सीएए, एनआरसी को लेकर अधिकतर देश भारत के पक्ष से सहमत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 2 जनवरी 2020

सीएए, एनआरसी को लेकर अधिकतर देश भारत के पक्ष से सहमत

world-support-caa-nrc-india
नयी दिल्ली, 02 जनवरी, भारत ने नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर दुनिया के अधिकतर देशों का समर्थन हासिल करने का गुरुवार को दावा किया और इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) की ओर से पाकिस्तान के आग्रह पर कश्मीर मुद्दे पर विशेष सत्र बुलाये जाने को अटकल मात्र बताया और कहा कि ऐसी किसी बैठक की कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां नियमित ब्रीफिंग में इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि हमने दुनिया के हर कोने में स्थित देशों से संपर्क साधा है और अपने मिशनों को पत्र लिख कर सीएए और एनआरसी को लेकर उन देशों की सरकारों को सरकार के दृष्टिकोण से अवगत कराने को कहा है। श्री कुमार ने कहा कि मोटे तौर पर चार-पांच बिन्दुओं को रेखांकित किया गया है। पहला, यह हमारा आंतरिक मसला है। दूसरा, इस कानून से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार लोगों को जल्दी नागरिकता मिलना मात्र सुनिश्चित हुआ है। तीसरा, इससे किसी भी समुदाय के नागरिकता हासिल करने के अधिकार का कतई हनन नहीं हाेता है। चौथा, इससे किसी की नागरिकता छीनी नहीं गई है तथा पांचवां इससे संविधान में वर्णित किसी के भी अधिकार का कोई हनन नहीं होता है। उन्होंने कहा कि हमने यह भी बताया है कि सीएए और एनआरसी दो अलग -अलग बातें हैं और एनआरसी उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर एवं उसी की निगरानी में लागू किया गया है। सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ देशों को छोड़कर करीब करीब सभी ने भारत के पक्ष की वैधता को स्वीकार किया है। सऊदी अरब एवं पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर ओआईसी की एक विशेष बैठक बुलाने संबंधी रिपोर्ट एवं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के दावे के बारे में पूछे जाने पर श्री कुमार ने कहा कि ऐसी सभी रिपोर्टें अटकल मात्र हैं। हमें ओआईसी की ओर से भारत के किसी मुद्दे पर कोई बैठक बुलाये जाने की बात की कोई सूचना या जानकारी नहीं है। पाकिस्तान एवं खाड़ी के कुछ प्रमुख समाचार माध्यमों में कहा गया है कि सऊदी अरब कश्मीर एवं भारत में मुस्लिमों के खिलाफ उठाये जा रहे तथाकथित कदमों पर विचार के लिए ओआईसी का विशेष सत्र बुलाने पर सहमत हो गया है।  

कोई टिप्पणी नहीं: