नयी दिल्ली, 13 जनवरी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर देश को गुमराह किया है तथा भड़काऊ बयान दिए हैं। देश के 20 प्रमुख विपक्षी दलों की बैठक में सोनिया ने यह दावा भी किया कि जेएनयू और कुछ अन्य स्थानों पर हिंसा की घटनाओं से साबित हो गया है कि मोदी सरकार शासन करने में अक्षम है और वह लोगों को सुरक्षा नहीं दे सकती। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सरकार ने दमन चक्र चला रखा है, नफरत फैला रही है और लोगों को समुदाय के आधार पर बांट रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश में अप्रत्याशित अशांति है। संविधान को कमजोर किया जा रहा है और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। देश के हिस्सों खासकर उत्तर प्रदेश में समाज के बड़े तबकों को प्रताड़ित किया जा रहा है और उन पर हमले किए जा रहे हैं। छात्रों और नौजवानों को निशाना बनाया जा रहा है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ पूरे देश में युवाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और इनको समाज के सभी तबकों के लोगों का समर्थन हासिल है। फिलहाल सीएए और एनआरसी को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन इसमें लोगों में बढ़ती हताशा और आक्रोश का प्रकटीकरण हो रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पुलिस की प्रतिक्रिया आश्चर्यजनक ढंग से भेदभावपूर्ण और निर्मम रही है। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने देश को गुमराह किया है। उन्होंने कुछ सप्ताह पहले अपने बयानों का प्रतिवाद किया और भड़काऊ बयान देते रहे।’’ सोनिया ने जेएनयू, जामिया, बीएचयू और कुछ अन्य विश्वविद्यालयों में हिंसा का हवाला देते हुए दावा किया, ‘‘मोदी-शाह सरकार पूरी तरह बेनकाब हो गई है कि वह लोगों की सुरक्षा नहीं दे सकती और शासन करने में अक्षम है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘असम में एनआरसी उल्टा पड़ गया। मोदी-शाह सरकार अब एनपीआर की प्रक्रिया को करने में लगी है। यह स्पष्ट है कि एनपीआर को पूरे देश में एनआरसी लागू करने के लिए किया जा रहा है।’’ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में 20 दलों के नेता शामिल हुए। इस बैठक में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शनों और कई विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसा के बाद पैदा हुए हालात, आर्थिक मंदी तथा कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। पार्लियामेंट एनेक्सी में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, ए के एंटनी, के सी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सुरजेवाला, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, झामुमो के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, राजद के मनोज झा, नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी और रालोद के अजित सिंह मौजूद थे। इसके साथ ही आईयूएमएल के पी के कुन्हालीकुट्टी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज, जद (एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा तथा कई अन्य दलों के नेता भी बैठक में शामिल हुए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें