प्रधानमंत्री आवासीय योजना आदि से हो
पटना,22 जनवरी। आज बुधवार को महादलित मुसहर समुदाय की झोपड़ियों व आंगनबाड़ी केंद्र पर प्रशासन का अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर चला।जिसके कारण सब के सब महादलित लोग सड़क पर आ गए हैं। और तो और इस ठंडक में खुले आकाश में रहने को बाध्य हो रहे हैं। दूसरी ओर अतिक्रमण हटाने गए लोगों को देसी शराब का जखीरा बरामद हुआ।मजे से पुलिस मुख्यालय से 3-4 किलोमीटर की दूरी पर देसी शराब का भट्टा खोल रखा था।नशामुक्ति व पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़ा कर दिया है। राजाबाजार,बेली रोड स्थित दीघा-आशियाना मोड़ के नुक्कड़ पर महादलित रहते हैं। जिला प्रशासन द्वारा महादलितों को रहने के लिए दो तल्ला मकान बनाया गया है। परिवार की संख्या बढ़ने पर सड़क को अतिक्रमण करके आवासहीनों ने झोपड़ी बनाकर रहते थे।इस ठंडक मौसम व समय को हाशिए पर रखकर पटना प्रमंडल के आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाओं अभियान चलाया गया। हुजूर के द्वारा लिया गया यह निर्णय ना बच्चों, ना महिलाओं और बुजुर्गों के लिए ही सही है। एयर कंडिशन में दुशाला ओढ़ने वालों ने महादलितों पर रहम नहीं किए जिसके कारण सब के सब लोग सड़क पर आ गए। इस ठंडक में खुले आकाश में रहने को बाध्य हो रहे हैं। एनजीओ के नेता टाइप के लोग गला फाड़फाड़ कर चिल्लाने लगे कि जिला प्रशासन द्वारा आवासहीन महादलितों की झोपड़ियां अतिक्रमण के नाम पड़ तोड़ा गया। इस ठंड के समय में सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय ना बच्चों, ना महिलाओं और बुजुर्गों के लिए सही है। स्लम स्थित चापाकल, शौचालय सभी कुछ तोड़ दिया गया है। हम सरकार के इस कदम की निंदा करते हैं। सरकार 2 दिन पहले 19 जनवरी को जल जीवन और हरियाली अभियान के अंतर्गत मानव श्रृंखला में लोगों को शामिल होने के लिए आग्रह कर रही थी। और आज जीवन जो कल का भविष्य हैं उन्हें ठंड में रोड पर रात गुजारने के लिए उनके घरों को तोड़ रही है। इस सरकार के पास बच्चों, महिलाओं बुजुर्गों खासकर गरीबों के लिए संवेदना नाम की कोई चीज नही बची है। कल्याणकारी सरकार के पास अनेकानेक योजना है। विस्थापितों को पुनर्वास,आवासीय भूमिहीनों को 10 डिसमिल जमीन, प्रधानमंत्री आवासीय योजना आदि है। बिहार सरकार तत्काल दीघा-आशियाना मोड़ के नुक्कड़ पर रहने वालो को, आर.ब्लॉक से दीघा तक निर्माणाधीन फोरलाइन से विस्थापित उड़ान टोला , एम्स से दीघा नहर तक एलिवेटेड रोड से विस्थापित महादलितों को पुनर्वास करने की प्रक्रिया शुरु हो।
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