दिव्या, पिंकी और सरिता ने रचा स्वर्णिम इतिहास - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020

दिव्या, पिंकी और सरिता ने रचा स्वर्णिम इतिहास

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नयी दिल्ली 20 फरवरी, भारतीय महिला पहलवानों ने सीनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में गुरुवार को स्वर्णिम इतिहास रच दिया। दिव्या काकरान (68 किग्रा) सरिता (59 किग्रा) और पिंकी (55 किग्रा) ने यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम के केडी जाधव कुश्ती हाल में चल रही इस प्रतियोगिता के तीसरे दिन मेजबान भारत को ऐतिहासिक स्वर्णिम कामयाबी दिला दी जबकि निर्मला ने रजत पदक जीता। भारतीय महिला पहलवानों ने महिला कुश्ती के पहले दिन चार पदक हासिल किये जिससे मेजबान देश के कुल पदकों की संख्या नौ पहुंच गयी है। इन पदकों में ग्रीकों रोमन के एक स्वर्ण और चार कांस्य तथा महिलाओं के तीन स्वर्ण और एक रजत पदक शामिल है। दिव्या ने 68 किग्रा वर्ग के फाइनल में जापानी खिलाड़ी नारुहा मत्सुयुकी को 6-4 से मात देते हुये स्वर्ण पदक अपने नाम किया। दिव्या के वर्ग में कुल पांच पहलवान होने के कारण राउंड रोबिन सिस्टम का सहारा लिया गया जिसमें हर पहलवान को दूसरे पहलवान से भिड़ना होता है। दिव्या ने अपने चारों मुकाबले जीते और स्वर्ण पदक की हकदार बनीं। दिव्या ने अपने पहले राउंड में कजाकिस्तान की अल्बिना कैरगेल्डिनोवा को 6-0, दूसरे राउंड में मंगोलिया की पहलवान देलगेरमा एनखसाईखान को 11-2, तीसरे राउंड में उज्बेकिस्तान की अजोदा एस्बेजेनोवा को 8-0 और फाइनल में जापान की नारुहा मत्सुयुकी को 6-4 से मात देते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। पिंकी ने 55 किग्रा वर्ग के फ़ाइनल में मंगोलिया की दुलगुन बोलोरमा को एक रोमांचक मुकाबले में 2-1 से हराते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान की मरीना जुएवा को 6-0 से मात दी। पिंकी ने पहले राउंड में उज्बेकिस्तान की शोखिदा को 12-4 से हराया जबकि तीसरे राउंड में उन्हें जापान की काना हीगाशिकावा से हार का सामना करना पड़ा था। सरिता ने 59 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में जापान की युमी कोना को 10-3 से मात देते हुए फ़ाइनल में प्रवेश किया। जहां उन्होंने मंगोलिया की दुलगुन बोलोरमा को एक रोमांचक मुकाबले में 2-1 से हराते हुए स्वर्ण पदक देश की झोली में डाला। भारतीय महिला पहलवान निर्मला देवी हालांकि 50 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक नहीं जीत सकी और उन्हें जापान की मिहो इगरशी ने 3-2 से हार कर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इससे पहले भारत के ग्रीको रोमन पहलवानों ने सीनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के दूसरे दिन बुधवार को तीन कांस्य पदक जीत थे। भारत के पहलवानों ने शानदार प्रदर्शन दिखाते हुए 67 किग्रा, 72 किग्रा और 97 किग्रा वर्ग में तीन कांस्य पदक अपने नाम किये थे। भारत के लिए 67 किग्रा में आशु ने सीरिया के अब्दुलकरिम मोहम्मद को 8-1, 72 किग्रा में आदित्य कुंडु ने जापान के नाओ कुसाका को एकतरफा मुकाबले में 8-0 से हराया था जबकि 97 किग्रा में हरदीप ने कजाकिस्तान के बेकसुल्तान माखमुंडाव को 3-1 से मात दी थी। भारत के हरप्रीत सिंह 82 किग्रा वर्ग के राउंड 3 में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके और वह ईरान के मेहदी असगर से 7-0 से हारे, कांस्य पदक की दौड़ में भारत के ज्ञानेन्द्र को 60 किग्रा वर्ग में उज्बेकिस्तान के बखरामोव ने 6-0 से शिकस्त दी थी। भारत के सुनील कुमार ने चैंपियनशिप के पहले दिन मंगलवार को जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए किर्गिजस्तान के अजात सलिदिनोव को एकतरफा अंदाज में 5-0 से हराकर सीनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के ग्रीको रोमन के 87 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर 27 साल बाद नया इतिहास रचा। सुनील ने एशियाई चैंपियनशिप में 27 वर्षों के लम्बे अंतराल के बाद इतिहास रचा। भारत काे ग्रीको रोमन में आखिरी बार स्वर्ण पदक 1993 में मिला था जिसे पप्पू यादव ने जीता था। भारत को प्रतियोगिता के पहले दिन दो यह कामयाबी मिली थी। सुनील ने जहां 87 किग्रा में स्वर्ण जीता था वहीं अर्जुन हालाकुरकी ने 55 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया था। उन्होंने 55 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में हारने के बाद कोरिया के डोंगह्यूक वोन को 7-4 से हराकर कांस्य पदक जीता था।  

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