पटना, राजधानी में है गांधी मैदान.इसके बगल में है सालिमपुर अरहा.यहां पर स्वर्गीय एल.पी. सनी और स्व.अनास्तासिया सनी का पैतृक मकान है.दोनों की पुत्री हैं मेरी एलिजाबेथ सनी.मोतिहारी से टीचर्स ट्रेनिंग की थीं.इसके बाद हार्टमन बालिका उच्च विघालय में एक शिक्षिका के रूप में जिंदगी की शुरूआत की है.इस स्कूल में लाली मिस के नाम से विख्यात हो गयीं. बताते चले कि इनका निधन 2 जनवरी को हो गया.उच्च रक्तचाप से पीड़ित लाली मिस का देहावसान घर पर हो गया. वे 80 साल की थीं.कुर्जी पल्ली के प्रधान पल्ली पुरोहित फादर पीयूष माइकल ओस्ता का आगमन पल्ली में हो गया है.यहां पर आने के बाद परिजनों को रूलाकर चली जाने वाली वयोवृद्ध शिक्षिका मेरी एलिजाबेथ (लाली मिस) का मिस्सा करना पड़ा.एक पुरोहित को मिस्सा करना ही है वह चाहे गम या खुशी का क्यों न हो.यह तो परम कर्तव्य है.खैर, कुर्जी पल्ली को स्थायी पल्ली पुरोहित फादर पीयूष माइकल ओस्ता मिल गए हैं.कम से कम पांच साल जरूर रहेंगे.मालूम हो कि फादर रेमंड केरोबिन, प्रधान पल्ली पुरोहित बनकर आए थे. किसी दांवपेंच के शिकार हो गए. फादर रेमंड को वाराणसी धर्मप्रांत भेज दिया गया है.जहां 'येसु समाज'के मिशन को पूरा करने में योगदान दे रहे हैं.बिहार के बाद यूपी में कार्यविस्तार करने में समय दे रहे हैं. आज शनिवार को टीचर मेरी एलिजाबेथ सनी को श्रद्धा पुष्प अर्पित और आत्मा शांति के लिए प्रार्थना की गयी.पुष्पांजलि करने वालों में हेलन साह, राजू सनी, आल्फ्रेड सनी,रबेका पीटर , रॉकी आल्फ्रेड, मेरी पीटर, रोबिन जोसेफ, फादर निकोलस आदि रहे. वक्ताओं ने टीचर मेरी एलिजाबेथ सनी के व्यक्तिव्य और कृतित्वों पर प्रकाश डाला.इसके बाद कुर्जी पल्ली के सहायक पल्ली पुरोहित फादर निकोलस ने मिस्सा किया और परमप्रसाद वितरण किए.
रविवार, 5 जनवरी 2020
बिहार : टीचर मेरी एलिजाबेथ सनी को श्रद्धा पुष्प अर्पित
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