जय किसान फसल ऋण माफी 12429 पिंक फार्मो में से 11795 का निराकरण
जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत बैंको में दर्ज आपत्तियों के निराकरण हेतु सभी खण्ड मुख्यालयों पर एक साथ शिविरों का आयोजन किया गया था उक्त शिविरों में बैंकर्स राजस्व, ग्रामीण विकास, कृषि विभाग के अधिकारीगण तथा कृषक मौजूद रहें। जिला पंचायत के अतिरिक्त सीईओ एवं जय किसान फसल ऋण माफी आवेदनों के निराकरण हेतु नियुक्त नोडल अधिकारी श्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि जिले के विकासखण्डों में पिंक एक, पिंक दो की कुल 12429 आपत्तियां को पंजीयन हुआ था जिसमें से शिविर समाप्ति तक 11795 आपत्तियों का निराकरण कर उपरोक्त कृषक आवेदकों को पात्र पाया गया है शेष 584 अपात्र पाए गए आवेदकों को अपात्रता के कारणों से भी भलीभांति शिविर अवधि में व्यक्तिगत रूप से अवगत कराया गया है ताकि उनकी समस्या के निदान से संबंधित आवेदक की शंकाओ का समाधान हो सकें। नोडल अधिकारी श्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि सर्वाधिक कॉ-आपरेटिव बैंक की शाखाओं में दर्ज पिंक एक - पिंक दो के शत प्रतिशत आवेदनों का निराकरण किया गया है जबकि राष्ट्रीयकृत बैंको में कुल 1232 आवेदनों की आपत्तियों का पंजीयन शिविर अवधि में हुआ था जिसमें से मौके पर 598 आवेदनों का निराकरण कर उन्हें पात्र पाया गया है। ज्ञातव्य हो कि कॉ-आपरेटिव बैंक के दर्ज आपत्तियों के आवेदनों का शत प्रतिशत निराकरण किया गया है जबकि राष्ट्रीयकृत बैंको में पिंक एक एवं दो दर्ज आपत्तियों का विकासखण्ड स्तरों पर किए गए पंजीयन एवं पात्र - अपात्रों की जानकारी इस प्रकार से है। जनपद पंचायत विदिशा में 125 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें 76 पात्र एवं 49 अपात्र पाए गए है। इसी प्रकार ग्यारसपुर में 113 में से 95 पात्र एवं 18 अपात्र, जनपद पंचायत बासौदा में 332 आवेदनों में से 125 पात्र व 157 अपात्र, जनपद पंचायत नटेरन में 157 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 36 पात्र व 121 अपात्र, सिरोंज में 286 आवेदनों में से 107 पात्र पाए गए है 179 अपात्र, कुरवाई में 35 आवेदनो में से 22 पात्र तथा 13 अपात्र पाए गए है इसी प्रकार लटेरी जनपद पंचायत में भी पिंक एक एवं दो के कुल 184 आवेदनों का पंजीयन हुआ था जिसमें से 137 आवेदक अपात्र पाए गए है शेष 47 अपात्र पाए गए है।
टीएल बैठक बुधवार को
प्रभारी कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने बताया कि आगामी टीएल बैठक सोमवार की जगह बुधवार आठ जनवरी 2020 को आयोजित की जाएगी।
बाल संरक्षण सप्ताह का आयोजन आज से
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री बृजेश शिवहरे ने बताया कि जिले में बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण एवं अधिकारों के प्रति बच्चों एवं आम नागरिकों में जागरूकता लाने के लिए 6 से 11 जनवरी तक बाल संरक्षण सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शासन के निर्णय अनुसार बाल संरक्षण सप्ताह का आयोजन संपूर्ण प्रदेश में किया जाना है। जिले में आयोजित बाल संरक्षण सप्ताह के तहत खण्ड एवं जिला स्तरीय कार्यशालाओं का आयोजन, संस्था संपर्क अभियान, जागरूकता रैली, ग्राम एवं वार्ड स्तर पर बाल चौपालों का आयोजन, स्कूलों में बाल अधिकार से संबंधित विशेष कक्षाओं का आयोजन सहित खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाएगी।
लाड़ली लक्ष्मी के प्रकरण में सुनवाई आज
लाडली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत परियोजना लटेरी, बासौदा एक एवं दो में जिन प्रकरणों के मामले में सुनवाई हेतु जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय के माध्यम से पत्र प्रेषित किया गया है। उन हितग्राहियों एवं कार्यकर्ताओं को अपना पक्ष रखने हेतु छह जनवरी सोमवार को जिला कार्यालय विदिशा में आमंत्रित किया गया है ताकि प्रकरणों में दावे आपत्तियों का निराकरण किया जा सकें। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री शिवहरे ने शासन के निर्णय अनुरूप सप्ताह अवधि में आयोजित होने वाली गतिविधियों का क्रियान्वयन आंगनबाडी केन्द्र तक हो इसके लिए संबंधितों को आवश्यक दिशा निर्देश प्रसारित किए है। उन्होंने समस्त परियोजना अधिकारियों को सप्ताह अवधि में भ्रमण कर गतिविधियों पर नजर रखते हुए क्रास मानिटरिंग की व्यवस्था क्रियान्वित करने के भी निर्देश दिए है।
जिला मुख्यालय पर बाल संरक्षण कार्यशाला आज
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री बृजेश शिवहरे ने बताया कि बाल संरक्षण सप्ताह के तहत जिला मुख्यालय पर छह जनवरी को कार्यशाला का आयोजन किया गया है। यह कार्यशाला जिला पंचायत के सभागार कक्ष मेंं दोपहर एक बजे से शुरू होगी। कार्यशाला में समस्त परियोजना अधिकारियों को उपस्थित होने के निर्देश विभाग के माध्यम से प्रसारित किए गए है वही जिला कार्यक्रम अधिकारी ने अन्य विभागोंं के अधिकारियों से कार्यशाला में शामिल होने की अपील की है। कार्यक्रम अधिकारी श्री शिवहरे ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग संचालनालय से प्राप्त निर्देशो के अनुपालन में बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण, अधिकारों के प्रति बच्चों एवं जन सामान्य में जनजागरूकता लाने के उद्वेश्य से बाल संरक्षण सप्ताह का आयोजन जिले में भी किया जा रहा है।
गेंहू में जड़ माहू कीट से बचाव के उपाय
कृषि विभाग के द्वारा गेंहू की फसल में लगने वाले जड़ माहू कीट बचाव के उपाय किसानों को सुझाए गए है। विभाग के उप संचालक श्री एएस चौहान ने बताया कि मौसम की प्रतिकूलता के कारण गेंहू की फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप होने की संभावना मौसम की प्रतिकूलता के दौरान हो सकती है। उन्होंने किसानो से अपील की कि अपने-अपने खेत की सतत निगरानी करें।
जड़ माहू प्रकोप के लक्षण
यह कीट गेंहू फसल में पौधो की जड़ों से रस चूसता है जिसके कारण पौधा पीला पड़ने लगता है और धीरे-धीरे सूखने लगता है। शुरूआत में खेतों में जगह-जगह पीले पडे़ हुए पौधे दिखाई देते है, बाद में पूरा खेत सूखने की संभावना रहती है।
जड़ माहू कीट की पहचान
यह कीट हल्के पीले रंग से गहरे हरे रंग का होता है जो जड़ो का रस चूसता हुआ दिखाई पड़ता है। गेंहू के पौधो को जड़ से उखाडने पर ध्यानपूर्वक देखने से यह कीट आसानी से दिखाई देता है।
जड़ माहू कीट प्रबंधन
इस कीट के प्रबंधन हेतु इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल दवा की 70 एमएल मात्रा प्रति एकड अथवा एसीटामेप्रिड 20 प्रतिशत एसपी दवा की 150 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ अथवा थायोमिथाक्जॉम 25 प्रतिशत डब्ल्यूजी दवा की 50 ग्राम मात्रा प्रति एकड को 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर पूरे खेत में अच्छी तरह से छिड़काव करें। यह दवाएं सिस्टेमिक प्रकार की होती है जिनसे पूरा पौधा जहरीला हो जाता है और जब कीट या रस चूसता है तो वह मर जाता है। क्रमांक-69
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