झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 13 जनवरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 13 जनवरी 2020

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 13 जनवरी

सांसद गुमानसिंह डामोर ने लोक सेवा आयोग की परीक्षा भील जनजाति के अपमान को लेकर आका्रेष व्यक्त किया
प्रदेष के मुख्यमंत्री इसको लेकर माफी मांगे

jhabua news
झाबुआ ।  रतलाम झाबुआ आलिराजपुर सासंद गुमानसिंह डामोर ने मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में आदिवासी जाति के अपमान को लेकर जो प्रश्न पुछे है उसे लेकर आक्रोश व्यक्त करते हुये लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष भास्कर चैबे से अपना कडा विरोध दर्ज कराते हुये कहा है कि 12 जनवरी 2020 रविवार को लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के प्रश्न पत्र में गद्यांश 4 में मप्र की सबसंे बडी जनजाति भील को लेकर बहुत ही आपत्तिजनक प्रश्न पुछा गया है। इस प्रश्न में भील जनजाति को ऐसा वर्णित किया है कि यह जाति अपराधिक प्रवृत्ति की होकर गलत काम करने वाली है। इस संबंध में सांसद गुमानसिंह डामोर ने बताया कि उन्होने पा्रतः लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष भास्कर चैबे से बात की ओर उन्हे यह बताया है कि जिसने भी यह प्रश्न पत्र सेट किया है उसके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिये। यदि वे इन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज नही करते है तो हम सभी लोक सेवा आयोग का घेराव करेंगे। तथा जिसने यह प्रश्न पत्र सेट किया है उसका मुंह काला करंेंगंे। उन्होने कहा कि हमारी तीन मांगे है कि इस परीक्षा में यह प्रश्न गलत पुछा है इसलिये यह परीक्षा निरस्त की जाये। दूसरा जिस व्यक्ति ने यह पेपर सेट किया है उसके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उसे जैल भेजा जाये। तथा तीसरा कांग्रेस की सरकार जब से मप्र में आई है वह आदिवासियो को प्रताडित कर  रही है चाहे वह कर्ज माफी का मामला हो, बेरोजगारो को भत्ता देने का मामला हो या लोक सेवा आयोग की परीक्षा का मामला हो। हर तरह से आदिवासियो को प्रताडित किया जा रहा है। इसलिये प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ नैतिक जिम्मेवारी लेते हुये समाज से माफी मांगे। 

एमपीपीएससी परीक्षा में आदिवासी भील जाति के अपमान को लेकर विधायक कांतिलाल भूरिया ने विरोध दर्ज कराया ।
पीएससी चेयर मेन एवं सचिव को पद से हटाने की मांग की

jhabua news
झाबुआ । एमपीपीएससी परीक्षा में परिक्षाथियो्र से पुछे गये प्रश्न क्रमांक 96 में दिये गये गद्यांश के आधार आदिवासी भील जाति पर  विवादास्पद गंद्यांश को लेकर मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष एवं झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया ने सोमवार को दोपहर 1 बजे सर्कीट हाउंस पर पत्रकार वार्ता के माध्यम से एमपीपीएससी के चेयरमेन एवं सचिव सहित  अन्य लोगों पर आदिवासी भील जाति का अपमान बताते हुए  इसकी कडे शब्दों में निंदा की है । पत्रकारों को संबोधित करते हुए विधायक भूरिया ने कहा कि एमपीपीएससी में गद्यांश पढ कर जो 4 वैकल्पिक उत्तर पुछे गय ेथे वे पूरी तरह  आदिवासियों के अपमान को ही प्रदर्शित करता है। गंद्याश में उल्लेखित विवरण जिसमें आदिवासियों की संस्कृति, जीवन यापन, तथा व्यसन एवं गरीबी का मजाक उडाया गया है । श्री भूरिया ने कहा कि एमपीपीएससी के चेयरमेन भास्कर चैबे एवं सचिव श्रीमती पंत सहित अन्य जुडें  लोगों के खिलाफ तत्काल मुकदमा कायम कर एट्रोसिटी एक्ट लागू किया जावें व इन्हे तत्काल पद से हटाया जावे । श्री भूरिया ने बताया कि भास्कर चैबे शिक्षा भरती का  सक्रिय कार्यकर्ता है उसे चेयरमेन बना रखा है । इस तरह इसने आदिवासियों का अपमान किया गया है।भील जनजाति की विपन्नता, कुचक्र से बाहर निकल नही पाते है, भीलों की आपराधिक कृत्यों का मुख्य कारण क्या है,  धन उपार्जन के लिये भील कैसे संलिप्त होता है,लूट खसौटा, चोरी आदि करके पेसा एकत्रित करने की भील की मानसिकता बनी हुई है, बेइमानी करकेपैसा एकत्रित करना आदि,। जेसे प्रश्नों के माध्यम से  भील आदिवासी जाति का घोर अपमान 96 से लेकर 100 तक के पुछे प्रश्नों में उल्लेखित किया है । इसमें आदिवासी भील समाज पर चोरी करने, साहूकारों का ऋण लेकर गायब हो जाते है  आदि कहा गया है । इन दोनों अधिकारियों जानबुझ कर आदिवासी भील समाज का अपमान करने के साथ ही उनकी प्रतिष्ठा पर सवाल किये है। इनके विरुद्ध तत्काल कार्र्रवाही होना चाहिये तथा इन्हे पद से हटाना जरूरी है। श्री भूरिया ने कहा कि एमपीपीएससी में ऐसे प्रश्न पुछने का क्या तुक है, जनरल नालेज में क्या ऐसे प्रश्न पुछना चाहिये ? श्री भूरिया ने कहा कि  आदिवासी समाज का अपमान कदापि सहन नही किया जावेगा । इस मुद्दे को लेकर  प्रदेश के सभी आदिवासी विधायक गण एवं जन प्रतिनिधिगण प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं राष्ट्रपति से मिल करक अपनी आपत्ती दर्ज करावेगें । प्रेसवार्ता में जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, पूर्व अध्यक्ष सुरेशचन्द्र पप्प्रु सेठ,जिला पचायत अध्यक्ष शांति राजेश डामोर, पेटलावद विधायक वालसिंह मेडा, युवा नेता डा. विक्रांत भूरिया, जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भट्ट, आचार्य नामदेव, संभागीय प्रवक्ता साबीर फिटवेल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष गौरव सक्सेना, कांग्रेस नेता राजेश डामोर, रसीद कुर्रेशी, शंकरसिंह भूरिया, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष कान्हा गुण्डिया, आदि मौजूद थे ।

यषवंत भंडारी ‘यष’ के काव्य संग्रह ‘‘जिंदगी’’ का देष के ख्यातनाम साहित्यकारों ने इंदौर में किया विमोचन, ‘‘साहित्याधिपति सम्मान’’ से भी किया विभूषित

jhabua news
झाबुआ। इंदौर साहित्य सागर संस्था द्वारा मप्र की महानगरी इंदौर में नषा मुक्ति अभियान महोत्सव 2019-20 का आयोजन स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर 12 जनवरी, रविवार किया गया। जिसमें झाबुआ जिले से वरिष्ठ साहित्यकार यषवंत भंडारी ‘यष’ ने भी समारोह में सहभागिता कर उनके चतुर्थ काव्य संग्रह ‘‘जिदंगी’’ का विमोचन अतिथियों ने किया। साथ ही इस दौरान उन्हें ‘साहित्याधिपति सम्मान’’ से भी विभूषित किया गया।  समारोह में अध्यक्षता महा-महोपाध्याय आचार्य मिथिलाप्रसाद त्रिपाठी के साथ प्रमुख अतिथियों के रूप में काव्याधिपति डाॅ. सरोजकुमार वरिष्ठ साहित्यकार, कृष्णकुमार अष्ठाना प्रधान संपादक देवपुत्र एवं राजकुमार वर्मा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीष तथा वरिष्ठ साहित्यकार यषवंत भंडारी ‘यष’ उपस्थित थे। इन ख्यातनाम हस्तीयों की गरिमामय उपस्थिति में 127 कलमकारों द्वारा रचित राष्ट्रीय कृति ‘‘नषा मुक्ति सागर’’ का विमोचन समारोह के साथ ही साहित्यकार यषवंत भंडारी ‘यष’ के चतुर्थ काव्य संग्रह ‘‘जिंदगी’’ का विमोचन भी किया गया। अतिथियों ने इस पुस्तक का अवलोकन एवं इसमें मनुष्य जीवन के बाल्यकाल से लेकर मरणोपरांत तक का वर्णन बड़े ही अनूठे तरीके से रचनाओं के माध्यम से करने पर सभी ने इस काव्य संग्रह की प्रसंषा करते हुए काव्य रचियता यषवंत भंडारी की सराहना की। 

‘‘साहित्याधिपति सम्मान’’ प्रदान किया गया
समारोह के मध्य ही देषभर से आए 151 साहित्यकारों के सम्मान समारोह के क्रम में वरिष्ठ साहित्यकार यषवंत भंडारी ‘यष’ का उनके द्वारा अब तक 4 काव्य संग्रह प्रकाषित करने एवं साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान और नषा मुक्ति सागर कृृति में आपके द्वारा अनूठा साहित्यिक एवं कौषल भरा उत्कृष्ट प्रेरक संदेष देकर सामाजिक समरसता के आलोकित परिचय से साहित्यधर्मिता का निर्वहन करने पर श्री भंडारी को अतिथियों ने ‘‘साहित्याधिपति सम्मान’’ से सम्मानित करते हुए उनका संस्था का गले में दुपट्टा पहनाकर एवं सिर पर मुकुट पहनाकर अभिनंदन-पत्र प्रदान किया। इस भव्य समारोह के सूत्रधार इंदौर साहित्य सागर संस्था के संस्थापक एवं अध्यक्ष रमेषप्रसाद शर्मा ‘स्वतंत्र’ तथा उपाध्यक्ष रषीद अहमद शेख ‘रषीद’ थे। 

मेरा यह परम सौभाग्य है  
अपने काव्य संग्रह ‘‘जिंदगी’’ के विमोचन एवं अतिथियों द्वारा ‘‘साहित्याधिपति’’ की उपाधि से विभूषित होने पर श्री भंडारी ने अपने मर्म स्पर्षी उद्बोधन में कहा कि मेरा यह परम सौभाग्य है कि राष्ट्र की ख्यातनाम साहित्यिक हस्तीयों के करकमलों से मेरे इस काव्य संग्रह का गरिमामय विमोचन हुआ है। आपने कहा कि मेरी पृष्ठ भूमि ना तो साहित्यिक है और ना ही मेरे परिवार में कोई साहित्यकार है। मैने अपने जीवन के अनुभवों तथा आप जैसे विद्वानों के सानिध्य एवं मार्गदर्षन में लिखना प्रारंभ किया था तथा मेरे आराध्य दादा गुरूदेव जिनदत्त सूरीष्वरजी मसा की असीम कृपा से मेने यह सब लिखा है। ‘‘जिंदगी’’ काव्य संग्रह हर व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाओं से संबंध रखता है तथा मेरा प्रयास रहा है कि सरलतम भाषा में मेरी इस रचना को आमजन अधिक से अधिक अध्ययन करे। समारोह का सफल संचालन प्रो. केके शर्मा ने किया एवं आभार आयोजक संस्था के सचिव रामहरि राठौर ‘विनम्र’ ने माना।  

जो सीमाओ से बाहर सोचते है वे राष्ट्रद्रोही ही माने जायेगें ,इस देश द्रोह को कदापि बर्दास्त नही किया जावेगा - डा. मोहन यादव
भारतीय जनता पार्टी बुद्धिजीव प्रकोष्ठ की विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन 
jhabua news
झाबुआ ।  नागरिकता संशोधन कानून 2020 को लेकर सासद कार्यालय पर  उज्जैन विधायक डा. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य मे भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की विशेष गोष्ठी का आयोजन किया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा. मोहन भागवत ने सीसीए के बारे मे विस्तार से चर्चा करते हुए  बताया कि  मूल नागरिकता कानून 1950 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा बनाया गया । देश की आजादी के समय धर्म के आधार पर मुस्लिम लीग द्वारा पृथक पाकिस्तान  की मांग का कांग्रेस की सरकार द्वारा समर्थन किया गया था । स्वयं महात्मा गांधी भी देश के विभाजन के पक्ष मे नही थे । पण्डित नेहरू एवं लियाकत अली मे 1955 मे हुए समझौते के तहत दोनों देशो में अल्पसंख्यको को समानता एवं अधिकार देने के बारे में राय बनी थी । भारत ने तो इस समझौते का पालन किया किन्तु  पाकिस्तान में अल्प सख्यक वर्ग जिसमें हिन्दु, जैन, सिक्ख, पारसी, इसाइ्र एवं बौद्ध धर्म के लोगों के साथ सतत प्रताडना के साथ ही उनके परिवार के साथ उत्पीडन हुआ, धर्म परिवर्तन कराया जाने लगा, मांता-बहिनों की आबरू खतरे में थी ऐसे में  ये लोग भाग कर भारत में शरणार्थी की तरह रह ने लगे थे । श्री यादव ने आगे कहा कि कांग्रेस एवं विरोधी दल भाजपा पर आरोप लगा रहे कि इस बटवारे के लिये भाजपा जिम्मेवार है किन्तु उन्हे याद रखना चाहिये उस समय न तो जनसंघ का जन्म हुआ था और ना ही भाजपा थी । कांग्रेस एवं मुस्लिम लीग के कारण ही देश का बटवारा हुआ था । देश की आजादी के बाद डा. आम्बेडकर भारत के कानून मंत्री बने तथा पाकिस्तान मे दलित नेता योगेन्द्रनाथ मंडल कानून मत्री बने थे । पाकिस्तान में योगेन्द्रनाथ मंडल ने वहां के अल्पसंख्यकों के अत्याचार के विरोध में त्यागपत्र दे दिया तथा वे भारत मे चले आये थे तथा उन्हे यहां की नागरिकता दी गई थी ।ा. यादव ने गोष्ठी में बताया कि डा. श्यामा प्रसाद मुकर्जी ने तत्समय मुस्लिम तुष्टिकरण को भांप लिया था जिसके कारण पूर्व बंगाल जहा मुस्लिमो की आबादी अधिक थी तथा पश्चिमी बंगाल जिसमें हिन्दु एवं अन्य जाति की बहुलता थी । उनके सुझाव पर बगाल का भी विभाजन हुआ था अन्यथा पूरा बंगाल पाकिस्तान बन गया होगा । श्री यादव ने गोष्ठी मे चर्चा करते हुए बताया कि  पाकिस्तान ने इन अल्पसंख्यको के साथ दोयम दर्जे का बर्ताव किया  और यही पाकिस्तान का एजेंडा भी रहा है।  उन्होने आगे कहा कि केन्द्र मे नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के सज्ञि ही 2014 के पहले से 5 साल से अधिक समय से रहने वाले लोगो को यहां नागरिकता दिये जाने की छूट प्रदान की थी तथा 2014 तक जितने भी पाकिस्तान के अल्पसंख्यक जिसमें हिन्दु, सिक्ख,बौद्ध,जैेन,पारसी, इसाई भारत मे शरणाथीब् बन कर आये है उन्हे देश की नागरिकता देकर मुख्य धारा मे जोडने का मानवीय कदम उठासया है। श्री यादव ने आगे कहा कि कांग्रेस सहित  नक्सलवादी या वामपथी मानकिसता वालें दलों द्वारा इस कानून का विरोध करके एक सूत्री विरोध करके देश की संपदा संपत्ति को नुकसान पहूंचाया जा रहा है । उन्होने कहा कि सत्ता तो आती जाती रहती है किन्तु किसी को भी देश को नुकसान पहूंचाने एव आग लगाने की आजादी नही है । श्री यादव ने आगे कहा कि  विरोध करने के साथ ही उसकी दिशा भी तय होना चाहिये । जनसंघ एवं फिर भाजपा अपनी स्थापना के साथ ही इन्ही राष्ट्रवादी विचारों के साथ राष्ट्रहित में काम कर रही है । हमारी पूजा पद्धति जो भी हो, हम किसी भी धर्म को मानने वाले हो किन्तु हम सबसे पहले भारतीय है और देश को कभी आंच नही आने देगे । उन्होंने विरोधियों पर तंज कसते हुए कहा कि  जो सीमाओ से बाहर सोचते है वे राष्ट्रद्रोही ही माने जायेगें । और इस देश द्रोह को कदापि बर्दास्त नही किया जावेगा । संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन विधेयक किसी का नागरिकता लेने वाला नही वरन नागरिकता देने वाला कानून है। इसके  पूर्व, भाजपा जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा तथा भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष पण्डित गणेश उपाध्याय ने डा. मोह न यादव को पुष्पमालाओं से स्वागत किया तथा बुद्धिजीव प्रकोष्ठ की गोष्ठी के आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की । विचारगोष्ठी में पूर्व जिलाध्यक्ष शैलेष दुबे ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए जेएनयू एवं जामिया मिलीया के छात्र आन्दोलन के बारे में प्रकाश डालते हुए नागरिकता संशोधन विधेयक के बारे में विस्तार से बताया । ओपी राय ने भी  नागरिकता कानून कासे लेकर अपने विचार व्यक्त किये । पूर्व जिलाध्यक्ष दौलत भावसार ने भी जिले के सभी मंडलों में इस प्रकार की गोष्ठियों के आयोजन के बारे में विचार व्यक्त किये । बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की इस विचार गोष्ठी में पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल,  रमेश कटारिया, लक्ष्मणसिंह नायक, अजय पारेवाल, पर्वतसिंह मकवाना, संगीता पलासिया, जुवानसिंह गुण्डिया  बबलु सकलेचा, सरदारसिह डावर, नाना हेमेन्द्र राठौर, अंकुर पाठक, भूपेश सिंगोड, विपिन गंगराडे, अभयसिह वाखला, अमरू डामोर, सोमजी डामोर, मगनलाल गादिया, पण्डित महेन्द्र तिवारी, हरू भूरिया, प्रेम अदीपसिंह पंवार,सहित बडी संख्या में लोग उपस्थित रहें । कार्यक्रम के अन्त में श्यामा ताहेड ने आभार प्रदर्शन किया ।

जिले के 20 प्राथमिक षिक्षकों को विगत 3 माह से नहीं मिला भुगतान, आॅनलाईन प्रक्रिया में उलझन, कलेक्टर को आवेदन देने के साथ सहायक आयुक्त से भी की चर्चा  

jhabua news
झाबुआ। जिले के 20 प्राथमिक षिक्षक स्थानांतरित होकर विकासखंड षिक्षा झाबुआ अंतर्गत विभिन्न शालाओं में पदस्थ हुए है, किन्तु आईएफएमआईएस में प्राथमिक षिक्षक के पद रिक्त नहंी होने से ऐसी स्थिति में उन्हें आईएफएमआईएस में ज्वाईन नहीं करवाया जा सका है, जिसके कारण उक्त षिक्षक माह अगस्त 2019 से वेतान प्राप्त नहीं होने से कार्यालय दर कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे है। ताजा मामले में प्राथमिक षिक्षकों ने इस संबंध में 13 जनवरी, सोमवार को कलेक्टर प्रबल सिपाहा एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग प्रषांत आर्य से पुनः मिलकर उन्हें उक्त समस्या से अवगत करवाया। जिस पर सहायक आयुक्त ने बताया कि यह प्रक्रिया आॅनलाईन के तहत एमपी गर्वमेंट (मप्र शासन) से ही रूकी होने से परेषानी आ रहीं है। जल्द ही निराकरण करवाने के प्रयास किए जा रहे है। 13 जनवरी, सोमवार को इस संबंध में षिक्षिका श्रीमती भावना मसानिया, रेखा भूरिया एवं सोनिया बारिया ने कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर श्री सिपाहा एवं सहायक आयुक्त श्री आर्य से मिलकर उन्हें आवेदन देकर बताया कि विगत चार माह पूर्व सहायक आयुक्त के आदेषानुसार प्राथमिक षिक्षकों के स्थानांतरण झाबुआ ब्लाॅक में किए गए, लेकिन चार माह बीतने के बाद भी अभी तक षिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हो पाया है, इस संबंध में पूर्व में सहायक आयुक्त आर्य को भी लिखित में गत 20 दिसंबर 2019 को सूचना देकर अवगत करवाया गया था, जिस पर उनके द्वारा आॅनलाईन पर प्राथमिक षिक्षकों के पद रिक्त नहीं होने के कारण वेतन का भुगतान नहीं हो पाने की बात कहीं गई। साथ ही बताया कि विभाग द्वारा सभी षिक्षकों की सूची भोपाल आयुक्त को प्राथमिक षिक्षकों के पदों की रिक्तता के लिए लिखित में सूचना देकर अवगत करवाया है, जिसे आज 20 दिन से भी अधिक समय होने के बाद भी अब तक कोई निराकरण नहीं हो पाया है। 

आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा 
आवेदन में उक्त षिक्षिकाओं ने आगे बताया कि वेतन नहंी मिलने से उन्हंे काफी कठिनाईयांे का सामना करना पड़ रहा है। आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। परिवार चलाने में भी परेषानी आ रहीं है। आदिवासी विकास विभाग द्वारा केवल आष्वासन देकर पल्ला झाड़ा जा रहा है। स्थानातंरण होने से हमे पूर्व संस्था से कार्यमुक्त कर दिया गया है वहीं वर्तमान संस्था में अभी तक आॅनलाईन ज्वाईनिंग नहीं हो पाई हे, जबकि आॅफलाईन पर वर्तमान में संस्थाओं में षिक्षकों पद रिक्त बताए जा रहे है। इससे प्राथमिक षिक्षकांे का भविष्य मझधार में होकर जीवन यापन मुष्किल सा हो गया है।

आॅनलाईन समस्या आ रहीं 
आवेदन प्राप्त करने के बाद कलेक्टर श्री सिपाहा एवं सहायक आयुक्त श्री सिपाहा ने बताया कि प्राथमिक षिक्षकों की आॅनलाईन प्रक्रिया संबंधी समस्या के चलते उनकी नई शैक्षणिक संस्था में ज्वाईनिंग एवं वेतन नहीं मिलने संबंधी समस्या आ रहीं है। यह समस्या भोपाल से बनी हुई है। जिसके लिए जिला स्तर से सत्त प्रयास किए जा रहे है। 

समयावधि पत्रो की समीक्षा बैठक संपन्न
    
झाबुआ 13 जनवरी 2020/कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा की अध्यक्षता में समयावधि पत्रो की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री संदीप षर्मा, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पेटलावद श्री एम.एल. मालवीय, थांदला श्री जे.एस बघेल, मेघनगर श्री पराग जैन, डिप्टी कलेक्टर श्री एलएन गर्ग सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में समयावधि पत्र, सीएम हेल्पलाइन, जनषिकायत, जनसुनवाई, जनमित्र, पीएमपीजी, आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम एवं माननीय मुख्यमंत्री जी के भ्रमण के दौरान प्राप्त आवेदनो की आवेदनवार/विभागवार समीक्षा की गई। लंबित प्रकरणो का संतुष्टिपूर्वक निराकरण करने के निर्देष सभी संबंधित अधिकारियो को कलेक्टर श्री सिपाहा ने दिये। बैठक में वन स्टाप सेन्टर, कृषि विभाग की ऋण मुक्ति योजना पर भी समीक्षा की गई। नगरपालिका क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक, नायलोन धागा, चायनिस धागा का प्रयोग करते हुए कोई पाया जाए तो तत्काल जब्त कर कार्यवाही करने के निर्देष दिये गये।  सभी अधिकारियो को निर्देषित किया गया कि जनसुनवाई, आपकी सरकार आपके द्वार, सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणो का निराकरण प्राथमिकता से करे। निराकरण के समय आवेदक से चर्चा करे, साथ ही मौके पर जाकर यथा वस्तु स्थिति की पूरी जानकारी के साथ समाधानकारक जवाब पोर्टल पर अपलोड करे। आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के दौरान प्राप्त हुए आवेदनो का निराकरण पोर्टल पर दर्ज करे। सभी जिला अधिकारी अपने अधीनस्थ ब्लाक एवं ग्रामीण स्तरीय कार्यालयो का निरीक्षण कर व्यवस्थाए सुनिष्चित करे एवं भ्रमण प्रतिवेदन कलेक्टर कार्यालय को उपलब्ध करवाना सुनिष्चित करे। जिला अधिकारी अपने भ्रमण पर ग्राम पंचायतो में हेल्पलाईन के नम्बर जो ग्राम पंचायतो एवं षासकीय भवनो पर जो लिखे गये है, उन्हे देखे एवं नही होने पर तत्काल इन हेल्पलाईन के नम्बर अनिवार्य रूप से लिखने के निर्देष दे। इस दौरान यदि कोई बच्चे कुपोषित दिखे या बाल मजदूर कार्य करते हुए दिखाई दे तो तत्काल संज्ञान में लेकर कार्यवाही सुनिष्चित करेगे। कलेक्टर महोदय द्वारा 26 जनवरी 2020 की तैयारी के संबंध में विभागवार समीक्षा की गई। सभी जिला अधिकारी झांकी के संबंध में अपनी टीप अनिवार्य रूप से मंगलवार को प्रस्तृत करेगे। 

कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ को धानुका इनोवेटिव एग्रीवेटिव  एग्रीकल्चर का राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मान
      
झाबुआ 13 जनवरी 2020/कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ को विगत पाॅच वर्षा मे आदिवासी बाहुल्य जिला झाबुआ में किसानो के लिए उनके आजीविका के स्थायित्व एवं आर्थिक विकास हेतु कडकनाथ मुर्गी पालन के साथ कृषि में विविधीकरण अंतर्वती फसल पद्वति, उन्नत व हाई टेक सब्जी उत्पादन तकनीक के प्रचार-प्रसार व उन्नत तकनीको के हस्तांतरण पर किये कार्य के आधार पर राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर नई दिल्ली के सभागार में दिनांक 9 जनवरी 2020 को धानुका इनोवेटिव एग्रीकल्चर अवार्ड-2018 का उत्कृष्ट कृषि विज्ञान केन्द्र का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार कृषि विज्ञान केन्द्र झाबुआ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख प्रोफेसर आई.एस. तोमर को भारत सरकार के केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री डाॅ. जी.एस. षेखावत के कर कमलो द्वारा रूपये 2.50 लाख नगद, षाल एवं प्रषस्ति पत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर विषेष रूप से मंच पर पूर्व अध्यक्ष नेषनल एकेडमी आॅफ  एग्रीकल्चर साइंस व पद्मभूषण प्रोफोसर आर.बी. सिंह, धानुका ग्रुप के अध्यक्ष श्री आर.जी. अग्रवाल एवं राज्यसभा सांसद डाॅ. आलोक वाजपेयी उपस्थित थे। इसके साथ ही इस अवसर पर देष के जाने माने कृषि वैज्ञानिक, उच्च अधिकारी एवं विभिन्न प्रदेषो से आये 1500 कृषक उपस्थित थे। इस अवसर पर डाॅ. तोमर ने कहा कि यह सम्मान झाबुआ जिले के कृषको के अथक परिश्रम के साथ-साथ कृषि विज्ञान केन्द्र के सभी साथी वैज्ञानिको व कृषि से संबंधित विभिन्न विभागो के सहयोग व टीम भावना का परिणाम है। कृषि विज्ञान केन्द्र अलिराजपुर के विरष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. आर.के. यादव का इस पुरस्कार हेतु आवेदन व दस्तावेज तैयार करने में विषेष योगदान रहा। पुरस्कार मिलने पर रा.वि.सिं.कृ.वि.वि. ग्वालियर के माननीय कुलपति प्रो. एस.के. राव, अधिष्ठाता कृषि संकाय डाॅ. मृदुला बिल्लौरे, निदेषक विस्तार सेवाएं डा.ॅ अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय इंदौर डाॅ. अषोक कृष्णा ने डाॅ. तोमर एवं सभी वैज्ञानिको को बधाई दी। इस पुरस्कार के प्राप्त होने से केन्द्र के सभी वैज्ञानिक एवं कर्मचारी अपने आपको गौरवावित महसूस कर रहे है। केन्द्र की इस उपलब्धि से सभी वैज्ञानिको में नई ऊर्जा का संचार के साथ ऐसे ही भविष्य में कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी।

स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस ष्ष्युवा दिवसष्ष् 12 जनवरी को सूर्य नमस्कार आयोजित किया गया
झाबुआ 13 जनवरी 2020/सूर्य नमस्कार का आयोजन डी.आर.पी. लाईन झाबुआ के परेड ग्राउड पर आयोजित किया गया। सामूहिक सूर्य नमस्कार निर्धारित समय पर प्रारंभ हुआ। कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा, पुलिस अधीक्षक श्री विनीत जैन, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मन्नु डोडियार, अति. पुलिस अधीक्षक श्री विजय डावर, रक्षित निरीक्षक श्री चैतनसिंह बघेल, जिला षिक्षा अधिकारी श्री मेहताब सिंह सोलंकी एवं ज्ञानेद्र औझा द्वारा स्वामी विवेकानंद जी के तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का षुभारंभ किया। इसके बाद रेडियो से प्रातः 9.15 पर प्रसारण प्रारंभ हुआ। जिसमें राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम का गायन हुआ। स्वामी जी के षिकागो में दिये गये भाषण का प्रसारण, मध्यप्रदेष गान के बाद सामूहिक सूर्य नमस्कार की तीन बार आवृति में प्राणायाम तथा आसन में भृस्तिका, अनुलोम विलोम भ्रामणी प्राणायाम की प्रस्तुति दी गयी। इस आयोजन में बडी संख्या में छात्र/छात्राओ ने उत्साह से अपनी भागीदारी सुनिष्चित की। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्र गान के साथ भारत माता के जयघोष के नारे लगाये गये। सूर्य नमस्कार में आसन की सभी क्रियाएं योग षिक्षक श्री जितेन्द्रसिंह सोलंकी द्वारा करवाये गये। एवं योग के राष्ट्रीय खिलाडी श्री मनीया मैडा तथा राष्ट्रीय खिलाडी श्री उदेयसिंह खपेड, क्रिडा अधिकारी श्री योगेष गुप्ता एवं श्री कुलदीप धबाई ने सम्पूर्ण व्यवस्था संभाल रखी थी। कार्यक्रम का संचालन श्री लोकेन्द्रसिंह चैहान द्वारा किया गया। 

सेवा निवृत्त कर्मचारियो के लम्बित दावो के निराकरण हेतु विषेष षिविर के आयोजन 20 जनवरी से 25 जनवरी 2020 तक
       
झाबुआ 13 जनवरी 2020/ आयुक्त इंदौर संभाग इंदौर के निर्देषानुसार संभाग के समस्त जिलो में सेवानिवृत्त कर्मचारियो के विभिन्न दावे जैसे वेतन निर्धारण, अवकाष नगदीकरण, परिवार कल्याण निधि/समूह बीमा, सा.भ.नि/विभागीय भविष्य निधि, पेंषन भुगतान आदेष, ग्रेज्यूटी आदि के लम्बित दावो के त्वरित एवं समय सीमा में निराकरण हेतु जिला पेंषन कार्यालयो में विषेष षिविरो का आयोजन जिलेवार किया जावेगा।  झाबुआ जिले में 20 जनवरी से 25 जनवरी 2020 तक षिविर का आयोजन किया जाएगा। जिले के समस्त कार्यालय प्रमुखो को ऐसे समस्त लम्बित प्रकरण षिविर में प्रस्तुत करवाने एवं निराकृत करवाने हेतु निर्देष जारी किये गये है। षिविर में जिले के कोषालय का दल भी षिविर में उपस्थित रहेगा। षिविर पर्यवेक्षण संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा तथा संभागीय पेंषन अधिकारी इंदौर संभाग द्वारा किया जाएगा। इस षिविर का अधिक से अधिक लाभ सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी लेवे एवं विभागीय अधिकारी अपने सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारियो के लंबित पेंषन प्रकरणो का निराकरण करवाने के लिये जिला पेंषन अधिकारी एवं जिला कोषालय अधिकारी श्रीमती ममता चंगोड भी उपस्थित रहेगी। 

शासन के समस्त कार्यालयों को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त घोषित
     
झाबुआ 13 जनवरी 2020/भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को फेज आउट करने का संकल्प लिया गया है। भारत सरकार द्वारा लिये गये संकल्प के अनुरूप मध्यप्रदेश शासन के समस्त कार्यालयों को सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त घोषित किया गया हैं। कार्यालयों में होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान डिस्पोजेबिल, प्लास्टिक वस्तुएँ, प्लास्टिक कैरी बैग्स, फूडपैकेजिंग, प्लास्टिक, फ्लावरपार्ट, बैनर, झंडे, पैटबाटल्स, कटलरी, प्लेट्स, कप, ग्लास, स्ट्रा , फोर्कस, पून्स, पाउच/शेसे आदि तथा थर्मोकोल से निर्मित सजावट एवं अन्य सामान को प्रतिबंधित किया जाता है। 

कोई टिप्पणी नहीं: