बेंगलुरु 18 जनवरी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को धर्मनिरपेक्षता की गलत व्याखया पर पिछली सरकारों की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि इसके कारण देेश में बेहतर चीजों का सम्मान हाेने से रोका गया। श्री शाह ने यहां वेदांता भारती की ओर से आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय संस्कृति और सभ्यता का ‘ध्वजवाहक’ बताया। उन्होंने कहा, “भारतीय संस्कृति और सभ्यता को आगे बढ़ाने के प्रयास में श्री मोदी पूरी दुनिया का भ्रमण कर रहे हैं।” श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले श्री मोदी ने गंगा में पवित्र स्नान किया और वाराणसी में गंगा आरती में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब श्री मोदी ने नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में विशिष्ट पूजा अर्चना के लिए भारत सरकार की ओर से लाल चंदन भिजवाया था। केंद्रीय मंत्री ने पिछली सरकारों पर धर्मनिरपेक्षता की गलत व्याखया के लिए लताड़ा और कहा कि इसके कारण देश की बेहतर चीजों को सम्मान नहीं मिला। इस अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य सरकार ने आदि शंकराचार्य द्वारा लिखित ‘विवेकदीपनी श्लोक’ को राज्य के सभी स्कूलों में पढ़ाने की सहमति दे दी है। उन्होंने कहा, “ऐसा देखा गया है कि मन को विकसित और प्रकाशित करने वाले विवेकदीपनी, छात्रों पर बहुत प्रभाव डालता है।” उन्होंने कहा, “विवेकादीपनी से प्रभावित बच्चों के अभिभावकों और शिक्षकों ने उनपर इसका सकरात्मक बदलाव होते हुए देखा है और इसीलिए इसे सरकार ने इसे राज्य के सभी स्कूलों में पढ़ाने की अनुमति दी है।” श्री शाह की तुलना देश के प्रथम गृह मंत्री वल्लभभाई पटेल से करते हुए श्री येदियुरप्पा ने कहा,“श्री वल्लभ भाई पटेल के बाद, अगर हमने कोई गृह मंत्री देखा है तो वह श्री शाह हैं जिन्होंने देश के ज्वलंत मुद्दों को आसानी से कुछ महीनों में सुलझा दिया। शाह ने कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान निकाला है।”
रविवार, 19 जनवरी 2020
पिछली सरकारों ने धर्मनिरपेक्षता की गलत व्याख्या की : अमित शाह
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