नयी दिल्ली, 13 जनवरी, सब्जियों के दाम चढ़ने से खुदरा मुद्रास्फीति की दर दिसंबर 2019 में जोरदार तेजी के साथ 7.35 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है। यह इसका पांच साल से अधिक का सबसे ऊंचा स्तर है और भारतीय रिजर्व बैंक की दृष्टि से यह सामान्य स्तर को लांघ चुकी है। इससे पहले जुलाई, 2014 में मुद्रास्फीति 7.39 प्रतिशत पर चल रही थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आलोच्य माह में सब्जियों की कीमतें पिछले साल से औसतन 60.5 प्रतिशत ऊपर चल रही थीं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर, 2018 में 2.11 प्रतिशत और नवंबर, 2019 में 5.54 प्रतिशत थी। एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर 14.12 प्रतिशत पर पहुंच गई। दिसंबर, 2018 में यह शून्य से 2.65 प्रतिशत नीचे थी। नवंबर, 2019 में यह 10.01 प्रतिशत पर थी। दालों और उससे जुड़े उत्पादों की मुद्रास्फीति दिसंबर माह में 15.44 प्रतिशत रही जबकि मांस और मछली की मुद्रास्फीति करीब दस प्रतिशत रही। केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है। अब यह केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से कहीं अधिक हो गई है। रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक नीति समिति की बैठक छह फरवरी को होनी है। दिसंबर की बैठक में केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति की चिंताओं को हवाला देते हुए नीतिगत दर को पूर्वस्तर पर बरकरार रखा था।
मंगलवार, 14 जनवरी 2020
खुदरा मुद्रास्फीति 7.35 % के साथ 5 साल के उच्चतम स्तर पर
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