चाईबासा के सारंडा वन प्रमंडल के गुवा परिक्षेत्र के सेडल के पास वन विभाग के अधिकारियों ने गश्ती कर तस्करी हो रहे करीब 176 लकड़ियों के पटरे जब्त किए हैं. इन लकड़ियों की राशि तकरीन 3 लाख तक बताई जा रही है. इस मामले में एक पिकअप वैन को भी जब्त किया है. अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है.
चाईबासा (प्रमोद कुमार झा) सारंडा वन प्रमंडल के गुवा परिक्षेत्र के सेडल के निकट विन विभाग के अधिकारियों को भारी मात्रा में बेशकीमती लकड़ियां मिली हैं. बरामद लकड़ियों में कुल 176 पीस पटरे शामिल हैं, जिसकी अनुमानित राशि लगभग 3 लाख रुपए बताई जा रही है. वन विभाग के अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि, 16 दिसंबर की रात में कुछ लोग वन से लकड़ियों को ले जाने का काम कर रहे हैं. जिसके बाद प्रशिक्षु आई एफ एस अंकित कुमार सिंह के नेतृत्व में सारंड वन प्रमंडल के 3 वनक्षेत्र और सासंगदा वनक्षेत्र किरीबुरू के पदाधिकारियों सहित कर्मियों की एक टीम बनाई गई, जो वन में गश्ती करने निकले. इस टीम में गुआ वनक्षेत्र पदाधिकारी केपी सिंह, सासंगदा वनक्षेत्र पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह और मनोहरपुर वनक्षेत्र के पदाधिकारियों सहित सभी वनक्षेत्र के कर्मी भी शामिल थे. गश्ती के दौरान मनोहरपुर की ओर से ओआर 09 पी 4870 नंबर प्लेट की पिकअप वैन लकड़ियों के पटरे लेकर सेडल की ओर आ रही थी. जिसे कर्मचारियों ने पकड़ने की कोशिश की. कुछ दूर तक गाड़ी को पकड़ लिया गया, लेकिन चालक अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहा. वहीं, प्रशिक्षु आईएफएस अंकित कुमार सिंह का कहना है कि इस मामले में सभी अपराधियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. जबकि गाड़ी को जब्त कर लिया गया है. इस अलावा उन्होंने बताया कि कुल 176 पीस लकड़ी के पटरे बरामद किए गए हैं, जिसकी अनुमानित राशि करीब 3 लाख है. बरामद हुई लकड़ियों में साल और बीजा की लकड़ियां शामिल हैं. विशवस्त सूत्रों के अनुसार छोटानागरा थाना क्षेत्र के सारंडा के जंगलों से लगातार ओडिशा के लकड़ी माफिया पेड़ों को कटवाकर उसे छोटी-छोटी गाड़ियों से ओडिशा ले जाकर बेच रहे हैं. इस रास्ते पर वन विभाग का कोई गेट नही पड़ने के कारण वन माफियाओं के लिए सबसे सुरक्षित रास्ता माना जाता है. इसी रास्ते से वन विभाग ने लगतार पिछले 6 से 7 महीनों में अब तक तीन पिकअप को जब्त किया है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें