लखनऊ 03 जनवरी, दशकों से उत्तर प्रदेश की में अपनी खोई राजनीतिक जमीन तलाश रही कांग्रेस को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में अपना भविष्य दिखाई दे रहा है । पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा इस कानून को लेकर आक्रामक तेवर अख्तियार किये हुये हैं। सीएए के विरोध में 19 दिसम्बर को राजधानी लखनऊ में भड़की हिंसा अगले दिन राज्य के अन्य हिस्सों में फैल गयी। आगजनी, लाठीचार्ज, फायरिंग और पत्थरबाजी में सैंकड़ों लोग घायल हुये जिसमें 288 पुलिस वाले भी थे। इस दौरान 61 पुलिसकर्मी फायरिंग में घायल हुये । श्रीमती वाड्रा 27 दिसम्बर को दो दिन के कार्यक्रम में लखनऊ आईं लेकिन चार दिन रूक गईं । इस चार दिन में जोरदार राजनीतिक ड्रामा हुआ। जेड प्लस सुरक्षा वाली प्रियंका जब अपनी सुरक्षा में लगे लोगों को बिना बताये हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये अवकाश प्राप्त भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी एस आर दारापुरी के घर जाने लगीं तो पुलिस ने उन्हें रोका । सड़क पर हुये ड्रामें के बाद कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि उन्हें धक्का दिया गया और गला दबाने की कोशिश की गई हालांकि दूसरे ही दिन वो अपने लगाये आरोप से मुकर गईं ।
शुक्रवार, 3 जनवरी 2020
सीएए के विरोध में कांग्रेस देख रही उत्तर प्रदेश में भविष्य
Tags
# उत्तर-प्रदेश
# राजनीति
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
राजनीति
Labels:
उत्तर-प्रदेश,
राजनीति
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें