मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) एनआरसी,सीएए, एनपीआर, कानून के खिलाफ चल रहे 7 जनवरी से मधुबनी समाहरणालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना में महिलाओं की भागीदारी दिन बढ़ती दिन बढ़ती जा रही हैं। मधुबनी जिला के विभिन्न प्रखंडों एव पंचायतों गांव गांव से जन शैलाब उमर रहीं हैं । संविधान बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक तुल्लाह खान ने कहा कि हमारी लड़ाई बहुत लम्बी है जब तक सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती है तब तक धरना चलता रहेगा। धरना की अध्यक्षता कर रहे युवा नेता परवेज हसन दानिश ने कहा कि जब देश को बांटने की कोशिश की जा रही हैं तों हम देश के लोगों की पहली जिम्मेदारी है कि देश और देश के संविधान को बचाने के लिए संघर्ष करें और ये संघर्ष तब तक चलता रहेगा जब तक सरकार बैक फुट पर नहीं आती हैं। संविधान बचाओ संघर्ष समिति के फहीम बकर मुसा ने मच संचालन करते हुए कहा कि जिस तरह से देश ग्रुहमंत्री अमित शाह जी ने लखनऊ की रैली में कहां की कोई भी चाहे कितना भी विरोध कर ले लेकिन हम एक कदम पीछे हटने वाले नहीं हैं उनके इस बयान से साबित होता है कि उनके नजर देश और देश के संविधान और देश के लोगों की कोई अहमियत नहीं है। धरना को संबोधित करते हुए असलम अंसारी ने कहा कि मैं मधुबनी के क्रांतिकारी नौजवानो को सलाम करता हूं जिन लोगों ने संविधान बचाने की इस मुहिम की शुरुआत की है मैं इन साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ा हूं और तब तक खड़ा रहुंगा जब तक ये इस काले कानून को वापस नहीं लेती हैं। धरना में जाप नेता मजहर कमाल, पूर्व पार्षद समिउर रहमान मुंसी, कांग्रेस के हिमांशु, राशिद, रहमत आजम,तारा बाबू, कामिल हुसैन , अमारा,मोहम्मद शमशाद, इत्यादि लोगों ने संबोधित किया
गुरुवार, 23 जनवरी 2020
मधुबनी : NRC-CAA विरोध में महिलाओं की भागीदारी दिन बढ़ती दिन बढ़ती जा रही हैं
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