रांची (आर्यावर्त संवाददाता) झारखंड विधानसभा ने बुधवार को नयी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) और जामिया मिलिया विश्वविद्यालय (Jamia) में हुई हिंसा पर चिंता जाहिर करते हुए एक प्रस्ताव पास किया. इसके साथ ही पंचम विधानसभा के तीसरे और अंतिम दिन सदन ने कहा कि विधायिका में एंग्लो इंडियन सदस्य को आरक्षण पर उसका मत लोकसभा के मत से अलग है. अनुपूरक बजट पर सरकार का पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्होंने श्वेत पत्र जारी करने की बात कही है. राज्य की अर्थव्यवस्था के हालात को जानने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार खरीद-फरोख्त की सरकार नहीं है. जनता ने उन्हें चुनकर सदन में भेजा है. सरकार चलाने की जिम्मेदारी दी है. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधने के साथ ही मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने स्वीकार किया कि उनकी सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा कि पांच साल जिस तरह व्यवस्था चली, वह संक्रमण काल था. यही कारण है कि उनकी (जेएमएम-कांग्रेस-राजद) की सरकार बनी है और 5 साल तक राज करने वाले लोग (भाजपा) आज विपक्ष में हैं. हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने अनुपूरक बजट में लंबित भुगतान को ध्यान में रखा है. कई करोड़ का बकाया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की अच्छी योजनाओं को वह आगे ले जायेंगे. बिल्डिंग और सड़क पर कम, व्यक्ति के विकास पर ज्यादा ध्यान देंगे. उन्होंने कहा कि वह अखबार, टीवी आदि में नहीं दिखेंगे. उनके राज में लोगों के खिलखिलाते चेहरे दिखेंगे. यह पूछे जाने पर कि राज्यपाल के अभिभाषण में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सुप्रीमो दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जिक्र क्यों नहीं है, हेमंत सोरेन ने कहा कि यहां जीता-जागता उनका (शिबू सोरेन का) खून खड़ा है.
बुधवार, 8 जनवरी 2020
रांची : JNU और जामिया हिंसा पर झारखंड विधानसभा में प्रस्ताव पारित, पास हुआ अनुपूरक बजट
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