बिहार में एनआरसी लागू करने का सवाल ही नहीं : नीतीश कुमार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 14 जनवरी 2020

बिहार में एनआरसी लागू करने का सवाल ही नहीं : नीतीश कुमार

no-nrc-in-bihar-nitish
पटना, 13 जनवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि बिहार में राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) को लागू नहीं किया जाएगा। श्री कुमार ने अनुसचित जाति-जनजाति वर्ग को आरक्षण देने की अवधि दस साल और बढ़ाने से संबंधित संविधान के 126वें संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए आहूत विधानसभा के विशेष सत्र में कहा कि सदन के अंदर हर मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए, जहां तक एनआरसी का प्रश्न है तो उसे बिहार में लागू करने का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि जब केंद्र में श्री राजीव गांधी की सरकार थी तब असम के संदर्भ में एनआरसी की बात हुई थी लेकिन पूरे देश के लिए इसकी बात कभी हुई ही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बारे में स्पष्ट कर दिया है। ऐसे में अब एनआरसी पर चर्चा करने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर राज्य ने सहमति दी है लेकिन बीच में कुछ नया जोड़ा गया है तो इस पर भी सदन में चर्चा हो सकती है। अभी एनपीआर का काम तीन-चार महीने बाद ही शुरू होगा। श्री कुमार ने कहा कि वह जातीय आधार पर जनगणना कराए जाने के पक्षधर हैं। वर्ष 1930 के बाद देश में जातीय आधार पर जनगणना नहीं हुई है। वर्ष 2010 में भी इस संबंध में मांग उठी थी लेकिन उस समय जातीय आधार पर जो जनगणना हुई उसके आंकड़े प्रकाशित नहीं हुए लेकिन उनका मत है कि एकबार यह काम हो जाना चाहिए। धर्म के आधार पर जनगणना होती है, अनुसूचित जाति-जनजाति के अंदर भी जितनी उपजातियां हैं उसकी भी जनगणना होती है तो फिर जातीय आधार पर जनगणना कराने में क्या समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में सार्वजनिक तौर पर कहते रहे हैं कि यदि सदन में इस पर चर्चा हुई तो बिहार की भावना से भी केंद्र को अवगत कराया जाएगा। 

कोई टिप्पणी नहीं: