पटना,26जनवरी। सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टियूट कर कहा है कि प्रख्यात राजनीतिज्ञ स्व. जार्ज फर्नांडीज जी, स्व. सुषमा स्वराज जी एवं स्व. अरूण जेटली जी को मरणोपरांत पद्मविभूषण एवं प्रख्यात गणितज्ञ स्व. वशिष्ठ नारायण सिंह जी को पद्मश्री मिलना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है।वहीं नवगठित किश्चियन वेलफेयर एसोसिएशन ने बैठक कर प्रशंसा जाहिर की है। सर्वविदित है कि केंद्रीय सरकार ने प्रख्यात राजनीतिज्ञ स्व. जार्ज फर्नांडीज जी, स्व. सुषमा स्वराज जी एवं स्व. अरूण जेटली जी को मरणोपरांत पद्मविभूषण एवं प्रख्यात गणितज्ञ स्व. वशिष्ठ नारायण सिंह जी को पद्मश्री देकर नवाजा है। स्वर्गीय जार्ज फर्नांडीज , भूतपूर्व सासंद को मरणोपरांत पद्मविभूषण से सम्मानित होने पर ईसाई समुदाय के बीच खुशी व्याप्त है । नवगठित किश्चियन वेलफेयर एसोसिएशन,बिहार, पटना ने स्वर्गीय जार्ज फर्नांडीज को संघर्षशील, प्रेरणास्त्रोत और कर्मठ समाजवादी नेता करार दिया।आगे कहा कि वे देश के मजदूर वर्गों के हक में लड़ने वाले गरीब मजदूरों के मसीहा थे। सादगी जीवन के प्रतिमूर्ति थे जीवन में साधारण जीवन जीने वाले मजदूरों की लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक लड़ा। नवगठित किश्चियन वेलफेयर एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि वर्ष 1977 में इमरजेन्सी के दौरान तिहाड़ जेल में रहते हुये भी मुजफ्फरपुर से लोकसभा का चुनाव जीते। वे नालंदा संसदीय से भी चुनाव जीत कर सांसद बने थे। इस दौरान केन्द्र में कई महत्वपूर्ण मंत्रालय में अपना समय व सहयोग दिये। कितनों ने इनसे राजनीति सीखे ,और अपना गुरु स्वीकार भी किया । देश और प्रदेशों में विशेष कर अपना बिहार के ईसाई लोगों के लिए गौरवपूर्ण हस्ती थे। देश और प्रदेशभर के ईसाइयों के भौतिक स्तर पर इनके जैसा सादगी सरल विचार और जानकार नेता कोई भी नहीं थे। आज उनकी कमी सभी राजनीतिक दलों और ईसाइयों में महसूस की जा रही है ।भारत सरकार से प्राप्त पद्मविभूषण सम्मान उन्हें मिला साथ ही साथ बिहार के अन्य माननीयों को भी सम्मानित किया गया। नवगठित किश्चियन वेलफेयर एसोसिएशन, बिहार, पटना और तमाम किश्चियन समुदायों की ओर से जार्ज साहब को सैल्यूट और नमन है।वहीं भारत सरकार को बधाई दी। नवगठित किश्चियन वेलफेयर एसोसिएशन ने केन्द्र और बिहार सरकार से आशा व मांग की है कि स्वर्गीय फर्नांडीज के नाम पर कोई सार्थक कार्यकर्म आरंभ विशेषकर अल्पसंख्यक ईसाईयों के लिए किया जाए। सबका साथ सबका विकास और सबका सहयोग पाने के लिए कार्यकर्म चाहिए व जरूरी भी है।उनके नाम पर शिलालेख, द्वार, मिटिंग हाल,सड़क या कोई स्मरणीय प्रतीक बनाई जाय। राज्य सरकार शिलालेख प्रतीक चिन्ह के रूप में स्थापित करे। बैठक में उपरोक्त विचार का एक प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार और बिहार सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय में देने का निर्णय लिया गया है । इस बैठक में सर्वश्री जयप्रकाश, अरुण कुमार, रंजीत, फेलिक्स, मेलवीन, रोहित, अजीत, संजय,सुशील,सुमित, सुनील, रौनी और विकास व अन्य उपस्थित हुये । अंत में भारत सरकार और बिहार सरकार को इस अच्छे कदम के लिए धन्यवाद व बहुत -बहुत बधाई दी गई ।
रविवार, 26 जनवरी 2020
बिहार : नवगठित किश्चियन वेलफेयर एसोसिएशन ने बैठक कर प्रशंसा जाहिर की
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