नयी दिल्ली, 16 जनवरी, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू कश्मीर पर चीन द्वारा लाये गये प्रस्ताव को समर्थन नहीं मिलने के बाद भारत ने चीन को सलाह दी है कि उसे इस मुद्दे पर वैश्विक सहमति को गंभीरता से लेना चाहिए और भविष्य में ऐसे कदम नहीं उठाने चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रीफिंग में इस बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक सदस्य द्वारा एक द्विपक्षीय मुद्दे पर चर्चा कराके सुरक्षा परिषद मंच का दुरुपयोग करने का प्रयास किया गया। सुरक्षा परिषद में अधिकांश सदस्यों ने माना कि सुरक्षा परिषद ऐसे मुद्दों पर चर्चा करने का उचित मंच नहीं है और ऐसे मुद्दों पर भारत एवं पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय ढंग से चर्चा करना चाहिए। श्री कुमार ने कहा कि इस अनौपचारिक एवं गुप्त बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला। इससे यह तथ्य पुन: रेखांकित हुआ कि पाकिस्तान हड़बड़ी में बेबुनियाद आरोपों को उठाने की कोशिश कर रहा है जिससे एक अविश्वास का माहौल बन रहा है। उन्होंने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि इससे पाकिस्तान को बहुत साफ संदेश चला गया है कि भारत एवं पाकिस्तान के बीच अगर किसी मुद्दे पर चर्चा होनी है तो उस पर द्विपक्षीय चर्चा करनी चाहिए। पाकिस्तान को रचनात्मक कार्य में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए और दुनिया भर में अपनी जगहंसाई नहीं करानी चाहिए। चीन के कदम के बारे में उन्होंने कहा कि उनका सुझाव है कि चीन के कदम के औचित्य के बारे में चीन से पूछा जाना चाहिए। चीन को इस बारे में वैश्विक सहमति को संजीदगी से ग्रहण करना चाहिए, इस घटना से सबक लेकर भविष्य में ऐसे किसी भी कदम से बचना चाहिए।
गुरुवार, 16 जनवरी 2020
कश्मीर मुद्दे पर चीन को वैश्विक सहमति के साथ रहना चाहिए : भारत
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