- राष्ट्र सत्ता से नहीं, संस्कृति और संस्कारों से सृजित होता है- मोदी
- ’श्री सिद्धांत सिखवानी ग्रन्थ’ का विमोचन
वाराणसी (सुरेश गांधी)। नरेंद्र मोदी ने रविवार को वाराणसी में 1254 करोड़ रुपये की लगभग 50 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 430 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी सरकारी अस्पताल और विश्वविद्यालय में 74 बिस्तरों वाला मनोरोग अस्पताल भी शामिल है। काशी प्रवास के दौरान पीएम मोदी सबसे पहले जंगमबाड़ी मठ में आयोजित समारोह में शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने यहां पुस्तक “सिद्धार्थ सीखवाणी ग्रंथ” का 19 भाषाओं में रूपांतरण का विमोचन किया और एप की लॉन्च की। यहां मंच पर प्रधानमंत्री के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सीएम वीएस येदुरप्पा, जगद्गुरु शिवाचार्य डॉ चंद्रशेखर भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने कहा कि देश सरकार से नहीं बनता बल्कि एक-एक नागरिक के संस्कार से बनता है और नागरिक के संस्कार को उसकी कर्तव्य भावना श्रेष्ठ बनाती है। एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही भारत के भविष्य को तय करेगा, नए भारत की दिशा तय करेगा। राम मंदिर निर्माण को लेकर गठित ट्रस्ट पर पीएम मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के गठन की घोषणा की है। यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम की जन्मस्थली पर, भव्य और दिव्य मंदिर के निर्माण का काम देखेगा और सारे फैसले लेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मठ में मौजूद संतों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृत और संस्कृति की संगम स्थली में आप सभी के बीच आना मेरे लिए सौभाग्य का विषय है। बाबा विश्वनाथ के सानिध्य में, मां गंगा के आंचल में, संतवाणी का साक्षी बनने का अवसर कम ही मिल पाता है। पीएम ने कहा कि तुलसीदास जी कहा करते थे- ‘संत समागम हरि कथा तुलसी दुर्लभ दोउ’. इस भूमि की यही विशेषता है। ऐसे में वीरशैव जैसी संत परंपरा को युवा पीढ़ी तक पहुंचा रहे जगद्गुरु विश्वराध्य गुरुकुल के शताब्दी वर्ष का समापन एक गौरवशाली क्षण है। पीएम ने कहा कि भारत में राष्ट्र का ये मतलब कभी नहीं रहा कि किसने कहां जीत हासिल की, किसकी कहां हार हुई! हमारे यहां राष्ट्र सत्ता से नहीं, संस्कृति और संस्कारों से सृजित हुआ है, यहां रहने वालों के सामथ्र्य से बना है। पीएम ने कहा कि भक्ति से मुक्ति का मार्ग दिखाने वाले इस दर्शन को भावी पीढ़ी तक पहुंचना चाहिए। इस पवित्र ज्ञानग्रंथ का डिजिटलीकरण युवा पीढ़ी के जुड़ाव को और बल देगा, उनके जीवन की प्रेरणा बनेगा। पीएम मोदी ने कहा कि वीरशैव परंपरा वो है, जिसमें वीर शब्द को आध्यात्म से परिभाषित किया गया है। जो विरोध की भावना से ऊपर उठ गया है वही वीरशैव है। यही कारण है कि समाज को बैर, विरोध और विकारों से बाहर निकालने के लिए वीरशैव परंपरा का सदैव आग्रह रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि जंगमवाड़ी मठ भावात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से वंचित साथियों के लिए प्रेरणा का माध्यम है। संस्कृत भाषा और दूसरी भारतीय भाषाओं को ज्ञान का माध्यम बनाते हुए, टेक्नॉलॉजी का समावेश आप कर रहे हैं, वो भी अद्भुत है। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का भी यही प्रयास है कि संस्कृत सहित सभी भारतीय भाषाओं का विस्तार हो, युवा पीढ़ी को इसका लाभ हो। पीएम मोदी ने कहा कि आज जिस सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल का लोकार्पण हुआ है, उसका शिलान्यास तो 2016 के आखिरी में, उन्होंने ही किया था। सिर्फ 21 महीने में 430 बेड का ये अस्पताल बनकर काशी और पूर्वांचल के लोगों की सेवा के लिए तैयार हुआ है।
ट्रांसफर होगी श्रीराम जन्मभूमि की 67 एकड़ जमीन
पीएम ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर से जुड़ा एक और बड़ा फैसला सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या कानून के तहत जो 67 एकड़ जमीन अधिगृहित की गई थी, वो भी पूरी की पूरी, नवगठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को ट्रांसफर कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बीते 5-6 वर्षों में अगर गंगाजल में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिल रहा है तो इसके पीछे भी जनभागीदारी का बहुत महत्व है। पीएम ने कहा कि मां गंगा के प्रति आस्था और दायित्व का भाव आज अभूतपूर्व स्तर पर है। पीएम नरेंद्र मोदी ने सूखे से मुक्ति के लिए लोगों साथ आने की अपील की। उन्होंने सूखा मुक्त...जल युक्त भारत का नारा दिया।
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