नयी दिल्ली, 02 जनवरी, भारतीय महिला हॉकी टीम की डिफेंडर सुनीता लाकड़ा ने अपनी घुटने की चोट से परेशानी के चलते गुरूवार को अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा कर दी। 2018 एशियाई खेलों की रजत विजेता टीम का हिस्सा रहीं सुनीता को घुटने की चोट से उबरने के लिये सर्जरी की ज़रूरत है। सुनीता ने कहा कि उनकी चोट टोक्यो ओलंपिक में खेलने के उनके सपने के आड़े आ गयी है जिससे वह बहुत परेशान हैं। उन्होंने कहा,“ मेरे लिये आज का दिन बहुत भावनात्मक भरा है और मैंने अंतरराष्ट्रीय हाॅकी से संन्यास का फैसला किया है।” उन्होंने कहा,“ मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मुझे रियो ओलंपिक-2016 में खेलने का मौका मिला जो भारत का तीन दशक में पहला ओलंपिक था। अब टीम जब टोक्यो ओलंपिक के लिये तैयार कर रही है तो मैं उसका हिस्सा बनना चाहती हूं। लेकिन मेरी चोट मेरे सपनों के बीच आ गयी है। मुझे डॉक्टरों ने बताया है कि इसके लिये एक और सर्जरी की जरूरत है और मैं जानती हूं कि मुझे इससे ठीक होने के लिये काफी समय चाहिये होगा।” वर्ष 2008 से ही सुनीता भारतीय टीम का हिस्सा रही हैं और 2018 एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में टीम की कप्तान रही थीं जहां टीम दूसरे नंबर पर रही थी। अनुभवी हॉकी खिलाड़ी ने भारत के लिये 139 मैच खेले हैं और 2014 की एशियाई खेलों की कांस्य विजेता टीम का हिस्सा रहीं। 28 साल की हॉकी खिलाड़ी ने लेकिन चोट से ठीक होने के बाद घरेलू हॉकी टूर्नामेंटों में खेलते रहने का वादा किया है। उन्होंने कहा,“मैं अपने उपचार के बाद घरेलू हॉकी में खेलना जारी रखूंगी और मेरे करियर और नौकरी में मदद करने वाले नाल्को के लिये खेलती रहूंगी। मैं खेल में काफी आगे तक आयी हूं और मेरी भारतीय टीम के साथ कई अहम यादें हैं। मेरी टीम मेरे परिवार की तरह रही है।” सुनीता ने टीम साथियों और कोच शुअर्ड मरीने को उनके समर्थन के लिये धन्यवाद किया। उन्होंने कहा,“ मैं हॉकी इंडिया को धन्यवाद करना चाहती हूं जिन्होंने मेरे उपचार में मदद की और महिला टीम जिसने हमेशा मेरा समर्थन किया।”
गुरुवार, 2 जनवरी 2020
चोटिल सुनीता लाकड़ा ने हॉकी से लिया संन्यास
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