नयी दिल्ली 03 जनवरी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में विपक्ष के अभियान के खिलाफ पार्टी के देशव्यापी सघन जन जागरूकता अभियान का कल शुभारंभ करेंगे जिसके तहत तीन करोड़ घरों में जा कर सीएए पर पार्टी की तरफ से भ्रम को दूर किया जाएगा। भाजपा ने पांच स्तरीय अभियान की रचना करके उनके क्रियान्वयन के लिए पांच समितियों का गठन कर दिया है और एक टोल फ्री नंबर स्थापित किया है। घर-घर संपर्क के लिए बनायी गयी समिति के प्रमुख एवं भाजपा महासचिव डॉ. अनिल जैन ने यहां संवाददाताओं को बताया कि श्री शाह कल दिल्ली में इस अभियान की शुरुआत करेंगे जबकि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा गाज़ियाबाद में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ में, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी नागपुर में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जयपुर में और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत रायपुर में अभियान का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने बताया कि इसमें सभी मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि पार्टी ने एक टोल फ्री नंबर 8866288662 स्थापित किया है। अभियान में इस फोन पर मिस कॉल कराया जाएगा। यह टोल फ्री नंबर पार्टी के भविष्य में होने वाले सभी अभियानों में काम करेगा। उन्होंने बताया कि घर-घर संपर्क अभियान समिति में भाजपा उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना, महासचिव सरोज पांडेय, सचिव राहुल सिन्हा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री रवीन्द्र राजू और हरियाणा के संगठन मंत्री सुरेश भट्ट शामिल हैं। डॉ. जैन ने बताया कि संवाद समिति की अगुवाई पार्टी महासचिव अरुण सिंह तथा सहयोग राष्ट्रीय सचिव सत्या कुमार कर रहे हैं। इस अभियान के तहत हर जिले में प्रेसवार्ता, रैलियां, बुद्धिजीवी सम्मेलन, करीब एक लाख नुक्कड़ सभाएं आयोजित करने की योजना है। सामाजिक संपर्क समिति की कमान पार्टी महासचिव भूपेन्द्र यादव को दी गयी है। यह समिति खिलाड़ी, युवा, दलित, आदिवासी आदि अलग अलग श्रेणियों के लोगों से संवाद करेंगे। साेशल मीडिया समिति की कमान अमित मालवीय के हाथ में होगी जबकि मीडिया समिति की कमान पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रमुख संजय मयूख को दी गयी है। सभी प्रवक्ता इसमें सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि पड़ोसी देशों में जुल्म के कारण पलायन करने वाले गरीब, दलित लोगों को सरकार कुछ सहूलियत देने का प्रयास कर रही है तो कांग्रेसियों के पेट में दर्द हो रहा है। उन्होंने कहा कि पं जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी, सरदार पटेल, मौलाना आज़ाद आदि नेताओं ने पाकिस्तान से हिन्दुओं एवं सिखों के भारत में कभी भी आने पर नागरिकता देने एवं उनके सुख दुख की चिंता करने की मांग की थी। कांग्रेस के अधिवेशन में प्रस्ताव भी पारित किया गया था। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी संसद में इसकी मांग की थी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र लिखा था। लेकिन जब मोदी सरकार ने इस मांग को पूरा करने का काम किया तो कांग्रेस ने राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए भ्रांति फैलायी और जिन मासूमों की कोई गलती नहीं है, उन्हें पता नहीं चला कि वे कब विदेशी और अल्पसंख्यक हो गये, उनको जानवरों की जिंदगी जीने के लिए मजबूर होना पड़ा, उन्हें सरकार ने कोई सहूलियत दी तो कांग्रेस के नेताओं की संवेदनशीलता मर गयी और वे राजनीतिक स्वार्थ में अंधे हो कर विरोध की बजाय विद्रोह एवं अराजकता फैलाने में लगे हैं। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के बारे में भ्रांति की चर्चा किये जाने पर उन्होंने कहा कि एनआरसी अभी आया नहीं है। भाजपा के घोषणापत्र में ज़रूर लिखा है। पर जब भी इसे लाया जाएगा तो चर्चा करके ही लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चाहे एनआरसी हो या एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर), किसी भी अल्पसंख्यक की नागरिकता को कोई खतरा नहीं होगा। इसकी चिंता संविधान में की गयी है और देश का एक ही धर्म है, हमारा संविधान। बाकी कुछ नहीं।
शुक्रवार, 3 जनवरी 2020
सीएए को लेकर देशव्यापी अभियान कल शुरु करेंगे अमित शाह
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