पटना,10 जनवरी (आर्यावर्त संवाददाता) .जल-जीवन-हरियाली यात्रा के सातवें चरण के दूसरे दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 10 जनवरी को जमुई और मुंगेर जिले में जल-जीवन-हरियाली से संबंधित योजनाओं का निरीक्षण किया. उसी दिन मुंगेर में छह जिलों के अधिकारियों के साथ जल-जीवन-हरियाली से संबंधित समीक्षा बैठक किये. सभी जगहों के प्रोग्राम में 19 जनवरी को बनने वाली मानव श्नृंखला (Human Chain) में आने का न्योता दिए और हाथ उठाकर समर्थन प्राप्त किए. दूसरी ओर 19 जनवरी को बनने वाली मानव श्नृंखला (Human Chain) का नियोजित शिक्षकों द्वारा बहिष्कार करने के एलान के बाद बिहार के शिक्षा मंत्री (Education Minister) कृष्णनंदन वर्मा को आगे आना पड़ा है. शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षकों को मनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं. शिक्षा मंत्री ने नियोजित शिक्षकों (Contract Teacher) पर भरोसा जताते हुए कहा है कि हमें विश्वास है कि सरकार के इस सामाजिक और जन सरोकार अभियान में शिक्षक समाज बढ-चढकर भागीदारी निभाएंगे. मंत्री ने शिक्षकों को प्रबुद्ध नागरिक बताते हुए अपील की है और कहा कि इस अभियान को वेतनमान से शिक्षक नहीं जोड़ें और इसका बहिष्कार नहीं करें. मंत्री ने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर जिस तरह से सीएम चिंतित हैं ऐसे में हर किसी को चिंता करने की जरूरत है ताकि यह अभियान सफल हो सके. हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने की बात पर मंत्री ने साफ कहा कि सरकार को हाईकोर्ट पर पूरा भरोसा है कि ऐसे जन सरोकार से जुड़े अभियान को लेकर हाईकोर्ट भी सरकार का पूरी तरह से साथ देगी.
शिक्षकों ने सरकार के फरमान पर उठाए थे सवाल
शिक्षकों के वेतनमान के मुद्दे पर मंत्री ने चुप्पी साधते हुए कहा कि समय-समय पर सरकार खुद ही शिक्षकों के लिए बेहतर करती रही है. बताते चलें कि कल ही बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समिति के नेता आनंद कौशल ने मानव श्रृंखला के विरोध में हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है साथ ही शिक्षक संघ ने 19 जनवरी के मानव श्रृंखला का बहिष्कार करने का भी एलान कर दिया है. आनंद कौशल ने जहां रविवार के दिन स्कूल खोलने के आदेश पर सवाल उठाया है वहीं सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षक किसी भी हालत में मानव श्रृंखला में शामिल नहीं होंगे चाहें सरकार इसके लिए शिक्षकों के खिलाफ जो भी कार्रवाई करेगी शिक्षक समाज जेल जाने तक तैयार है. वेतन के लिए पैसे नहीं तो क्यों कर रहे कार्यक्रम नियोजित शिक्षकों ने यह भी सवाल उठाया कि सरकार को नियोजित शिक्षकों के वेतनमान देने के लिए पैसे नहीं है तो फिर जल जीवन हरियाली में पानी की तरह पैसा क्यों बहाया जा रहा है. शिशिर कुमार पांडेय, नवनीत कुमार , मो.मुस्तफा समेत कई शिक्षकों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि बिहार में शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और सरकार जल जीवन हरियाली अभियान चला रही है जो कि जले पर नमक छिड़कने के बराबर है. शिक्षा विभाग के अलावे सरकार के सभी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जल -जीवन -हरियाली को लेकर लगातार तैयारी में जुटे हैं क्योंकि सूबे के मुखिया ही गांव-गांव घूमकर लोगों से अपील कर रहे हैं और संकल्प दिलवा रहे हैं कि 19 जनवरी को सुबह साढे 11 बजे से 12 बजे तक हाथ में हाथ डालकर जल- जीवन -हरियाली के पक्ष में मानव श्रृंखला बनाएं क्योंकि सरकार का लक्ष्य है कि 16000 किमी से ज्यादा लंबा मानव श्रृंखला बनाकर जिसमें सवा 6 करोड़ लोग खड़े हो सकें और विश्व रिकार्ड स्थापित हो सके. बिहार में जल-जीवन- हरियाली (Jal Jivan Hariyali) अभियान को लेकर 19 जनवरी को बननेवाली मानव श्रृंखला (Human Chain) पर शिक्षक संघ और सरकार फिर से आमने सामने आ गयी है. शिक्षक संघ ने जहां इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है वहीं इस टकराव के बीच मामला पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) तक पहुंच गया है. बिहार शिक्षक संघर्ष समिति के नेता आनंद कौशल ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में मानव श्रृंखला के विरोध में जनहित याचिका दायर कर दी है. शिक्षा विभाग ने हाल में ही पत्र जारी किया था कि 19 जनवरी रविवार को बिहार के सभी प्रारम्भिक से लेकर प्लस 2 स्कूल खुले रहेंगे और सभी शिक्षकों और कर्मियों को मानव श्रृंखला में भाग लेना होगा हालाकि बच्चों के लिए स्वैच्छिक शामिल होने का निर्देश जरूर दिया था. अब शिक्षक संघ ने साफ कहा है कि राज्य के सभी नियोजित शिक्षक मानव श्रृंखला का बहिष्कार करेंगे और रविवार को स्कूल तक नहीं खोलेगे. शिक्षक संघ ने मानव श्रृंखला अभियान में फिर से वेतनमान का बदला लेना शुरू कर दिया और कहा बहिष्कार करेंगे चाहे शिक्षकों पर सरकार जो भी मुकदमा करेगी डरनेवाले नहीं है. मालूम हो कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार इन दिनों सूबे में जल-जीवन हरियाली यात्रा पर हैं और इसके समापन के बाद 19 जनवरी को पूरे बिहार में मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया है.
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