बहुप्रतीक्षित शांति सम्मेलन 28 जनवरी से 30 जनवरी तक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 22 जनवरी 2020

बहुप्रतीक्षित शांति सम्मेलन 28 जनवरी से 30 जनवरी तक

ekta-parishad-peace-seminarनागपुर,22 जनवरी। आज जय जगत 2020 वैश्विक पदयात्रा का 112 वां दिन है। जय जगत पदयात्रा  नागपुर से कूच कर गए हैं। मार्च करने वाले लोग वर्धा के लिए रवाना हुए। यहां पर गांधी के आश्रम है।  वर्धा में गांधी जी 1936 में आए थे।यहां पर बहुप्रतीक्षित शांति सम्मेलन 28 जनवरी से 30 जनवरी तक है। तब जय जगत पदयात्रा का चार महीने पूरा हो जाएगा। भारत में आखिरी पड़ाव है। बताते चले कि वैश्विक शांति एवं न्याय के लिए महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्तूबर 2019 से दिल्ली के राजघाट से ‘‘जय जगत 2020’’ शुरू की गई है। यात्रा में फ्रांस, न्यूजीलैंड, केन्या, बेल्जियम और स्वीट्जरलैंड सहित 15 देशों के शांति दूत भी शामिल हैं। भारत के बाद यह यात्रा 10 देशों से होते हुए अगले साल 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय जिनेवा पहुंचेंगी, जहां शांति एवं न्याय के लिए समर्पित हजारों लोगों का समागम होगा। 02 अक्टूबर 2019 से शुरू जय जगत 2020 वैश्विक पदयात्रा के 112 दिन पूरे होकर यात्रा दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश के ललितपुर, मध्यप्रदेश के मुरैना, सबलगढ़, ईशागढ, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, भोपाल, होशंगाबाद, हरदा होते हुए बैतूल जिले में प्रवेश कर चुकी है।यह यात्रा बैतूल से छिंदवाड़ा होते हुए 30 जनवरी को महाराष्ट्र वर्धा पहुँचेगी। यात्रा के स्वागत में बैतूल पुलिस अधीक्षक श्री कार्तिकेयन के साथ अधिकारी, भडुस सरपंच माधुरी पंवार, ग्राम सचिव कृष्ण कुमार देवासे के साथ स्थानीय लोग मौजूद रहेंगे। वहीं यात्रा के दौरान अलग अलग जगह पर लोगों ने पदयात्रियों का स्वागत किया। भारत में यात्रा 30 जनवरी 2020 को सेवा ग्राम, वर्धा, महाराष्ट्र स्थित गांधी आश्रम पहुंचेगी, जहां बा-बापू की 150वीं एवं आचार्य विनोबा भावे की 125वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में शांति महासभा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद यात्रा ईरान व अन्य देशों के लिए रवाना हो जाएगी। इस यात्रा में 10 देशों और भारत के 18 राज्यों से पदयात्री इस संदेश के साथ आगे बढ़ रहे हैं। दुनिया के अलग अलग देशों के फ्रांस से डेण्णी, मीका, केन्या से सिडनी, न्यूजीलैंड से बेंजामिन, एकता परिषद से सरस्वती उइके, कस्तूरी पटेल, राजस्थान से जयसिंह जादौन, छत्तीसगढ़ से निर्मला, सीताराम स्वामी, छिंदवाड़ा से मुदित श्रीवास्तव, भिंड से नीरू दिवाकर, भोपाल से शाहबाज खान, खुशबू चौरसिया, सतीश राज आचार्य, उतरप्रदेश से आशिमा, बिहार से सन्नी कुमार, गुजरात से पार्थ, तमिलनाडु से श्रुति, केरल से अजित, बेंजी, महाराष्ट्र से जालंधर भाई आदि पूरे 50 पदयात्री अगले साल जिनेवा पहुंचेंगे।  पूरी दुनिया में गरीबी उन्मूलन, जलवायु संकट, असमानता खत्म करने और युद्ध रहित दुनिया के संदेश के साथ विश्व के 16 देशों से 50 पदयात्री पूरे 365 दिन तक 10 देशों ईरान, अर्मेनिया, जॉर्जिया, बुल्गारिया, क्रोएशिया, इटली आदि से होते हुए अगले वर्ष अक्टूबर 2020 में स्विट्जरलैंड, जिनेवा पहुंचेंगे

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