नयी दिल्ली, 15 जनवरी, प्रसिद्ध समाजवादी नेता शरद यादव ने बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का पुरजोर विरोध करते हुए कहा है कि देश में ‘जंगल राज’ से भी बुरा हाल है और ‘अघोषित आपातकाल’ लगा हुआ है तथा पुलिस का इतना जुल्म तो आपातकाल में भी नहीं हुआ था। श्री यादव ने यहाँ लखनऊ में गत दिनों सीएए के विरोध में शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान गिरफ्तार करने के बाद जमानत पर रिहा पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी एस. आर. दारापुरी, संस्कृत कार्यकर्ता दीपक कबीर, सदफ नाज़ तथा गणित के शिक्षक रहे पवन अंबेडकर के समर्थन में प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही। कांफ्रेंस में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, पूर्व सांसद वृंदा करात, भाकपा महासचिव डी. राजा और राजद सांसद मनोज झा के अलावा ये चारों कार्यकर्ता भी मौजूद थे और उन्होंने 19 दिसम्बर की घटना का ब्यौरा दिया तथा जेल में हुए उनके साथ अमानवीय अत्याचार और बर्बर पिटाई की दर्दनाक आप बीती भी सुनाई। श्री यादव ने कहा कि जो लखनऊ में हुआ वह देश के हर कोने में हो रहा है। हालात जंगल राज से परे है। भाजपा का क्या हम नाम दें। आपातकाल में हम भी जयप्रकाश नारायण के साथ जेल गए थे पर ऐसे हालात तो आपातकाल में भी नहीं थे। आज तो अघोषित आपातकाल लगा है। लेकिन यह इमरजेंसी दिखती नहीं है। जेल में इतना जुल्म तो पहले नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि 45 साल से हम भी दिल्ली में हैं। गत 70 सालों में दिल्ली के किसी विश्वविद्यालय या काॅलेज में नकाबपोश गुंडों से इस तरह छात्रों की पिटाई नही हुई थी। श्री यादव ने कहा कि यह पहली सरकार है जो अपने ही कानून को लागू करने के लिए जुलूस निकाल रही है।
बुधवार, 15 जनवरी 2020
देश में अघोषित आपातकाल लगा है : शरद यादव
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