नयी दिल्ली 25 जनवरी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने लोकतंत्र के लिए सत्ता और विपक्ष दोनों को महत्त्वपूर्ण बताते हुये लोगों - विशेषकर युवाओं - को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखने की सलाह दी। श्री कोविन्द ने 71 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को राष्ट्र के नाम संदेश में कहा कि किसी उद्देश्य के लिए संघर्ष करने वाले लोगों, विशेष रूप से युवाओं, को महात्मा गांधी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखना चाहिये जो मानवता को उनका अमूल्य उपहार है। कोई भी कार्य उचित है या अनुचित यह तय करने के लिए गाँधीजी की मानव कल्याण की कसौटी लोकतंत्र पर भी लागू होती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए गांधीजी के विचार आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं। गांधीजी के सत्य और अहिंसा के संदेंश पर चिंतन-मनन करना हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिये। उन्होंने कहा, “संविधान ने नागरिकों को कुछ अधिकार प्रदान किये हैं, लेकिन इसके तहत हम सबने यह जिम्मेदारी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता, समानता तथा भाईचारे के मूल लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें। राष्ट्र के निरंतर विकास और भाईचारे के लिए यही सबसे उत्तम मार्ग है।” श्री कोविंद ने लोकतंत्र में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राजनैतिक विचारों की अभिव्यक्ति के साथ-साथ देश के समग्र विकास और लोगों के कल्याण के लिए दोनों को मिलजुल कर आगे बढ़ना चाहिये। उन्होंने कहा कि हम इक्कीसवीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश कर चुके हैं, जो नये भारत के निर्माण और नयी पीढ़ी के उदय का दशक होने जा रहा है। समय बीतने के साथ देश के स्वाधीनता सेनानी धीरे-धीरे बिछुड़ते जा रहे हैं, लेकिन स्वाधीनता संग्राम की आस्थायें निरंतर विद्यमान रहेंगी। प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति के कारण युवाओं को व्यापक जानकारी है और उनमें आत्मविश्वास भी अधिक है। इन युवाओं में एक उभरते हुए नये भारत की झलक दिखती है।
रविवार, 26 जनवरी 2020
युवा गांधी के अहिंसा के मंत्र को सदैव याद रखें : कोविंद
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