नयी दिल्ली, 03 फरवरी, लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी ने आज स्पष्ट किया कि नागरिकता संशोधन कानून में कुछ भी गड़बड़ी नहीं है इसलिए इसके विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का कोई औचित्य नहीं है और यह कानून किसी भी स्थिति में वापस नहीं लिया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी के प्रवेश वर्मा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि इस कानून को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि दिल्ली के शाहीनबाग में इन कानून के विरोध में जो प्रदर्शन हो रहे हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि वह प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े हैं जबकि प्रदर्शनकारी वहां देशद्रोही नारे लगा रहे हैं। श्री वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ऐतिहासिक फैसले ले रही है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाकर सरकार ने साहसिक कदम उठाया है और सात दशक से वहां अस्थायी रूप से लागू इस व्यवस्था को समाप्त किया है। सरकार का यह निर्णय देश की जनता के भावना के अनुरूप था और इस अनुच्छेद को हटाए जाने के बाद वहां किसी नागरिक की जान नहीं गयी है और मोदी सरकार की यह सबसे बड़ी कामयाबी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार गरीबों और कमजोरों के हितों के काम कर रही है और किसी धर्म तथा प्रांत के साथ बिना भेदभाव के उनके विकास के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने हाल में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पद्मश्री से सम्मानित कुछ लोगों का जिक्र किया और कहा कि उन्हीं लोगों को इस सम्मान के लिए चुना गया है जिन्होंने सच में बहुत बड़ा योगदान समाज के लिए किया है। सरकार प्रतिभाओं को खोजकर ला रही है और उन्हें पद्मश्री जैसे राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है। भाजपा नेता ने प्रधानमंत्री के लिए विपक्षी दलों द्वारा अपशब्दों का इस्तेमाल किए जाने की कड़ी आलोचना की और कहा कि विपक्ष के नेता श्री मोदी की लोकप्रियता को नहीं पचा पा रहे हैं और इससे उनमें हताशा पैदा हो गयी है इसलिए उनके लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में देश दुनिया की आर्थिक शक्ति बनने की तरफ अग्रसर है।
सोमवार, 3 फ़रवरी 2020
नागरिकता संशोधन कानून वापस नहीं होगा: भाजपा
Tags
# देश
# राजनीति
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
राजनीति
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें