विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 29 दिसंबर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 29 दिसंबर 2019

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 29 दिसंबर

खुशियों की दास्तां : आकांक्षी जिले में उद्यानिकी फसलों की ओर किसानों का रूझान बढ़ रहा है

vidisha news
नीति आयोग द्वारा विदिशा जिले को आकांक्षी जिलो की सूची में शामिल किया गया है। कृषि आय को दुगना करने एवं उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए विशेष पहल की जा  रही है। जिसमें उद्यानिकी विभाग के द्वारा जिले के किसानों को निःशुल्क हाईब्रिड के पौधे वितरित किए गए है जिसमें मुख्य रूप से टमाटर, मिर्च शामिल है।  कृषि कल्याण अभियान कार्यक्रम के तहत वर्ष 2019 हेतु जिले में लाखो की संख्या में टमाटर के पौधे उद्यानिकी विभाग के माध्यम से पांच हजार किसानों को निःशुल्क प्रदाय किए गए है। इन पौधो को किसानो ने अपने खेतों में रेपण किया है इसके उपरांत अब प्रचुर मात्रा में उत्पादन दे रहे है। इन किसानों में शामिल नटेरन में जोगीकिर्रोदा ग्राम के श्री रामजी दांगी ने बताया कि इस सीजन में अब तक दस हजार रूपए से अधिक के टमाटर बेच चुका हूॅ और टमाटर लग रहे है। हितग्राही रामजी दांगी ने बताया कि हाइब्रिड के एक-एक पौधे में कम से कम दो से ढाई किलो टमाटर निकल रहे है। इस प्रकार के बीज का में अगामी वर्ष में भी उपयोग करूंगा। पूर्व में टमाटर के उत्पादन से हाईब्र्रिड के पौधो से हुई वृद्वि से में बहुत लाभाविंत हुआ हूं। 

खुशियों की दास्तां : समूह से स्वरोजगार की ओर माया बाई

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आजीविका मिशन के द्वारा ग्यारसपुर विकासखण्ड में गठित किए गए स्वसहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं अब स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो रही है। उड़ान आजीविका संकुल स्तरीय संगठन समूह ग्यारसपुर की सदस्य श्रीमती माया बाई ने समूह से जुड़कर अपने को स्वरोजगारमुखी बनाया है। सिलाई के क्षेत्र में महारत हासिल करने वाली श्रीमती माया बाई को समूह के माध्यम से स्वंय की सिलाई मशीने मिलने में सहूलियत हुई है और अब लेडीज टेलर के रूप में ख्याति आर्जित करती जा रही है।  हितग्राही श्रीमती मायाबाई ने बताया कि सिलाई मशीनों के लिए समूह के द्वारा पांच हजार, ग्राम संगठन के द्वारा दस हजार इस प्रकार कुल 15 हजार रूपए के ऋण से सिलाई मशीने क्रय की और समूह के अन्य दीदीयों को भी सिलाई कार्य से जोड़ने में मदद मिली हैं। जहां पहले मैं घरेलू कामकाज में ही उलझी रहती थी। समूह से जुड़ने के बाद जीवन में आए परिवर्तन को बताती हुई माया बाई ने कहा परिवारिक खर्च चलाने में अब मैं भी योगदान कर रही हूं।

खुशियों की दास्तां: मिर्च से हुई लाखो की आमदनी

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ग्यारसपुर विकासखण्ड में ग्राम पुरागुंसाई के कृषक श्री पृथ्वीराज मीना ने किसान भ्रमण दल में शामिल होकर विदिशा के कृषक गोलू पंथी के खेत में जाकर मिर्च की खेती देखी। आधुनिक तरीके से ली जा रही मिर्च क फसल से होने वाली आमदनी को सुनकर पृथ्वीराज मीना भौचक्के से रह गए और उन्होंने अपने खेत में मिर्च की खेती लेने की ठानी इस कार्य में कृषि विभाग की आत्मा परियोजना से उन्हें कुशल प्रशिक्षण, मार्गदर्शन के साथ-साथ अन्य सामग्री योजना के तहत प्रदाय की गई। हितग्राही पृथ्वीराज मीना ने बताया कि ड्रिप माल्चिंग के द्वारा मिर्च की खेती एक हेक्टेयर जमीन में प्रारंभ की। समय-समय पर आत्मा परियोजना के अधिकारियों द्वारा खेत का भी भ्रमण किया गया और उनके मार्गदर्शन में पिछले छह माह में दो लाख से अधिक की मिर्च में बेंच हूं मात्र छह माह में मुझे लाखो की आमदनी हुई है निश्चित ही में जीवन भर आत्मा परियोजना का ऋणी रहूंगा जहां मुझे प्रेरणा मिली और मूर्तरूप देने मेंं कृषि विभाग की सहभागिता को जीवनभर भुला नहीं पाऊंगा।

आंगनबाडी भवनों की मरम्मत एवं अन्य कार्य हेतु राशि स्वीकृत 

जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से शासकीय भवनों में संचालित आंगनबाडी भवनों के अनुरक्षण, मरम्मत एवं रखरखाव के अंतर्गत रंगाई-पुताई कार्य हेतु प्रत्येक आंगनबाडी केन्द्र के लिए क्रमशः तीन-तीन हजार रूपए की राशि स्वीकृत की गई है।  विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री बृजेश शिवहरे ने बताया कि संचालनालय द्वारा जिले की 1003 आंगनबाडी केन्द्रों के लिए पूर्व उल्लेखित कार्य हेतु क्रमशः तीन-तीन हजार रूपए की राशि स्वीकृत की है। संबंधित आंगनबाडी केन्द्रों के परियोजना अधिकारियों को ततसंबंध में निर्देशित किया गया है कि आंगनबाडी केन्द्रों के रखरखाव हेतु जारी राशि का सदुपयोग कर मॉडर्न आंगनबाडी केन्द्र के रूप में विकसित करें।  पुताई कार्य के दौरान  प्रत्येक आंगनबाडी केन्द्र का नाम, सेक्टर का नाम, भवन विभागीय है या अन्य शासकीय कार्यकर्ता का नाम अंग्रेजी में तथा खाता नम्बर, आईएफएससी कोड सहित जानकारियां परियोजना अधिकारी को उपलब्ध कराई जाए। क्रमांक 279

पाला से फसलों को बचाने कृषि विभाग ने दी किसानों को सलाह

शीतलहर और तापमान में भारी गिरावट की संभावनाओं को देखते हुए पाला पड़ने की आशंका के मद्देनजर कृषि विभाग ने फसलों को इसके प्रकोप से बचाने किसानों के लिए सलाह जारी की है। उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास के मुताबिक पाला से दलहनी एवं सब्जी वर्गीय फसलें अधिक प्रभावित हो सकती हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए कृषकों को सलाह दी जाती है कि खेतों में हल्की सिंचाई करें एवं रात्रि में 12 से 2 बजे के बीच मेढ़ों पर कचरे को जलाकर धुआं करें तथा फसलों पर सल्फर का 0.1 प्रतिशत घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें। इससे फसलों पर पाला का प्रभाव कम हो जाता है। उप संचालक कृषि ने पौधशाला के पौधों एवं क्षेत्र वाले उद्यानों व नगदी सब्जी वाली फसलों को टाट अथवा पालीथिन अथवा भूसे से ढ़कने का सुझाव भी दिया है। उन्होंने वायुरोध टाटियां को हवा आने वाली दिशा की तरफ से बांधकर क्यारियों के किनारे पर लगाएं तथा दिन में पुनः हटा दें।

घरेलू तरीकों से जाना जा सकता है मिलावटी खाद्य पदार्थों के बारे में घरेलू तरीकों से अपमिश्रित या मिलावटी खाद्य पदार्थों के बारे में जाना जा सकता है।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक दूध की जांच हेतु 10 मिली दूध में 5 बूंदें आयोडीन का घोल डालें। अगर नीला हो जाए, तो स्टार्च है। 10 मि.ली. दूध में 5-6 बूंदें नमक का तेजाब डालें। अगर अखाद्य रंग होगा, तो उसका रंग बदल जाएगा। 10 मि.ली. दूध में लाल लिटमस पेपर भिगोएं। अगर नीला हो जाता है, तो उसमें खाने का सोड़ा मिलाया गया है। शुद्ध देशी घी की शुद्वता की जांच के लिए 10 मि.ली. नमक के तेजाब में एक छोटा चम्मच शक्कर डालकर उसे मिला लें, फिर पिघला हुआ घी 10 मि.ली. डालकर जोर से हिला दें। करीब 10 मिनट तक उसे रखें। मिलावट होने पर तेजाब वाली परत लाल या गुलाबी हो जाती है। खाने के तेल की जांच हेतु 10 मि.ली. तेल में नमक का तेजाब मिला लें व सावधानी से चार-पांच बूंदे फैरिक क्लोराइड को डालें व फिर धीरे से मिला लें। अगर लाल  या भूरे रंग की तलछट आवे तो उस तेल में अर्जीमोन का तेल मिला समझना चाहिए। चायपत्ती की शुद्वता की परख के लिए कुछ चायपत्ती को गीले सफेद कागज पर छिड़क दें। बाद में कुछ समय बाद पत्तियां हटा लें। अगर कागज पर लाल, पीला, गुलाबी निशान आ जावे, तब चायपत्ती को मिलावटी समझना चाहिए। शक्कर की जांच हेतु थोड़ी शक्कर को पानी में घोलें और उसमें लाल लिटमट पेपर डालें। अगर वह नीला हो जावे, तो शक्कर में सोड़ा है। सूजी, रबा व चाय पत्ती की जांच हेतु सूजी, रबा या चायपत्ती में चुम्बक घुमावें, लोहे का बुरादा उसमें चिपक जाएगा। पिसे मसाले की शुद्वता की जांच हेतु 10 ग्राम पिसे मसाले को थोड़े पानी में डालकर हिलाके, बुरादा बारीक पिसा डंठल, गेहू का चोकर, ऊपर तैरने लगेगा। इस मिश्रण को निकाल लें, फिर उसमें 5 मि.ली. नमक का तेजाब डालें। अगर पानी का रंग रंगहीन या अपने स्वाभाविक रंग में बदल कर कोई दूसरा रंग हो जाता है तो समझें बेसिक अखाद्य रंग हैं। 

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