नयी दिल्ली 19 जनवरी, आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाकर वर्ष 2024-25 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगले वित्त वर्ष के बजट में लोगों विशेषकर मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को बढ़ाने के उद्देश्य से आयकर में बड़ी राहत मिल सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेंगी। वर्तमान सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था के मद्देनजर इस बजट को लेकर काफी उम्मीदें की जा रही है। विश्लेषक ऐसी उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त मंत्री कॉरपोरेट कर में कमी की तर्ज पर आयकर में भी छूट देकर लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ा सकती है। उनका कहना है कि 2.50 लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक के पहले स्लैब पर पांच फीसदी कर बना रह सकता है लेकिन पांच लाख रुपये से दस लाख रुपये तक की आय पर कर को 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी किया जा सकता है। इसी तरह 10 लाख रुपये से 25 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कर को भी 30 प्रतिशत से कम कर 20 प्रतिशत किया जा सकता है। कुछ अर्थशास्त्रियों ने 25 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक की आय पर कर को 25 प्रतिशत रखने की वकालत करते हुये कहा है कि एक करोड़ से अधिक की आय पर 30 फीसदी कर लगाया जाना चाहिए क्योंकि इतनी आमदनी वाले लोग ज्यादा कर दे सकते हैं। उन्होंने अमीरो पर आयकर पर लगे अधिभार को समाप्त करने की अपील करते हुये कहा है कि सरकार जितना अधिक ऊंची दर से कर वसूलती है, कर संग्रह कम होता है।
सोमवार, 20 जनवरी 2020
मध्यम वर्ग को आयकर में मिल सकती बड़ी राहत
Tags
# देश
# व्यापार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
व्यापार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें