नयी दिल्ली 15 फरवरी, रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांता दास ने शनिवार को संकेत दिये कि केंद्रीय बैंक के वित्त वर्ष में बदलाव के बारे में जल्द ही घोषणा की जा सकती है। आरबीआई का वित्त वर्ष 01 जुलाई से अगले साल 30 जून तक का होता है जबकि केंद्र सरकार का वित्त वर्ष 01 अप्रैल से अगले साल 31 मार्च तक का होता है। विमल जालान समिति ने आरबीआई का वित्त वर्ष सरकार के वित्त वर्ष के समान करने की सिफारिश की थी। श्री दास ने यहाँ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में संवाददाताओं के प्रश्न के उत्तर में कहा, “अभी इस पर विचार किया जा रहा है। आपको जल्द ही इसके बारे में कुछ पता चलेगा।” एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सरकार को आरबीआई द्वारा अंतरिम लाभांश देने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। जब भी इस बारे में फैसला होगा उसकी जानकारी दी जायेगी। मौजूदा वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा बजट अनुमान से ज्यादा रहने के कारण सरकार को इसे 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर संशोधित अनुमान में 3.8 प्रतिशत करना पड़ा है। अगले वित्त वर्ष के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3.5 प्रतिशत रखा गया है। ऐसे में रिजर्व से लाभांश मिलने पर उसे वित्तीय अनुशासन बनाये रखने में आसानी होगी।
शनिवार, 15 फ़रवरी 2020
रिजर्व बैंक के वित्त वर्ष में बदलाव जल्द संभव
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