंत्री श्री हर्ष यादव सहित अन्य अतिथियों ने शाल श्रीफल भेंटकर सम्मान किया।

छाया चित्र का अवलोकन
विजय दिवस के अवसर पर जनसंपर्क विभाग द्वारा  दुर्लभ चित्रों की छायाचित्र प्रदर्शनी लगाई गई विजय दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय पर एसएटीआई के कैलाश सत्यार्थी सभागृह में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था यहां जनसंपर्क विभाग द्वारा सन 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध से जुडी दुर्लभ छायाचित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई। जिसका अवलोकन अतिथियों , जनप्रतिनिधियों , गणमान्य नागरिकों , स्कूल एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों सहित जन सामान्य द्वारा किया गया।  जनसम्पर्क संचालनालय से प्राप्त छायाचित्र को प्रदर्शनी के रूप में प्रदर्शन किया गया था जिसमें मुख्य रूप से तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व0 इंदिरा गांधी भारतीय सेना के सेना प्रमुखों के साथ मुलाकात करते हुई, युद्ध के शहिद बंग्लादेशी सेनानियो के दफन करने हेतु कब्रिस्तान का विकास, लौटते हुए बंगाली शारणार्थी, ढांका स्टेडियम बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर भारतीय सेना द्वारा आयोजित भव्य समापन विदाई परेड की सलामी लेते हुए , भारतीय सैनिकों द्वारा ब्रेन लाईट मशीन गन का प्रयोग , प्रधामंत्री इंदिरा गाध्ां द्वारा सैन्य बल की समीक्षा , इंदिरा गाध्ां और शेख मुजीबुर शांति ,मित्रता और सहयोग संधि पर हस्ताक्षर करते हुए , लेफ्टीनेंट जनरल आरोरा के सामने पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल मियाजी आत्म समर्पण के पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए , फील्ड मार्सल सैम होर्म सूजी फ्रामजी युद्ध के दौरान रणनीति बनाते हुए , आत्म सर्पण करते हुए पाकिस्तानी सैनिक , पाकिस्तान के क्षतिग्रस्त टैंक की जांच करते हुए भारतीय सैनिक, जीत के बाद सैनिकों से मुलाकात करती प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी , जीत का उल्लास मनाते हुए सैनिक , अज्ञात जगहो पर तैनात सैनिक, राष्ट्रीय ध्वज के पास खडे सैनिक, पूर्वी पाकिस्तान की ओर बढते सैनिक, जीत का जश्न मनाते हुए ग्रामीण भारतीय , भारतीय युद्ध के बंदियो से पूछताछ करते हुए पाकिस्तानी अधिकारी, टैंकों की प्रदर्शनी फ्लैक्स के माध्यम से प्रदर्शित की गई थी।  आयोजन स्थल पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी, शमशाबाद विधायक श्रीमती राजश्री, जिला योजना समिति के सदस्य द्वय श्री निशंक जैन, श्री महेन्द्र यादव तथा पूर्व विधायक श्री रूद्रप्रताप सिंह के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि, पुलिस अधीक्षक श्री विनायक वर्मा के अलावा अन्य अधिकारी, कर्मचारी, गणमान्य नागरिक मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में आगंतुको के प्रति आभार जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्रवाल के द्वारा व्यक्त किया गया। वही संचालन श्रीमती दीप्ति शुक्ला ने किया। 

स्कूल शिक्षा मंत्री आज विदिशा आएंगे

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभूराम चौधरी का प्राप्त दौरा कार्यक्रम अनुसार मंगलवार 17 दिसम्बर को विदिशा आएंगे। शिक्षा मंत्री डॉ चौधरी मंगलवार की दोपहर दो बजे भोपाल से विदिशा के लिए प्रस्थान कर दोपहर तीन बजे विदिशा आएंगे और 65वीं राष्ट्रीय शालेय ताईक्वांडो प्रतियोगिता के शुभांरभ कार्यक्रम मेंं मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे। उक्त प्रतियोगिता का आयोजन सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय केशवनगर टीलाखेडी में 17 से 22 दिसम्बर तक किया गया है। प्रतियोगिता के शुभांरभ कार्यक्रम उपरांत स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभूराम चौधरी दोपहर 4.30 बजे विदिशा से भोपाल के लिए रवाना होंगे। क्रमांक 149

राष्ट्रीय शालेय ताईक्वांडो प्रतियोगिता आज से 35 राज्यों की टीमें शामिल

विदिशा जिला मुख्यालय पर 65वीं राष्ट्रीय शालेय ताईक्वांडो प्रतियोगिता का आयोजन 17 से 22 दिसम्बर तक किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री एसपी त्रिपाठी ने बताया कि सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय केशवनगर टीलाखेडी में लगातार पांच दिन तक चलने वाली प्रतियोगिता में 402 बालक, 383 बालिकाएं खेलों के माध्यम से अपना हुनर प्रदर्शित करेंगी। प्रतियोगिता में 105 जनरल मैनेजर एवं कोच भी सहभागिता कर रहे है। अब तक 1080 प्रतिभागियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। 

राष्ट्रीय शालेय ताईक्वांडो प्रतियोगिता के शुभांरभ कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री शामिल होंगे

65वीं राष्ट्रीय ताईक्वांडो प्रतियोगिता 17 से 22 दिसम्बर तक विदिशा के सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय केशवनगर टीलाखेडी में आयोजित की गई है। शुभांरभ कार्यक्रम दोपहर तीन बजे से शुरू होगा।  प्रतियोगिता शुभांरभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी होंगे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता जिले के प्रभारी मंत्री श्री हर्ष यादव करेंगे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि विदिशा विधायक श्री शशांक भार्गव, बासौदा विधायक श्रीमती लीना संजय (टप्पू) जैन, कुरवाई विधायक श्री हरिसिंह सप्रे, सिरोंज विधायक श्री उमाकांत शर्मा, शमशाबाद विधायक श्रीमती राजश्री रूद्रप्रताप सिंह तथा जिला पंचायत अध्यक्ष श्री तोरण सिंह दांगी एवं विदिशा नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन होंगे। 

भारद्वाज परिवार से सौजन्य मुलाकात 

जिले के प्रभारी मंत्री श्री हर्ष यादव जी आज विदिशा प्रवास के दौरान स्वर्णकार कालोनी में निवासरत ओम भारद्वाज के घर पहुंचकर नव वरवधु श्री वैभव (चीनू) भारद्वाज, श्रेष्ठा (टीनू) को शुभार्शीवाद दिया। इस अवसर पर विदिशा विधायक श्री शशांक भार्गव, जिला योजना समिति के द्वय सदस्य श्री निशंक जैन, श्री महेन्द यादव के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष श्री वैभव (चीनू) ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए।

मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशित

निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आज 16 दिसम्बर को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन विदिशा जिले की पांचो विधानसभाओं क्रमशः 144 विदिशा, 145 बासौदा, 146 कुरवाई, 147 सिरोंज एवं 148 शमशबाद के कुल 1322 मतदान केन्द्रों पर मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ है।  उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री प्रवीण प्रजापति ने बताया कि सभी बीएलओ को नवीन मतदाता सूची वितरित की जा चुकी है। बीएलओ 16 दिसम्बर से पांच जनवरी तक मतदाताओं से दावे आपत्तियां मतदान केन्द्र पर प्राप्त करेंगे। वही नवीन मतदाता जिनकी आयु 18 वर्ष पूर्ण हो गई है वह अपना नाम जुड़वा सकेंगे तथा परिचय पत्र में कोई त्रुटि हो तो संशोधन करा सकेंगे साथ ही किसी मतदाता का स्थान परिवर्तन हो गया है तो वह अपना नाम एक स्थान से कटवाकर दूसरे स्थान पर परिवर्तित करा सकेंगे।  सभी मतदाताओं को सूचित किया गया है कि विदिशा जिले की 144 विदिशा विधानसभा के 233 मतदान केन्द्र तमूरिया को दो भागो में विभक्त करते हुए नवीन मतदान केन्द्र 234 तमूरिया दो का निर्माण किया गया है।

निराकरण नही करने वालो के खिलाफ कार्यवाही लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक सम्पन्न

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कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के द्वारा सोमवार को लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक एसएटीआई के कैलाश सत्यार्थी सभागृह में की गई। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के तहत चिन्हित 15 आवेदकों को संबंधित विभागों के अधिकारियों सहित उक्त बैठक में उपस्थित होने के निर्देश पूर्व में प्रसारित किए गए थे।  कलेक्टर श्री सिंह के द्वारा चिन्हित 15 आवेदकों में से उपस्थित हुए आवेदकों से सीधे संवाद स्थापित कर उनके द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराई गई शिकायत के निराकरण पर अब तक क्या कार्यवाही हुई है से अधिकारियों द्वारा स्वंय जानकारियां प्रस्तुत की गई।  कलेक्टर श्री सिंह ने समय पर निराकरण नही करने तथा उचित जबाव ना देने एवं आवेदक को गुमराह करने की जानकारियां संज्ञान में आने पर संबंधित विभागों के अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए है।  कलेक्टर द्वारा जिन अधिकारियों पर कार्यवाही के निर्देश दिए गए है उनमें महिला एवं बाल विकास विभाग में के सीडीपीओ क्रमशः ग्यारसपुर, सिरोंज, त्योंदा को शोकॉज नोटिस जारी करने तथा लटेरी के सीडीपीओ की एक वेतन वृद्वि असंचयी प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए है। इसी प्रकार कौशल विकास के आईटीआई अधीक्षक के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु संभागायुक्त को पत्र प्रेषित करने, विदिशा मुख्य नगरपालिका अधिकारी के द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नही किया जाता है तो कार्यवाही प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।  कलेक्टर श्री सिंह ने सिरोंज नगरपालिका के प्रभारी सीएमओ को निलंबित करने तथा लटेरी के नाजिर की दो वेतन वृद्वि असंचयी प्रभाव से रोकने इसी प्रकार जनपद सीईओ लटेरी की भी दो वेतनवृद्वि असंचयी प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए है।  कलेक्टर श्री सिंह ने समस्त अधिकारियों को कठोर हिदायत देते हुए निर्देश दिए है कि सीएम हेल्पलाइन के आवेदनों के निराकरण मामले में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नही की जाएगी। आज ग्यारसपुर एवं विदिशा अनुविभाग क्षेत्र के समस्त एल-वन अधिकारी एवं आवेदनों के निराकरण की जानकारी ऑन लाइन दर्ज करने हेतु नियुक्त लिपिक के लिए संयुक्त प्रशिक्षण में आयोजित किया गया था जिसमें संबंधितों से कहा गया कि निराकरण की स्पष्ट जानकारी अंकित करें। ऐसे आवेदन जो विभाग से संबंधित नही है और उनके पास आ गए है उन आवेदनो को संबंधित विभागों हेतु ऑन लाइन ट्रांसफार्मर करने की कार्यवाही दर्ज दिवस को ही की जाए। एल-वन स्तर पर यदि किसी के द्वारा जबाव दाखिल नही किया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। प्रशिक्षणार्थियों को सबसे पहले आवेदनकर्ता के मोबाइल नम्बर पर दर्ज दिवस को ही सम्पर्क करने की समझाईंश दी गई है।  लंबित आवेदनों की उक्त समीक्षा बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह के अलावा समस्त एसडीएम एवं समस्त विभागों के जिलाधिकारी भी मौजूद थे क्रमांक 154

विजय दिवस पर दौड़ का आयोजन

विजय दिवस 16 दिसम्बर की प्रातः आठ बजे दौड़ का आयोजन किया गया था। उक्त दौड़ को विदिशा विधायक श्री शशांक भार्गव, नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। दौड़ शुरू होने से पहले विधायक श्री भार्गव ने विजय दिवस आयोजन की रूपरेखा, उद्वेश्य पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को नगरपालिका अध्यक्ष ने भी सम्बोधित किया। दौड़ में एनसीसी कैडेट के अलावा महाविद्यालय, स्कूलों के विद्यार्थियों ने भी सहभागिता निभाई है। बड़जात्या स्कूल से शुरू हुई दौड़ माधवगंज में सम्पन्न हुई। दौड़ समापन स्थल पर एसडीएम श्री प्रवीण प्रजापति के अलावा जिला शिक्षा अधिकारी श्री एसपी त्रिपाठी भी मौजूद थे।  

मुख्यमंत्री ने देखी विजय दिवस प्रदर्शनी

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने विजय दिवस पर शौर्य स्मारक परिसर में जनसम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित 'भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय' छाया-चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में बांग्लादेश के उदय तथा पाकिस्तान पर भारत की विजय को सशक्त छाया-चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है। सामान्य प्रशासन एवं सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री आरिफ अकील, जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, पुलिस महानिदेशक श्री वी.के. सिंह, आयुक्त जनसम्पर्क श्री पी. नरहरि और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

भारत न पहले कमजोर था और ना आज कमजोर है : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने भारत द्वारा वर्ष 1971 में पाक पर जीत को बताया ऐतिहासिक शौर्य स्मारक से जनता को दिया विजय दिवस का संदेश 
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने शौर्य स्मारक में 1971 के  भारत-पाकिस्तान युद्ध के विजय दिवस पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि भारत  न पहले कमजोर था और न ही आज कमजोर है। श्री कमल नाथ ने जनता को विजय दिवस का संदेश जारी करते हुए कहा कि इस अवसर पर हम सब को यह याद रखना चाहिए कि सभी नागरिकों को, चाहे वे किसी भी मजहब, जाति  अथवा पंथ को मानने वाले हों, सबका यह कर्तव्य है कि राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत बनाएँ। अपने शहीदों का गुणगान करें। मुख्यमंत्री ने नागरिकों का आह्वान किया है कि हम सब भारत के विकास, खुशहाली और अमन-चैन के लिए मिलकर प्रयास करें। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने विजय दिवस संदेश में कहा कि 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध एक सैन्य संघर्ष था। यह संघर्ष 3 दिसंबर 1971 को शुरू हुआ और 16 दिसंबर को ढाका में पाक सेना के समर्पण के साथ  समाप्त हुआ। उन्होंने कहा कि इस युद्ध की शुरुआत में पाकिस्तान ने भारत की वायुसेना के 11 स्टेशनों पर हवाई हमले किये। इसमें भारतीय सेना का पाकिस्तान से पूर्वी और पश्चिमी मोर्चे पर संघर्ष हुआ।  भारतीय सेना ने पाक सेना को दोनों मोर्चों पर परास्त किया।  हताश पाकिस्तानी सेना आत्म-समर्पण करने के लिए मजबूर हुई। इसी के साथ पूर्वी पाकिस्तान नए "बांग्लादेश" के रूप में स्थापित हुआ। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि इसी जीत को हम आज विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। उन्होंने कहा कि यह युद्ध तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी के सशक्त नेतृत्व और अद्वितीय राष्ट्रवाद की अद्भुत मिसाल होने के साथ भारतीय जांबाज सैनिकों के अदम्य शौर्य का भी प्रतीक है। इस युद्ध में पाकिस्तान के 93 हजार सैनिक घुटने टेकने पर मजबूर हुए और उन्हें आत्म-समर्पण करना पड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभूतपूर्व विजय के दो कारण थे। पहला कारण था तत्कालीन प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रीमती इंदिरा गांधी का दृढ़ संकल्प और राजनीतिक नेतृत्व तथा दूसरा कारण था भारतीय थल सेना अध्यक्ष और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल एच.एच.एफ.जे.सैम मानेकशॉ का कुशल रणनीतिक नेतृत्व। उन्होंने कहा कि उस समय के अधिकांश पश्चिमी देश और  महाशक्ति अमेरिका भारत को पाकिस्तान के विरुद्ध कुछ नहीं करने के लिए खुलेआम धमका रहे थे। तब श्रीमती इंदिरा गांधी का ही साहस था, जिन्होंने पाकिस्तान को सशस्त्र संघर्ष में सबक सिखाया और भारत की प्रभुता स्थापित की। उनकी असाधारण सूझबूझ और सैन्य बलों के अदम्य शौर्य ने देशवासियों को जिस तरह हर्षित और गौरवान्वित किया, वह बेमिसाल था और युगों तक याद किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा 16 दिसंबर 1971 को संसद में दिए गए  वक्तव्य का प्रमुख अंश दोहराया, जिसमें उन्होंने  कहा था "मुझे एक घोषणा करनी है कि पश्चिमी पाकिस्तान की सेना ने बिना शर्त समर्पण कर दिया है और यह संसद और समूचा राष्ट्र इस ऐतिहासिक घटना पर खुशी से झूम रहा है। हमें अपनी थल सेना, नौसेना और वायु सेना तथा सीमा सुरक्षा बल पर गर्व है, जिन्होंने अत्यंत शानदार तरीके से अपनी गुणवत्ता और क्षमता का प्रदर्शन किया। अपने कर्तव्य के प्रति उनकी  निष्ठा और अनुशासन सर्वविदित है। भारत उन वीर जवानों को हमेशा याद रखेगा, जिन्होंने इस संघर्ष में अपने जीवन की कुर्बानी दे दी। हम उनके परिवारों के साथ हैं।" मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि 1971 की इस जीत ने भारत को एक अंतर्राष्ट्रीय शक्ति के रूप में स्थापित किया। इससे देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को पूरे विश्व में दृढ़ता  के साथ निर्णय लेने वाली "आयरन लेडी " के रूप में पहचान मिली। कैप्टन प्रवीण डावर, दिल्ली ने 1971 के भारत पाक युद्ध का उल्लेख करते हुए बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने कुशल नेतृत्व और साहस का परिचय देकर सेनाओं का मनोबल बढ़ाया। पूरे विश्व में इंदिरा जी के इस कदम को सराहा गया। कैप्टन डावर ने जनसम्पर्क और संस्कृति विभाग के इस कार्यक्रम की प्रशंसा की और विजय दिवस पर किये गये प्रकाशनों को जानकारी परक बताया। प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने शौर्य स्मारक परिसर में स्थित शौर्य स्तंभ के समक्ष श्रद्धासुमन अर्पित किये। कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री श्री आरिफ अकील, जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा, मुख्य सचिव श्री सुधि रंजन मोहंती, ब्रिगेडियर श्री आदित्य विक्रम पैठिया उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने श्री पैठिया को वर्ष 1971 के युद्ध में विशेष योगदान के लिये सम्मानित किया। कार्यक्रम में गायिका संदीपा पारे और उनके साथियों ने देश भक्ति गीत प्रस्तुत किये। इन गीतों में कैफी आजमी के लिखे गीत-हिन्दुस्तान की कसम... न झुकेंगे... और जो समर में हो गये अमर... शामिल हैं। पुलिस बैण्ड द्वारा भी देश भक्ति गीतों की धुनें प्रस्तुत की गईं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आमजन, विद्यार्थी, अधिकारी और जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

सम्मानित हुए सैन्य अधिकारी एवं जवान
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने वर्ष 1971 के युद्ध के सैन्य अधिकारियों और जवानों को प्रतीक चिन्ह और शाल प्रदान कर सम्मानित किया। सम्मानित सैन्य अधिकारियों में मेजर जनरल एम.पी.एस. कोंटल, श्री भारत भूषण देव, श्री एम.एल.खन्ना, ब्रिगेडियर प्रवीर गोस्वामी, कर्नल एस. कुमार वी.एस.एम., कर्नल पी.के. चटर्जी, कर्नल डी. वर्मा, कर्नल एस.के.एस. परमार, कैप्टन स्वराज पुरी, स्व. सुभाष सकरगाय की धर्मपत्नी श्रीमती प्रतिभा, श्री ए. खान की पत्नी श्रीमती नाजरा बेगम, मेजर सूबेदार एस. हरि की धर्मपत्नी श्रीमती मेरी और श्री यशवंत सिंह रावत की धर्मपत्नी श्रीमती विद्यावती शामिल है। इस मौके पर श्री मुंशीलाल गेहलोत की धर्मपत्नी श्रीमती सोनम देवी, श्री श्री रामचन्द्र अभिचन्दानी की धर्मपत्नी श्रीमती हरि, श्री भानुप्रताप सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती सिंह, श्री सुरेश शर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती रामा, श्री रामदेव शर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला, श्री नरेश जायसवाल की धर्मपत्नी श्रीमती ममता, श्री पूरन सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती भवानी देवी, श्री वी. के. महेश्वरी की धर्मपत्नी श्रीमती शकुन्तला, विंग कमाण्डर श्री वी.एस. रघुवंशी, श्री गुरूशरण सिंह ग्रोवर, कर्नल एम.एम. दत्ता, विंग कमाण्डर जी. के. दुबे, श्री प्रकाश सिंह, श्री एम.के. गुप्ता, कैप्टन हरवान सिंह चौहान, ले. कर्नल संजीव पंडित, सीपीयू सुरेश, कैप्टन जे.एन. प्रसाद, नायक सूबेदार कुलदीप सिंह दुग्गल, श्री बी.सी. जोशी, नायक सूबेदार बी.सी. कटोच, एम.सी.पी.यू. अशोक दुबे, सीपीयू गुलाब सिंह, हवदार उदय नारायण शर्मा, श्री राम किशन पटेल, नायक श्री सिंह, श्री बनवारीलाल दुबे, सिपाही श्री कमल कांत, श्री रघुवंश प्रसाद, श्री विजय सिंह, श्री प्रेमलाल, श्री आशाराम, श्री के.एम. चेरियन, श्री प्रकाश रामलाल पाठक और नायक रामदास भी सम्मानित हुए।

मुझे जनता से चाहिए अपने कामकाज के आकलन का प्रमाण पत्र :-मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
अच्छा होता 1971 के गौरव को अगर पूरा देश विजय दिवस के रूप में मनाता - मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ 
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि मुझे अपने कामकाज के आकलन का प्रमाण पत्र जनता से चाहिए। प्रचार-प्रसार, होर्डिंग और ब्राडिंग के जरिए आत्म प्रशंसा करने से मैं परहेज रखता हूँ। श्री कमल नाथ ने 16 दिसम्बर 1971 को पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा 48 साल पहले पाकिस्तान को करारी शिकस्त देते हुए एक नया राष्ट्र 'बांगलादेश' बनाने के गौरवपूर्ण दिन का उल्लेख करते हुए कहा कि अच्छा होता अगर पूरे देश में इसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता। मुख्यमंत्री ने आज एक निजी चैनल के एक वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित विशेष बातचीत के दौरान यह बात कही। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर प्रदेश में एक वर्ष में किए गए बुनियादी बदलाव और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर अपने विचार व्यक्त किए।

जनता का सरकार पर विश्वास हो, यह है मेरा प्रयास
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने अपने एक साल के कामकाज में प्रचार-प्रसार से दूर रहकर किए गए कामों पर कहा कि मेरा विश्वास है कि हमारे कार्यों पर अंतिम मुहर जनता की लगना चाहिए। जनता की तरफ से यह बात आए कि उसे सरकार और नेतृत्व पर विश्वास है। यही प्रमाण-पत्र हमारे लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। आयोजनों, अभियानों और अतिरेक प्रचार-प्रसार करें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और हो, तो यह जनता के साथ धोखा है।

समय पर सही तरीके से योजनाओं का क्रियान्वयन ही हमारा लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पिछले एक साल के दौरान अपनी सरकार के कामकाज पर कहा कि काम करने के लिए मुझे अभी तक मात्र साढ़े नौ माह मिले हैं। मेरा सबसे पहला प्रयास यह था कि शासन और प्रशासन की सोच, नजरिए और दृष्टिकोण में परिवर्तन हो। हम चाहे कोई भी नीति बना लें, उसका क्रियान्वयन सही तरीके से समय पर न हो, तो इसका लाभ लोगों को नहीं मिलता है। इस दृष्टि से तंत्र के व्यवहार में परिवर्तन और जवाबदेही का वातावरण हमने प्रदेश में बनाया है। सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा, ऐसा जनता में विश्वास हो। इस दिशा में हमने ठोस प्रयास किए हैं। जो निवेश हमारे यहां पूर्व से स्थापित है, उसका विश्वास सरकार पर हो, इस दृष्टि से भी हमने काम किया है। मेरा मानना है कि जब तक हम प्रदेश में स्थापित उद्योगों में विश्वास पैदा नहीं करेंगे, तब तक हमारे यहां नए निवेश आने की संभावना नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी है कि इस क्षेत्र में हमने सफलता हासिल की है।

माफिया मुक्त मध्यप्रदेश बनाना हमारी मंशा, टारगेट करना नहीं
मुख्यमंत्री ने मिलावटखोरी के बाद माफियाओं के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान पर कहा कि आज हमारे प्रदेश में जितने दूध की खपत है, उतना उत्पादन भी नहीं होता। जाहिर है कि प्रदेश की जनता को मिलावटी दूध वितरित हो रहा है। जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ को यह सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। इसलिए हमने प्रदेश में निरंतर दूध उत्पादन सहित सभी खाने-पीने की चीजों में मिलावट करने वालों के विरुद्ध अभियान चलाया है। यह अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा। माफिया के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं यहां स्पष्ट करना चाहता हूँ कि हम इसके जरिए किसी को टारगेट नहीं कर रहे हैं। संगठित अपराध करने वाले और ब्लैकमेल करने वाले माफिया को अब मध्यप्रदेश में पनपने की इजाजत नहीं होगी। प्रदेश के विकास और जनता के हितों के साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आज जब हम प्रदेश में निवेश की बात करते हैं, तो हमें निवेशकों के लिए ऐसा वातावरण भी बनाना होगा, जिसमें वे निर्भय होकर बगैर किसी दबाव के काम कर सकें। उन्होंने कहा कि जब से हमने यह अभियान छेड़ा है, लोग निर्भय होकर माफिया के विरुद्ध शिकायतें कर रहे हैं। मेरे पास लोगों के मेल भी आ रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि लोग माफिया से त्रस्त हैं। भय के कारण वे अभी तक सामने नहीं आए थे। पिछले 15 वर्षों से उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। माफिया को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ था। समाज और प्रदेश सुरक्षित रहे, इसके लिए प्रदेश को हम माफियामुक्त बनाकर रहेंगे।

धर्म हमारी आस्था का विषय है, राजनीति का नहीं
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने रामपथ वन गमन मार्ग बनाने और महाकाल मंदिर सहित प्रदेश के आस्था स्थलों के विकास की योजनाएँ शुरु करने पर कहा कि यह सब काम हम राजनीतिक एजेंडे पर नहीं बल्कि लोगों की आस्थाओं और मान्यताओं के सम्मान के लिए सरकार के दायित्व का ही निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और भाषाओं का देश है। इसी विशेषता के कारण पूरा विश्व भारत को सम्मान की दृष्टि से देखता है। यह सम्मान बरकरार रहे, इस दिशा में हम काम करते रहेंगे।

1971 का गौरव दिवस पूरे देश में मनाते, तो अच्छा होता
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम प्रदेश में 1971 में श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व में पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई जीतने का विजय दिवस मना रहे हैं। हमारी सेना के तीनों अंगों के जवानों ने जिस वीरता के साथ इस युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी, आजादी के बाद इससे बड़ा गौरव का दिन भारतवासियों के लिए हो नहीं सकता। द्वितीय विश्व-युद्ध के बाद दुनिया के इतिहास में यह पहली बार हुआ था, जब पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्म-समर्पण किया था। थल सेना के अध्यक्ष जनरल मानेक शॉ के समक्ष पाकिस्तान सेना के जनरल नियाजी ने अपनी बंदूक और बेल्ट उतारकर आत्म-समर्पण किया था। पाकिस्तान के शोषण से बंगलादेशियों को मुक्त कराकर एक नए देश का गठन श्रीमती इंदिरा गांधी के प्रयासों से संभव हुआ था। उन्हें पूरे विश्व ने इस सफलता पर 'आयरन लेडी' की उपाधि दी थी। हम सभी भारतवासियों के लिए 48 साल पहले का यह दिन सबसे बड़ा गौरवान्वित करने वाला दिन था। पाकिस्तान के खिलाफ 13 दिन चले इस युद्ध में हमारी सेना के जिन जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया, उन शहीदों के प्रति पूरे देश की सच्ची श्रद्धांजलि होती, अगर हम इसे पूरे देश में विजय दिवस के रूप में मनाते।

विज़न डाक्यूमेंट प्रदेश के भविष्य के विकास का दस्तावेज
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा करने पर जारी होने वाले विज़न डाक्यूमेंट की मूल मंशा बताते हुए कहा कि हम भविष्य के मुताबिक इस प्रदेश को गढ़ना चाहते हैं। शहर, गांव, कृषि और उद्योग के क्षेत्र में आने वाले समय में नए परिवर्तनों के साथ विकास की रूपरेखा बने, यह हमारे विज़न डाक्यूमेंट का मूल उद्देश्य है। हम प्रदेश की जनता को बताना चाहते हैं कि विकास को लेकर हमारी सोच क्या है।

राष्ट्रवाद की भावना जोड़ने की हो, बांटने की नहीं
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने राष्ट्रवाद की अपनी अवधारणा बताते हुए कहा कि हमारा देश विविधताओं का देश है। हर जाति, धर्म और संस्कृति का सम्मान हो, यही हमारा सच्चा राष्ट्रवाद है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी कानून नहीं बनना चाहिए, जिससे यह संकेत और संदेश जाए कि हमारे देश के लोग खुद को असुरक्षित महसूस करें। उन्होंने कहा कि देश के हित में यह जरूरी है कि हम जोड़ने की राजनीति करें। हम हर उस फैसले के खिलाफ हैं, जिससे देश में वैमनस्य फैले और भाईचारे की भावना को आघात पहुंचे। 

ऊर्जा संरक्षण एवं दक्षता प्रबंधन को जीवन शैली का हिस्सा बनाएँ- ऊर्जा मंत्री श्री सिंह

मध्यप्रदेश शासन के ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने ऊर्जा संरक्षण सप्ताह पर बिजली उपभोक्ताओं से कहा कि वे ऊर्जा संरक्षण और बिजली बचत को अपने जीवन शैली का हिस्सा बनाएँ। उन्होंने कहा कि सुखद व सुरक्षित भविष्य के लिये बिजली की बचत समय की सबसे बड़ी माँग है। श्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण सप्ताह मनाने का उद्देश्य उपभोक्ताओं में ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागृति लाना है। ऊर्जा संरक्षण का अर्थ यह नहीं है कि ऊर्जा या बिजली का उपयोग नहीं किया जाए, बल्कि बिजली का दक्षतापूर्वक व विवेकशील उपयोग किया जाए। विभिन्न सर्वेक्षणों से यह सिद्ध हो चुका है कि बिजली की बहुत बड़ी मात्रा उपयोगकर्ता की असावधानी के कारण बर्बाद होती है। बिजली उपभोक्ता यदि थोड़ी सी सावधानी बरतें तो बिजली का दुरूपयोग रोका जा सकता है। प्रत्येक उपभोक्ता की थोड़ी-थोड़ी बचत बिजली की बहुत बड़ी बचत में परिवर्तित हो सकती है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप वर्तमान में प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं व उद्योगों को 24 घंटे और कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। ऐसी स्थिति में प्रदेश के नागरिकों को 24 घंटे बिजली सप्लाई करने का लक्ष्य केवल बिजली सप्लाई में वृद्धि करने से पूर्ण नहीं हो सकता, बल्कि इसके लिए ऊर्जा संरक्षण एवं उपभोक्ता दक्षता प्रबंधन को भी अपनाना होगा। प्रदेश में उद्योगों के अतिरिक्त ऊर्जा बचत की सबसे ज्यादा संभावना कृषि कार्यों, स्ट्रीट लाइट व घरेलू लाइटिंग में है।

उजाला योजना से 911 करोड़ की बचत
ऊर्जा मंत्री श्री सिंह ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण के उद्देश्य से प्रारंभ की गई 'उजाला योजना' में प्रदेश में एक करोड़ 75 लाख31 हजार 165 एलईडी बल्व वितरित किए जा चुके हैं। एलईडी बल्वों के माध्यम से जहां उपभोक्ताओं के घरों के बिजली बिलों की राशिमें कमी आई, वहीं ऊर्जा संरक्षण का महत्वपूर्ण लक्ष्य भी हासिल हुआ। उजाला योजना की बदौलत मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष 22,76,720 एमडब्ल्यूएच (मेगावाट प्रतिघंटा) ऊर्जाऔर 911 करोड़ रूपए की बचत हुई। बिजली की उच्चतम मांग के समय में 456 मेगावाट पारम्परिक बिजली की बचत के साथ प्रतिवर्ष 18,44,143 टन कार्बन डाई आक्साइड की कटौती संभव हुई। इसके साथ ही प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण के संरक्षण में भी मदद मिली।

ट्रांसमिशन लॉस 2.71 प्रतिशत के न्यूनतम स्तर पर
ऊर्जा मंत्री श्री सिंह ने कहा कि पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रयासों से ट्रांसमिशन लॉसेस 2.71 प्रतिशत के न्यूनतम स्तर तक पहुँच गए हैं। जनरेटिंग कंपनी ने तेल व कोयले की बचत के साथ अधिक बिजली उत्पादन किया है। प्रदेश की तीनों डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां द्वारा एटी एंड सी लॉसेस को कम करने के लिए आर-एपीडीआरपी के अंतर्गत कार्य करने से बिजली हानियाँ पूर्व की तुलना में कम हुई हैं। बिजली कंपनियों के मुख्यालय शक्ति भवन में रूफटाप बिजली प्लांट से लगभग 365 किलोवाट बिजली उत्पादित हो रही है। साढ़े तीन वर्षों में शक्ति भवन के रूफटाप सोलर प्लांट द्वारा 16.68 लाख यूनिट बिजली उत्पादित हुई है। भोपाल में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय परिसर में 11.96 किलोवाट रूफ टाप बिजली उत्पादित हो रही है। प्रदेश में अक्षय ऊर्जा को घर-घर तक पहुंचाने के लिए विकेन्द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा नीति लागू की गई है। ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण के लिए अपना योगदान देने के लिये उपभोक्ता दो बातों का ध्यान रखें। प्रथमत: वे बिजली का वहीं उपयोग करें, जहाँ अति आवश्यक हो। दिन में सूर्य के प्रकाश का अधिकतम उपयोग करें और बहुत जरूरी नहीं होने पर बिजली चलित उपकरणों का उपयोग टालें। द्वितीय यह कि बिजली चलित उपकरणों की गुणवत्ता का ध्यान रखें।

मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ने किया भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान राघौगढ़ में मनाया गया विजय दिवस  

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ने विजय दिवस पर राघौगढ़ में आयोजित समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण किया। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों और सैनिकों की विधवाओं को शाल-श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया। श्री सिंह ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन भी किया। मंत्री श्री सिंह ने इस मौके पर राघौगढ़ नगर की स्वच्छता के लिये हेल्पलाइन नम्बर 9589594978 जारी किया। इस नम्बर पर सुबह 9:30 से शाम 5:30 बजे तक आम नागरिक सम्पर्क कर सकते हैं। श्री सिंह ने नगर पालिका परिषद के लिये 15 नवीन स्वच्छता वाहनों को हरी झण्डी देकर रवाना किया और 2700 स्व-सहायता समूहों को 10-10 हजार रूपये सहयोग राशि प्रदान की। श्री सिंह ने राघौगढ़ के शहीद सैनिक स्वर्गीय श्री अरविंद सेन के नाम पर पार्क बनावाने तथा राघौगढ़ में प्रतिवर्ष विजय दिवस बनाये जाने की घोषणा की। मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ने राघौगढ़ की स्वच्छता के लिये आयोजित रंगोली प्रतियोगिता, वॉल पेंटिग, मिनी मैराथन और स्वच्छता स्कूल के प्रतिभागियों को शील्ड एवं प्रमाण-पत्र वितरित किये। उन्होंने वार्ड क्रमांक-17 में पालिका बाजार विजयपुर रोड का लोकार्पण और पार्क का भूमि-पूजन किया। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। 

विजय दिवस अदम्य शौर्य का प्रतीक - उच्च शिक्षा मंत्री श्री पटवारी

उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी आज सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विजय दिवस की 47वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में शामिल हुए। श्री पटवारी ने कहा कि विजय दिवस वास्तव में भारतीय जांबाज सैनिकों के अदम्य शौर्य का प्रतीक है। वर्ष 1971 में आज ही के दिन पाकिस्तान ने भारत के सामने अपनी हार स्वीकार की थी। मंत्री श्री पटवारी ने कहा कि 16 दिसम्बर का दिन भारत के गौरवशाली और पराक्रमी इतिहास का गवाह है। उन्होंने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के सशक्त नेतृत्व का ही परिणाम था कि 93 हजार पाकिस्तानी सैनिक आत्म-समर्पण करने पर मजबूर हुए। उन्होंने बताया कि भारत-पाक युद्ध में लगभग 3900 सैनिक शहीद हुए और 9851 सैनिक घायल हुए थे। उन्होंने छात्राओं से कहा कि स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गाँधी के व्यक्तित्व और कृतित्व का अध्ययन अवश्य करें। इससे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल करने का मूल मंत्र मिलेगा। उच्च शिक्षा मंत्री श्री पटवारी ने समारोह में एन.एन.एस., एन.सी.सी. तथा खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को सम्मानित किया और विजय दिवस प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर विंग कमांडर श्री वी.एस. रघुवंशी भी उपस्थित थे।

स्कूली शिक्षा व्यवस्था में दिखने लगा है बदलाव

स्कूली शिक्षा ही बच्चों के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है। इसलिये जरूरी है कि शिक्षा गुणवत्तापूर्ण हो, स्कूलों में शिक्षा का उत्तम वातावरण हो और शिक्षक ज्ञान से समृद्ध हो ताकि बच्चे स्कूल आने और पढ़ाई करने के लिये लालायित रहें। राज्य सरकार ने प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा व्यवस्था कायम करने के लिये पिछले एक साल में कई ऐतिहासिक निर्णय लेकर उन्हें जमीन पर उतारा है। अब बच्चे स्कूल पहुँचने लगे हैं, शिक्षक भी बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिये समर्पित हुए हैं। बदलाव नजर आने लगा है।

एक्सपोजर विजिट
स्कूली शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिये 'लर्न फॉर द बेस्ट' योजना लागू की गई है। योजना में विभागीय अधिकारियों, प्राचार्यों और शिक्षकों को स्थानीय निजी स्कूलों, दिल्ली के स्कूलों, नोएडा के महामाया स्कूल और दक्षिण कोरिया के कोरिया डेव्हलपमेंट इंस्टीट्यूट का भ्रमण कराया गया। इससे प्राचार्यों और शिक्षकों की सोच और पढ़ाने की शैली में बदलाव आया है। वे बच्चों की शिक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी महसूस करने लगे हैं और नियमित स्कूल आने लगे हैं।

बच्चों की कॉपियों की प्रतिदिन चैकिंग
स्कूलों में मूलभूत विषयों की कॉपियों की प्रतिदिन चैकिंग व्यवस्था लागू की गई है। जिला और राज्य स्तर के अधिकारी स्कूलों का दौरा कर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि शिक्षक अपने विद्यार्थियों की कॉपियाँ प्रतिदिन सही तरीके से जाँचें और गलतियों में सुधार करायें। प्रदेश के 2742 विद्यालयों में विशेष कॉपी चेकिंग अभियान चलाया गया है। कॉपी चेक नहीं करने तथा करेक्शन अंकित नहीं करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। हाल ही में 139 शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोकी गई, 425 शिक्षकों का वेतन काटा गया, 665 शिक्षकों को चेतावनी दी गई और 751 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

परीक्षा परिणामों का विश्लेषण
स्कूलों में परीक्षा परिणामों का विश्लेषण करने की व्यवस्था की गई है। तीस प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले स्कूलों के शिक्षकों की दक्षता के आकलन के लिये 12 एवं 15 जून, 2019 को आयोजित परीक्षा में 6215 शिक्षकों ने परीक्षा दी। शिक्षकों को दक्षता सुधार का प्रशिक्षण भी दिया गया। इसके बाद दोबारा परीक्षा ली गई। इस परीक्षा में जिन शिक्षकों के परिणाम संतोषजनक नहीं थे, उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई। दो माह के प्रशिक्षण के बाद भी ओपन बुक एक्जाम में फेल होने वाले 16 शिक्षकों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई।

पालक-शिक्षक संवाद
स्कूलों में बच्चों के अभिभावकों के साथ नियमित पालक-शिक्षक बैठक की व्यवस्था लागू की गई है। अब सभी शासकीय स्कूलों में प्रत्येक तीन माह में एक साथ पालक-शिक्षक बैठक की जा रही हैं। इन बैठकों में छात्र प्रोफाइलिंग, दक्षता उन्नयन वर्क-बुक, प्रतिभा पर्व परिणाम, ब्रिज कोर्स और अर्द्धवार्षिक परीक्षा, शाला में उपस्थिति आदि मुद्दों पर चर्चा की जा रही है। पहली बार हुई इन बैठकों में लगभग 40 लाख अभिभावकों ने भाग लिया। बाल दिवस पर शिक्षा मंत्री ने सभी अभिभावकों को पत्र भेजकर उनसे छात्र-छात्राओं की गुणवत्ता एवं दक्षता में सुधार में सहयोग करने की अपील की।

कक्षा पाँचवीं और आठवीं के लिये बोर्ड पैटर्न पर वार्षिक परीक्षा
वर्तमान अकादमिक सत्र 2019-20 से नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 में किये गये संशोधन के अनुक्रम में पाँचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों का वार्षिक मूल्यांकन बोर्ड पैटर्न पर किये जाने का निर्णय लिया गया है। पाँचवीं और आठवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं में पास होने के लिये विद्यार्थियों को न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे। ऐसा न करने पर उन्हें 2 माह बाद पुन: परीक्षा में बैठना होगा। यदि वे फिर भी पास नहीं हो पाते हैं, तो उन्हें पाँचवीं और आठवीं कक्षा से अगली कक्षा में उन्नत नहीं किया जायेगा।

शिक्षकों के लिये 'वॉल ऑफ फेम'' सम्मान योजना
शिक्षासत्र 2018-19 से प्रदेश में शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिये 'वॉल ऑफ फेम' सम्मान योजना शुरू की गई है। योजना में शिक्षकों और शाला द्वारा कक्षा 3 से 8 तक के विद्यार्थियों में बुनियादी दक्षता के उन्नयन में उत्कृष्ट भूमिका निभाने के प्रयासों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। योजना में कांस्य, रजत एवं स्वर्ण चेम्पियन प्रमाण-पत्र दिये जाएंगे। इस वर्ष प्रदेश में 851 शिक्षकों को स्वर्ण चेम्पियन, 2187 शिक्षकों को रजत चेम्पियन और 4566 शिक्षकों को कांस्य चेम्पियन प्रमाण-पत्र और 7600 विद्यालयों को अवार्ड प्रदान किये गये हैं।

ऑनलाइन ट्रांसफर व्यवस्था
'ऑनलाइन ट्रान्सफर' व्यवस्था लागू की गई है। शिक्षकों को उनकी पसंद के स्थान पर पद-स्थापना में प्राथमिकता दी गई है। पिछले कई सालों से अध्यापकों की शिक्षा विभाग में संविलियन की माँग को पूरा किया गया। अब अध्यापक शिक्षा विभाग में शासकीय सेवकों को दिये जाने वाले वेतन-भत्ते एवं अन्य सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

विज्ञान-मित्र क्लब और ईको क्लब का गठन
प्रदेश के सभी शासकीय माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान मित्र क्लब और सभी प्राथमिक विद्यालयों एवं सभी माध्यमिक विद्यालयों में यूथ एवं ईको क्लब का गठन किया गया है। इन क्लब के माध्यम से स्कूली विद्यार्थियों में वैज्ञानिक अभिरुचि तथा स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के प्रयास किये जा रहे हैं। विद्यार्थियों को सांस्कृतिक, बौद्धिक, खेलकूद, कला एवं हस्तशिल्प आदि क्षेत्रों में अपने कौशल और रुचि को विकसित करने का अवसर देने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई। साथ ही उन्हें स्कूल के समय के बाद सार्थक और उत्पादक गतिविधियों की ओर मोड़ा जा रहा है।

शैक्षिक संवाद
पीयर (PEER) लर्निंग योजना में शासकीय स्कूलों में संकुल स्तर पर प्रतिमाह अंतिम सप्ताह में एक दिन शैक्षिक संवाद किया जा रहा है। इसमें सभी शिक्षक अपने विषय एवं कक्षाओं की उपलब्धियों और समस्याओं पर विचार-विमर्श कर समाधान खोजते हैं और उसे अमल में लाते हैं।

एनसीईआरटी पाठ्यक्रम
प्रदेश के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन के योग्य बनाने के लिये एनसीईआरटी पाठ्यक्रम एवं पाठ्य-पुस्तकों का अभिग्रहण किया गया है। इस शिक्षा सत्र में कक्षा छठवीं से दसवीं तक सामाजिक विज्ञान और कक्षा ग्यारहवीं में कला संकाय के एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू हो गया है। वर्ष 2021-22 तक क्रमिक चरणों में प्रदेश के सभी शासकीय विद्यालयों में नवमीं से बारहवीं तक सभी विषयों में यह पाठ्यक्रम लागू कर दिया जायेगा।

जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम 'उमंग'
विद्यार्थियों की निर्णय क्षमता, विश्लेषण कौशल, समस्याओं का समाधान खोजने तथा परिस्थितियों के साथ तालमेल बनाने का जीवन कौशल विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिये 'उमंग'' कार्यक्रम लागू किया गया है। कार्यक्रम में इस वर्ष प्रदेश के सभी हाई स्कूलों एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों को स्केल-अप किया गया है।

स्टीम कॉन्क्लेव
विद्यार्थियों में 21वीं सदी के अनुरूप क्रिएटिविटी, क्रिटिकल एनालॉसिस, कोलेबोरेटिव लर्निंग, कम्युनिकेशन स्किल आदि विकसित करने के लिये स्कूलों में स्टीम आधारित शिक्षा पद्धति लागू करने के प्रयास किये जा रहे हैं। विगत 30-31 अक्टूबर को स्टीम कॉन्क्लेव किया गया। इसमें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विषय-विशेषज्ञों, एनआईडी, क्रिस्प, आईआईएसआईआर, साइंस सेंटर, सीबीएससी/आईसीएससी शालाओं के प्रतिनिधियों तथा स्कूल शिक्षा विभाग और शिक्षा से जुड़े अन्य विभागों द्वारा स्टीम एजुकेशन की दिशा में किये जा रहे प्रयोगों और नवाचारों के बारे में मंथन किया गया। इस प्रणाली से फ्यूचर जॉब्स तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय असेसमेंट टेस्ट (NAS और PISA) के लिये विद्यार्थी तैयार हो सकेंगे और शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी। साथ ही, आर्थिक और शैक्षिक दृष्टि से विकसित देशों की तरह हमारे विद्यार्थी भी साइंस, टेक्नालॉजी, इंजीनियरिंग एवं मेथमेटिक्स को आर्टस के साथ इंटीग्रेट करते हुए आगे बढ़ सकेंगे।

एप आधारित पर्यवेक्षण एवं रियल टाइम मूल्यांकन
स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में डाटा और साक्ष्य आधारित नीति निर्धारण की व्यवस्था लागू की गई है। अब एप से क्लासेस की मॉनीटरिंग कर कार्य सुनिश्चित किया जा रहा है। साथ ही 'कक्षा साथी' एप के माध्यम से बच्चों का रियल टाइम मूल्यांकन कराया जा रहा है। शुरूआती तौर पर इसे भोपाल और रायसेन जिले के 13 स्कूलों में पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है। स्कूलों मेंशिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिये उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक वर्ग की पात्रता परीक्षा हो गई है। अब लगभग 20 हजार शिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र की जायेगी। शालाओं का सशक्तिकरण कर उन्हें उच्च गुणवत्तायुक्त संस्थानों में विकसित किया जायेगा। एलीमेंट्री एजुकेशन पर फोकस किया जायेगा। छिंदवाड़ा, भोपाल, सागर, शहडोल एवं सीहोर जिले के 15 स्कूलों में प्री-प्रायमरी शिक्षा के लिये पॉयलेट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। भविष्य में इसे बड़े स्वरूप में लागू किया जायेगा।

मध्यप्रदेश में महानगरों से पर्यटकों के लिये शीघ्र शुरू की जाएगी हेलीकॉप्टर सेवा
एनवीडीए परियोजनाओं से एक साल में 4.28 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हुई नर्मदा घाटी विकास एवं पर्यटन मंत्री श्री बघेल ने दी एक वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी 
नर्मदा घाटी विकास एवं पर्यटन मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने बताया है कि मध्यप्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पिछले एक साल में निवेशकों के लिये व्यापक, सरल एवं पारदर्शी पर्यटन नीतियाँ बनाई गई हैं। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर महानगर से प्रदेश के पर्यटन स्थलों के लिये पर्यटकों के लिये हेलीकाप्टर सुविधा शीघ्र शुरू की जा रही है। उन्होंने जानकारी दी कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की सिंचाई परियोजनाओं से पिछले एक साल में 4 लाख 28 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों को सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराया गया। इस वर्ष रबी के लिये एक लाख हेक्टेयर अधिक अर्थात 5 लाख 28 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि रबी सिंचाई में लगभग 27 प्रतिशत की वृद्धि सुनिश्चित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। श्री बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के निर्देश पर पिछले एक वर्ष में पानी की हर बूंद को संग्रहीत कर उपयोग में लाने की दिशा में कार्य किया गया है जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं।

माण्डू उत्सव, जल उत्सव और नमस्ते-ओरछा समारोह
पर्यटन मंत्री श्री बघेल ने बताया कि मांडू उत्सव 28 दिसम्बर से एक जनवरी तक मांडव में भव्य स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है। हनुमंतियां में 20 दिसम्बर से 20 जनवरी तक जल महोत्सव और 26 से 29 दिसम्बर तक मिन्टो हाल भोपाल में रॉयल कुजीन फूड फेस्टीवल आयोजित किया जायेगा। फूड फेस्टिवल में विभिन्न अंचलों की रॉयल फैमिली के व्यंजनों को उनके कुक्स द्वारा बनाया जायेगा। पर्यटन बोर्ड और संस्कृति विभाग के सहयोग से 11 और 12 जनवरी 2020 को भोपाल में 'द ग्रेट इन्टरनेशनल इयरली म्यूजिकल फेस्टिवल हृदय दृश्यम' आयोजित किया जायेगा। नमस्ते-ओरछा समारोह 6 से 8 मार्च तक ओरछा में आयोजित किया जा रहा है। मंत्री श्री बघेल ने बताया कि हॉट एयर बैलून, वाइल्ड लाइफ रिसोर्ट, मेगा एवं अल्ट्रा परियोजनाओं के लिये आकर्षण अनुदान और रियायते पर्यटन नीति-2019 में दी गई है। प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है। इसके अलावा अनूसचित जाति एवं जनजाति के उद्यमियों को एवं दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में स्थापित की जानेवाली पर्यटन परियोजनाओं के लिये 5 प्रतिशत अतिरिक्त लागत पूँजी अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया। प्रदेश में तीन नये फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना प्रस्तावित है। प्रदेश में आनेवाले पर्यटकों को ग्रामीण अनुभव प्रदान करने के लिए पर्यटन स्थलों के समीप स्थित चयनित ग्रामों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जायेगा। पर्यटन के क्षेत्र में हो रहे रोजगार के अवसरों से प्रदेश के युवाओं को जोड़ने के लिये प्रतिष्ठित समूहों के माध्यम से प्रशिक्षण कराने का निर्णय लिया है। प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने के बारे में मंत्री श्री बघेल ने बताया कि ब्राण्डेड होटल प्रोत्साहन नीति, फॉर्म स्टे, ग्राम स्टे योजना (पंजीयन एवं विनियमन) योजना-2019 बनाई गई है। फिल्म पर्यटन नीति-2019 शीघ्र बनाई जा रही है। इसमें वर्तमान में प्रदेश के पर्यटन स्थलों में एवं अंचलों में लगभग 6-7 फिल्म वेबसीरीज की शूटिंग पूरी हो चुकी है और कई की शूटिंग चल रही है। इस वर्ष पर्यटन विभाग द्वारा एम.पी. इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटेलिटी में ट्रेवल्स एण्ड टूरिज्म स्टडीज विषय का बीबीए कोर्स प्रारंभ किया गया है। जल पर्यटन के अन्तर्गत अधिसूचित जल क्षेत्रों में जलक्रीड़ा गतिविधियों के संचालन के लिये 15 अभिस्वीकृति-पत्र एवं लायसेंस जारी किये गये हैं। पर्यटन क्विज प्रतियोगिता में प्रदेश के सर्वाधिक 8000 स्कूलों के 24 हजार छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्रदेश के 11 प्रमुख जिलों/ पर्यटन स्थलों में समृद्ध विरासत, प्राकृतिक सुन्दरता, इतिहास, परम्पराओं, ऐतिहासिक धरोहरों से परिचय/ प्रचार-प्रसार के लिये वॉक फेस्टीवल-2019 का आयोजन किया गया। इसके अलावा 12 प्रमुख शहरों में ट्रेवल एजेन्ट और टूर ऑपरेटर प्रशिक्षण कार्यक्रम एम.पी.एक्सपर्ट और राष्ट्रीय स्तर पर रोड शो का आयोजन विभिन्न राज्यों के 8 शहरों में किया गया। इसके अलावा 14 पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना पर 17 करोड़ 69 लाख रुपये पूँजीगत अनुदान दिया गया जिसके फलस्वरूप प्रदेश में 136 करोड़ के पूँजी निवेश किया गया जिससे 543 होटल के कमरों का निर्माण हुआ। जिससे लगभग 2050 लोगों को रोजगार मिला। इसके अलावा क्षेत्रीय यूनिट ओरछा, खजुराहो एवं भोपाल को डेस्टिनेशन वेडिंग फेसिलिटी के रूप में विकसित किया गया। खजुराहो के पास कुटनी डेम में 10 नवीन कमरों के होटल, मणिखेड़ा डेम पर 8 कमरों का होटल और किला कोठी चंदेरी में 6 कमरों के होटल का निर्माण किया गया। बुद्धिष्ट साइट देउरकोठार भरहुत एवं साँची के समीप विकास कार्य किये गये।

पुरस्कार
मंत्री श्री बघेल ने बताया कि मध्यप्रदेश पर्यटन को 9 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इनमें बेस्ट एडवेंचर स्टेट-मध्यप्रदेश (संयुक्त विजेता), विदेशी भाषा में उत्कृष्टता चीनी ब्रोशर, सर्वश्रेष्ठ पर्यटन संवर्धन प्रचार सामग्री-मध्यप्रदेश पर्यटन द्वारा लोनली प्लैनेट पॉकेट गाइड, बेस्ट मेन्टेन्ड एण्ड डिफरेंटली एबल्ड फ्रेंडली मॉन्यूमेंट श्रेणी- साँची में बौद्ध स्मारक, बेस्ट वाइल्ड लाइफ गाइड-मनोज कुमार, पन्ना, हैरिटेज सिटी-ओरछा, सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डा-इंदौर, स्वच्छता पुरस्कार-इंदौर और सर्वश्रेष्ठ टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर रेडिएंट ट्रेवल्स को पुरस्कार मिला है।ी

सिंचाई परियोजनाएँ
नर्मदा घाटी विकास मंत्री श्री बघेल ने सिंचाई परियोजनाओं की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि सितम्बर 2019 में खरगोन जिले में 5 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता की बलवाड़ा माइक्रो सिंचाई परियोजना पूर्ण की गई है। इंदौर-उज्जैन जिले में 50 हजार हेक्टेयर सिंचाई के लिये नर्मदा-मालवा गंभीर लिंक परियोजना, खंडवा जिले में 35 हजार हेक्टेयर के लिये छ:गाँव माखन परियोजना, हरदा जिले में 5 हजार हेक्टेयर सिंचाई के लिये हरसूद परियोजना, अलीराजपुर जिले में 35 हजार हेक्टेयर की अलीराजपुर परियोजना, खरगोन जिले में 22 हजार हेक्टेयर की बिस्टान परियोजना के कार्य भी शीघ्र पूर्ण किये जायेंगे। इसके अलावा अगस्त 2019 से लगभग 14 हजार करोड़ की लागत के 8 परियाजनाओं के निर्माण के लिये निविदा बुलाकर एजेंसी निर्धारण की कार्यवाही पूर्णता पर है। इन परियोजनाओं के कार्य शीघ्र शुरू किये जायेंगे। इससे 4 लाख 3 हजार हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा निर्मित होगी। साथ ही 9 परियोजनाओं की डीपीआर भी तैयार की जा रही है।

पुनर्वास
मंत्री श्री बघेल ने बताया कि पाँच लाख 80 हजार की राशि का पूर्व में 3 किस्त में किये जा रहे भुगतान को एकमुश्त किये जाने के आदेश दिये गये ताकि राशि वितरण में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार न हो सके। अब तक 6,373 परिवारों में से 5,583 परिवारों को 88 प्रतिशत को पूर्ण राशि का भुगतान किया जा चुका है। पुन: परीक्षण कर बड़वानी एवं धार जिले में 1068 नये पात्र परिवार घोषित किये गये। राज्य शासन ने 5 लाख 80 हजार के पैकेज के अन्तर्गत लगभग 68 करोड़ का भुगतान किया है। शिकायत निवारण प्राधिकरण, सरदार सरोवर परियोजना में उच्च न्यायालय के 5 सेवानिवृत्त न्यायधीशों की नियुक्ति की गई है।

नवाचार
मंत्री श्री बघेल ने बताया कि विभाग में पारदर्शिता की दृष्टि से अब तक उच्चतम न्यायालय के आदेश के पालन में राज्य शासन द्वारा घोषित विभिन्न पैकेज के लाभान्वित परिवारों की सूची वेबसाइट पर प्रदर्शित की गई। इसके अलावा राज्य शासन द्वारा घोषित 83 पुर्बसाहट स्थलों के लेऑउट वेबसाइट पर प्रदर्शित किए गए हैं। विस्थापितों की परिसम्पत्तियों के मूल्यांकन के लिये तैयार किये गये विभागीय एसओआर को सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) से जोड़ा जा रहा है।

वचन-पत्र का क्रियान्वयन
मंत्री श्री बघेल ने बताया कि वचन-पत्र के बिन्दु नर्मदा घाटी विकास के अन्तर्गत अपूर्ण परियोजना इंदिरा सागर परियोजना की नहर, खरगोन देव हन नहर, सिंचाई प्रणाली बरगी व्यपवर्तन से, औंकारेश्वर परियोजना, नर्मदा-मालवा लिंक परियोजना से अलीराजपुर छिपाने एवं हरसूद आदि अपूर्ण परियोजनाओं को की क्षमता में वृद्धि करेंगे। इस संबंध में औंकारेश्वर परियोजना को पूर्ण किया जा कर एफआरएल स्तर तक जल भराव किया गया। सरदार सरोवर परियोजना में भ्रष्टाचार की जाँच उच्च स्तर की कमेटी गठित कर दी जायेगी। निर्माण कार्यों में लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण किये जा रहे हैं। शिकायत निवारण प्राधिकरण की डबल बेंच का गठन किया जा कर प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। नर्मदा के विस्थापितों के पुनर्वास के अधूरे कार्य पूर्ण करेंगे। इसके संबंध में सर्वे की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसमें लगभग 8,216 परिवारों के पंचनामें/ आवेदन प्राप्त कर सर्वे की कार्यवाही जारी है। इसके अलावा डूब प्रभावित क्षेत्रों में जल भराव से बाधित होने वाले खेतों तक पहुँच मार्गो और पुलियाओं का निर्माण करेंगे। इस संबंध में पुन: सर्वे किया जा कर 1068 नये परिवार पात्र घोषित किये गये हैं। डूब क्षेत्र का पुन: सर्वे कराकर छूटे हुए मकानों को पुनर्वास प्रकिया में शामिल किया जायेगा। इस संबंध में कार्यवाही निरंतर जारी है। इसके अलावा इंदिरा सागर की नहरों एवं अन्य नहरों के लिये अधिकृत भूमि के लंबित मुआवजे का भुगतान शीघ्र ही किया जायेगा। 

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