यह दशक भारतीय उद्यमियों का, उद्योग जगत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी सरकार: मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 6 जनवरी 2020

यह दशक भारतीय उद्यमियों का, उद्योग जगत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी सरकार: मोदी

this-is-business-era-pm-modi
नयी दिल्ली 06 जनवरी,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्योग जगत से निराशा से दूर रहने की अपील करते हुए सोमवार देर शाम कहा कि वे देश के किसी भी हिस्से में काम करें, सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी क्योंकि यह दशक भारतीय उद्यमियों का है और पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था तो एक पड़ाव मात्र है तथा लक्ष्य इससे बड़े हैं। श्री मोदी ने किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कंपनी के संस्थापक लक्ष्मणराव किर्लोस्कर की जीवनी के हिन्दी संस्करण ‘यांत्रिक की यात्रा - व्यक्ति जिसने मशीन बनायी’ का विमोचन किया और कंपनी के 100 वर्ष पूर्ण होने पर डाक टिकट जारी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा , “ नए वर्ष की शुरुआत में, आज इस मंच से मैं भारतीय उद्योग जगत को फिर कहूंगा कि निराशा को अपने पास भी मत फटकने दीजिए। नयी ऊर्जा के साथ आगे बढ़िए, अपने विस्तार के लिए आप देश के जिस भी कोने में आप जाएंगे, भारत सरकार आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी। ” उन्होंने कहा कि भारतीय उद्यमी वैश्विक स्तर पर कुछ कर गुजरने और जोखिम उठाने के लिए पहचाने जाते हैं। उद्यमियों से देश के विकास को लेकर बहुत उम्मीद है क्योंकि हमारे उद्यमी परिस्थितियों को बदलने के लिए हर चुनौती से निपटने में माहिर है। प्रधानमंत्री ने कहा , “ लोगों का सही सामर्थ्य तभी सामने आ सकता है, जब सरकार, इंडिया, इंडियन और इंडस्ट्रीज के आगे बाधा बनकर नहीं, बल्कि उनका साथी बनकर खड़ी रहे। बीते वर्षों में देश ने यही मार्ग अपनाया है। भारतीय उद्यमी की पहचान कुछ कर गुजरने तथा जोखिम उठाने तथा नए-नए क्षेत्रों में अपना विस्तार करने की है।” उन्होंने कहा ,“भारत का उद्यमी अधीर है देश के विकास के लिए अपनी क्षमताओं और सफलताओं के विस्तार के लिए।” प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पाँच वर्षों में, देश में निष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करने का एक माहौल बना है। इस माहौल ने देश को बड़े लक्ष्य तय करने, और तय समय पर उन्हें हासिल करने का हौसला दिया है। सरकार का प्रयास है कि भारतीय उद्योग पारदर्शी माहौल में भय के बिना, बाधा के बिना, आगे बढ़े, देश और खुद के लिए संपत्ति अर्जित करे । सरकार की कोशिश रही है कि उद्योग जगत को कानूनों के जाल से मुक्ति मिले। कर प्रणाली में पारदर्शिता , दक्षता, जवाबदेही आये, करदाताओं को कर विभाग के चक्कर न लगाने पड़े। इसके लिए एक नयी व्यवस्था का निर्माण किया जा रहा है। अभी कंपनी कर की दर देश में सबसे कम है। उन्होंने इंडियन बैंक्रप्सी कोड (आईबीसी) का उल्लेख करते हुये कहा कि ये जरूरी नहीं की जो कंपनी सफल न हो रही हो, उसके पीछे कोई साजिश ही हो, कोई लालच ही हो। देश में ऐसे उद्यमियों के लिए एक रास्ता तैयार करना आवश्यक था और आईबीसी ने इसी का आधार तय किया है।  

कोई टिप्पणी नहीं: