धर्म की आड़ में महिला के साथ करता रहा था यौन शोषण
हजारीबाग : जिन्हें समाज को धर्म के मार्ग पर ले जाने का दायित्व दिया गया वही धर्म के रखवाले अधर्म का कार्य कर समाज को कलंकित कर रहे हैं । शुक्रवार को एक धर्मगुरु पादरी को बलात्कार के जुर्म में 10 साल की सजा सुनाई गई। अपर न्यायाधीश प्रथम रमेश कुमार की अदालत ने पादरी जुनून बलबंदी को भादवि की धारा 376 के तहत दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा व ₹15000 जुर्माने की सजा सुनाई है । घटना 2010 से 2013 तक का है पीड़िता आदिवासी महिला के लिखित बयान पर चुरचू थाना कांड संख्या 6/2014 के तहत मामला दर्ज किया गया था । दर्ज प्राथमिकी में महिला ने बताया था कि वह मानव विकास संस्था इचाक में कार्य करती थी इसी दौरान अभियुक्त से मुलाकात हुई अभियुक्त ने शादी का प्रलोभन देकर ढेढ़ वर्षों तक यौन शोषण करता रहा और जब शादी की बात आई तो आरोपी मुकुर गया। घटना के बाद पीड़िता ने मामला दर्ज कराया था ।अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक मनोज कुमार ने मजबूती से पक्ष रखते हुए 8 गवाहों की गवाही कराई एवं 10 प्रदर्श अंकित किए।
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