कानपुर 22 जनवरी, केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रकृति के साथ खिलवाड़ न करने की चेतावनी देते हुये कहा कि प्रकृति के साथ खिलवाड करने का परिणाम पूरी दुनिया भुगत रही है और इसके लिये दोषी भगवान नही बल्कि खुद इंसान है। श्री तोमर ने बुधवार को कानपुर में चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में नमामि गंगे के तहत आयोजित किसान गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम लोग प्रकृति के साथ जितना खिलवाड़ कर रहे हैं उसके असंतुलन का दुष्परिणाम पूरी दुनिया भुगत रहीब है। इसकेे लिये दोषी भगवान नहींं बल्कि खुद इंसान हैं। उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति के चक्र को पहचाने की आवश्यकता है। हम प्राकृतिक खेती करेंगे तो प्रकृति असंतुलन को भी संतुलन में बदल देंगी। रासायनिक उर्वरकों से फायदा तो हुआ है लेकिन इससे कहीं ज्यादा नुकसान हुआ है। ऐसे में समय रहते सुधार किया जा सकता है।
इस अवसर पर प्राकृतिक खेती की वकालत करते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों को सही मार्गदर्शन मिले तो यहां के खेत सोना उगलेंगे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने प्रदेश किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती से तेजी से जुड़ना चाहिए। प्राकृतिक खेती से ना केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी बल्कि गंगा के शुद्धिकरण की दिशा में भी यह कदम कारगर साबित होगा। किसान यदि समृद्ध होगा तो देश खुद ही विकसित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान गो आधारित प्राकृतिक खेती करें ताकि धरती स्वस्थ और किसान समृद्ध रहे। जिस तरह पंजाब और हरियाणा में किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान भी फसल के साथ खेतों में यूरिया बिछा देते हैं। इससे फसल भले ही ठीक हो जाती हो लेकिन जमीन को नुकसान होता है और लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि किसानों से रसायन और उर्वरकों का उपयोग छुड़ा पाना आसान नहीं होगा इसके लिये उन्हें आगे आना होगा। इससे पहले गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने नमामि गंगे योजना के तहत गौ आधारित प्राकृतिक खेती प्रदर्शनी प्रदर्शनी (किसान गोष्ठी) का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदर्शनी स्थल का निरीक्षण किया और प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी ली। किसान गोष्ठी में प्रदर्शनी के माध्यम से जैविक खेती के विषय में लोगों को जानकारी दी जाएगी। गंगा किनारे बसे गांवों में जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है,जिसमें किसानों को रासायिनक खेती करने से होने वाले परिणाम तथा जैविक खेती की उपयोगिता विस्तार से उन्हें बताया जायेगा। इस गोष्ठी में गंगा के किनारे बसे इन गांवो से लगभग 1036 किसान गोष्ठी में शिरकत करने आए हैं। किसानों को रासायिनक खेती से निकले वाले पदार्थों से मां गंगा में घुलने वाले जहर के विषय में जानकारी दी गयी।
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