सेल खदान के लाल पानी से बंजर हुए खेत, आदिवासी ग्रामीणों ने सीओ से की कार्रवाई की मांग चाईबासा के मनोहरपुर प्रखंड अंतर्गत छोटानागरा पंचायत के धोबिल गांव के रैयत चिड़िया सेल के मनमानी रवैये परेशान हैं. उनका कहना है कि सेल प्रबंधन उन्हें केस करवाकर फंसा देती है. ग्रामीणों ने इससे संबंधित एक मांगपत्र भी सीओ को सौंपा है.
चाईबासा (प्रमोद कुमार झा) मनोहरपुर प्रखंड अंतर्गत छोटानागरा पंचायत के धोबिल गांव के रैयत चिड़िया सेल के मनमानी रवैये परेशान हैं. पहले ही सेल की चिड़िया लौह अयस्क खदान से निकलने वाली लाल पानी से गांव के रैयतों की जमीन बंजर हो चुकी है. अब सेल ने धोबिल के दर्जनों रैयतों की जमीन पर बगैर सहमति के नई योजना के तहत पीलर गाड़ दिया है. चिड़िया सेल के इस रवैये से धोबिल गांव के रैयतों में काफी आक्रोश है. ग्रामीणों ने अपनी इन्ही समस्याओं को लेकर मनोहरपुर के अंचलाधिकारी से इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की मांग करते हुए रैयतों का हस्ताक्षरयुक्त मांग पत्र सौंपा है. इस दल में धोबिल ग्राम के धनसिंह चम्पिया, दुलाल आईन्द, गोपाल हासदा, गउरा मुर्मू, बिसु पूर्ति, घनश्याम चम्पिया और जितेन चम्पिया ने सामूहिक रूप से सीओ को मांगपत्र सौंपा. ग्रामीणों का कहना है कि धोबिल में चिड़िया सेल कई वर्षों से लोहा पत्थर का खनन कर रही है. खदान से लाल पानी निकलने के कारण धोबिल गांव की जमीन बंजर हो गई है. अब धोबिल गांव के रैयतों की जमीन पर सेल खदान प्रबंधन ने जबरन पीलर गाड़ दिया है. उनका विरोध करने पर प्रबंधन उल्टा ही केस दर्ज करवाकर फंसा देती है. सेल खादान के लाल पानी से ग्रामीणों के खेत बंजर हो चुके हैं. जिस कारण गांव के ग्रामीण खेती नहीं कर पा रहे हैं. उनके सामने अब भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इतना ही नहीं सेल खदान प्रबंधन ग्रामीणों की समस्याओं को अनदेखी कर रही है. सेल इस क्षेत्र में विकास का कुछ काम भी नहीं कर रही है. उन्होंने सेल के खदान से प्रभावित धोबिल गांव के गरीब बेरोजगारों के हित में प्रशासन से उचित करवाई की मांग की है. लाल पानी से प्रभावित रैयतों ने हस्ताक्षर कर अंचलाधिकारी को कार्रवाई की मांग की है.
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