झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और जमशेदपुर के पूर्व सांसद स्वर्गीय सुनील महतो का जन्मदिन शनिवार को शहर के कदमा स्थित गणेश पूजा मैदान में धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान उनकी पत्नी ने कहा कि आज तक मुझे इंसाफ नहीं मिला, इस मुद्दें को लेकर मुख्यमंत्री से जल्द मिलेंगे.
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और जमशेदपुर के पूर्व सांसद स्वर्गीय सुनील महतो का जन्मदिन शनिवार को शहर के कदमा स्थित गणेश पूजा मैदान में धूमधाम से मनाया गया. इस दौरान सर्व धर्म सभा का आयोजन किया गया. इसमें सभी धर्मगुरुओं ने भाग लिया, उसके बाद स्वर्गीय सुनील महतो की पत्नी सह पूर्व ससंद सुमन महतो सहित वहां आए जेएमएम के कार्यकर्ताओं ने सुनील महतो के फोटो में माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सुनील महतो अमर रहे के लोगों ने नारे भी लगाए. दिवंगत की पत्नी सह पूर्व सांसद सुमन महतो ने उम्मीद जताई कि हेमंत सोरेन की सरकार उनके पति सुनील महतो हत्याकांड का जरूर पर्दाफाश करेगी और इस मामले को लेकर वे जल्दी ही हेमंत सोरेन से मिलेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजनीति में उनके पति तेजी से उभर रहे थे. इसी बीच नक्सलियों ने उनकी हत्या कर दी. इस मामले में मुख्य आरोपी ने कोलकाता में आत्मसमर्पण कर दिया. जिसमें आरोपी ने कहा था कि सुनील महतो जनता के लिए ज्यादा काम करते थे, इस कारण उनकी हत्या कर दी गई लेकिन यह बात मेरे समझ से परे है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसी से जांच पर आश लगी थी कि हत्या के पीछे कौन साजिश करता है, इसका खुलासा होगा. उन्होंने ने कहा कि आखिर कौन सी जांच हो रही है जो अब तक पूरी नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि जब जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा हो सकता है तो आम लोगों के मामले में क्या होता होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि तमाड़ के विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या 2008 में नक्सलियों ने कर दी थी. एनआईए ने तफ्तीश कर मामले का खुलासा कर दिया. हत्या में नक्सली और राजनीतिक गठजोड़ सामने आए थे, लेकिन एनआईए ने मेरे पति की हत्या का अभी तक कुछ खुलासा नहीं किया है. बता दें कि जेएमएम सांसद सुनील महतो की 4 मार्च 2007 को घाटशिला अनुमंडल के भगोरिया फुटबॉल मैदान में नक्सलियों ने भीड़ के सामने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में नक्सली राहुल दस्ते की संलिप्ता पुलिस और सीबीआई जांच में सामने आई थी. राहुल पर सीबीआई ने 10 लाख का इनाम रखा था. उसने अपनी पत्नी झरना के साथ 25 जनवरी 2017 को बंगाल पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. बंगाल की सरेंडर पॉलिसी के अनुसार समर्पण करने वाले नक्सलियों को न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाता है, ऐसा ही राहुल और उसकी पत्नी के साथ हुआ दोनों को सीबीआई रिमांड पर नहीं ले पाई. हत्या में नक्सली राजेश मुंडा को पुलिस ने अपनी तफ्तीश के दौरान बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर सालवानी से 2009 में गिरफ्तार किया था.
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