झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 21 फ़रवरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 21 फ़रवरी

सनातन धर्म मे शबरी नवधा भक्ति की पहली आराधक - स्वामी प्रणवानंद सरस्वती
धुमधाम से कथा मे हुआ कृष्ण रुकमणी का विवाह, ग्राम रोटला मे भागवत कथा का छटा दिन
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पारा । यहां सं करिब 10 किलोमीटर दुर ग्राम रोटला मे धर्म रक्षक सेवा समिति के तत्वादान मे महामण्डलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती के मुखार विंद से श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ का सप्ताह का आयोजन फरवरी से किया जा रहा है। विगत पांच दिन से चल रही इस कथा मे प्रतिदन कई द्ष्टांतो के साथ स्वामी जी कथा कह रहे हे। साथ ही कथा के दोरान आए हुवे विभिन्न प्रंसगो की झांकी भी श्रद्धालुओ द्वारा प्रस्तुत कि जा रही है। श्रीमद भागवत कथा के छःटवे दिन आज सनातन धर्म मे माता शबरी भक्ति व भगवान राम के प्रसंग को विस्तार से बाताते हुए कहा कि सनातन धर्म सीर्फ माता शबरी ही एक मात्र ऐसी भक्त हे जिसे भगवान राम ने स्वयं नवधा भक्ति का मंत्र व आर्शीवाद दिया है। इससे पहले किसी भी भक्त को इसके बारे मे कोई जानकारी नही थी। बाद मे मातां शबरी ने इस नवधा भक्ति से से सभी को अवगत करवाया। नवधा भक्ति के जितने भी भक्त सनातन धर्म मे हुवे सभी शबरी के बाद आए।  आज कल कुछ लोग यह बोल रहे हे कि आदिवासी हिन्दु नही हे जबकी आदिवासी प्राचिन काल से राम राम बोल रहे हे राम को पुज रहेे । शबरी राम कि अनन्य भक्त हे। जिसके झुटे बेर राम ने खाए हे। सनातन धर्म मे त्रेतायुग मे जन्मे भगवान राम सनातन धर्म मे भगवान विष्णु के अवतार हे। आदिवासी समाज प्रकृति का पुजक हे। वह प्रकृति सुर्य पेड पौघे अग्नि पानी आदि की पुजा करता हे। द्वापरयुग मे भगवान श्रीकृष्ण ने हम को पेड पोघो़ पहाड़ो ओर पत्थर को पूजना सिखाया। उन्हाने गोर्वघन पर्वत का पुजन करवाया ओर इन्द्र के कोप का भाजन होना पडा। भगवान ने ही  हमको प्रकृति पूजना सिखाया भगवान कृष्ण ही सबसे पहले प्रकृति पूजक हे। सनातन धर्म मे प्रकृति पुजन का बडा महात्व हे। इस लिए प्रत्येक पुजन मे हवा पानी फल फुल पत्तीयो का पहले आहवान किया जाता है। जिंदगी में अनुशासन बहुत जरूरी है। जो अनुशासन में नही है उसे दण्ड देंना चाहिए ऐसा ग्रन््थो में कहा गया है। जो व्यक्ति धर्म के अनुसार नही चलता भगवान स्वयं उसे दण्ड देते हे। राम ने अधर्म पर चलने वाले रक्षसो को दण्ड दिया वही श्रीकृष्ण ने भी धर्म कि रक्षा के लिए अधर्मियो को दण्ड दिया हे।  भागवत कथा के छटवे दिन आज श्रीकृष्ण व रुकमणी के विवाह प्रसंग पर कृष्ण रुकमणी की झांकि भी बनाई गई ।साथ ही कृष्ण रुकमणी का विवाह उत्सव भी धुमधाम से मनाया गयां। विवाह के प्रंसग पर सभी श्रद्धालु भावविभोर होकर भजनो कि धुन पर समस्त होकर नाचने गाने लगे। इस अवसर पर झाबुआ के राजकुमार कुवंर कमलेन्द्रसिह , पेटलावद विधायक के भ्रता दिलीप मेडा विपणन संघ के अध्यक्ष सोमसिह सोलंकि, किशेार भाभर  धर्म रक्षक प्रमुख वालसिह मसानिया, केसर सिह पत्रकार अनिल श्रीवास्तव शलेन्द्र राठोर सहीत सेकडो कि संख्या मे श्रद्धालुजन उपस्थित थे। कथा कि समाप्ती पर प्रतिदिन विशाल भण्डारे का आयोजन भी समिती द्वारा किया जा रहा हे। जिसमे हजारो कि संख्या मे श्रद्धालु भक्त भोजन प्रसादी ग्रहण कर रहे हे।

हिन्दी हमारी मूल भाषा है और दुसरी भाषायें बहुरूपिया- जितना महत्व परिवार में मां का होता है उतना ही महत्व किसी देष में राष्ट्रभाषा का होता है- डा. के के त्रिवेदी
अंर्तराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर राजवाड़ा पर हुआ अनूठा आयोजन, मातृ भाषा को प्रोत्साहन देने के सैकडो नगरवासियां न किये हिन्दी मे हस्ताक्षर
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झाबुआ। हम सभी को अपनी-अपनी मातृ भाषा प्रिय होती है, लेकिन आधुनिक युग में हम आज अपनी मातृ भाषा को भूलकर दैनिक दिनचर्या में लोगों से बोलचाल में अधिकांष अंग्रेजी वर्णों का उपयोग करने के साथ अपने हस्ताक्षर तक भी इंग्लिश में करना अपना प्रोफेशन समझते है। यहां तक की अपने घरों में परिवार के सदस्यों के साथ भी अपनी मातृ भाषा में बात करना हमे झिझक या शर्म सा लगता है। हमारा इतिहास गवाह है  कि यहां की मातृभाषा संस्कृत एवं देवनागरी हिन्दी ही रही है तथा देश की बहुसंख्य आबादी हिन्दी मं ही बोलाचाल करती है। जो व्यक्ति मातृभाषा में बात करता है वह मौलिक होता हैं और मौलिक संस्कृति को ही आभाषित करता है । नाना फडनवीस जो 7 भाषाओं के ज्ञाता थे ने अपने मातृभाषा को ही महत्व दिया था। हम जिस भाषा में स्वप्न देखते है वही अपनी मातृभाषा होती है । कांग्रेस के अधिवेशन में पण्डित नेहरू ने कहा था कि हिन्दी की बजाय अंग्रेजी को अपनाना चाहिये जिसे विश्व से हमारा संपर्क आसान रहगा इस पर श्री टंडन ने इसका विरोध करते हुए हिन्दी को ही मातृभाषा,राजभाषा बनाने पर जोर दिया था । उक्त उदबोधन राजवाडा चैक पर  मां त्रिपुरा कालेज आफ नर्सिंग द्वारा राजवाडा चैक पर आयोजित  अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवसर पर उपस्थित नागरिकों से कहीं । श्री त्रिवेदी ने कहा कि जब विदेशो में हम अपने ही देशवासियों से मिलते है तो अपनी मातृभाषा में ही बात करते है। उन्होने कहा कि उदाहरण के अनुसार यदि दो महाराष्ट्रीय मिलते है तो हिन्दी अंग्रेजी आदि में नही केवल मराठी में ही बात करते है । हमारी मातृभाषा हिन्दी भारत की राज भाषा है बहुसंख्य लोग इसे बोलते है। हिन्दी हमारी मूल भाषा है और दुसरी भाषायें बहुरूपिया कही जावे तो अतिशयोक्ति नही होगी । उन्होने कहा कि जितना महत्व परिवार में मां का होता है उतना ही महत्व किसी देश में राष्ट्रभाषा का होता है। अंग्रेजी का उपयोग गुलामी का प्रतिक है और राष्ट्रवाद का खात्मा ही है । हमे राष्ट्रवाद के लिये नीज मातृ भाषा काही उपयोग सतत करते रहना चाहिये । इस अवसर पर श्रीमती सीमा त्रिवेदी  व्याख्याता का कहना था कि हमे प्रारंभिक शिक्षा ही मातृभाषा में देना चाहिये तथा हिन्दी मे ही हस्ताक्षर, बोलचाल आदि का ज्ञान बच्चों को देना चाहिये । अंग्रेजी भाषा को माध्यम के रूप में नही वरन विकल्प के रूप  में अपनाने मे कोई बुराइ्र नही है । हमे अपनी मातृभाषा को ही अपनाना चाहिये, रूस, फ्रंास, चीन,जापान आदि विकसित देशा में वही की मातृभाषा काही उपयोग ह ोता है तो हमे भी अपने राष्ट्रभाषा को अंगीकार करके उसे जीवन मे उतारना चाहिये । शरत शास्त्री ने भी इस अवसर पर राष्ट्रभाषा हिन्दी अपनाने का आव्हान किया, गोपालसिंह चैहान ने भी हिन्दी में हस्ताक्षर करने की आदत डालने की बात करते हुए कहा कि जिले के तत्कालीन कलेक्टर राधेश्याम जुलानिया हमेशा हिन्दी में ही हस्ताक्षर करते रहे है। रमेश चन्द्र व्यास ने भी अपने विचार व्यक्त किये । अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर बडी संख्या में उपस्थित नगरवासियों ने फ्लेक्स बोर्ड पर हिन्दी में हस्ताक्षर कर अपनी मातृभाषा के प्रति सम्मान प्रदर्शित किया । इस अवसर पर राजवाडा चैक पर मा त्रिपुरा कालेज आफ नर्सिंग की छात्रायें हाथो में हिन्दी अपनाने के बोर्ड लेकर बडी संख्या में जागरूकता का सन्देश दे रही थी । इस अवसर पर संचालक ओम शर्मा, श्रीमती किरण शर्मा, प्राचार्य कपील राठौर, शालीनी व्यास, समीउद्दीन सैयद, पंकज मोगरा,सहित बडी संख्या में नगर के गणमान्यजन उपस्थित थे । राजवाडा चैक पर करीब 2 घंटे से अधिक समय तक कार्यक्रम चलता रहा और नगरवासियों ने बढ चढ कर हिन्दी में बोर्ड पर हस्ताक्षर किये ।

यदि आप बुजुर्गों की सेवा करोगे, तो आने वाली पीढ़ी आपकी सेवा करेगी, क्योकि जो जैसा बीज बोता है, उसे वैसा ही फल मिलता है  -ः  भगवताचार्य पं. अनुपानंदजी महाराज
भगवताचार्य ने युवराज कमलेन्द्रसिंह के साथ राजमहल में प्रवेष कर ऐतिहासिक मंदिर में किए दर्षन श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाकर गौवर्धन पूजा का हुआ आयोजन
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झाबुआ। यह सदियों से परपंरा चली आ रही है कि जो जैसा बीज बोता है, उसे वैसा ही फल मिलता है। यदि आप आज बुजुर्गों, असहायों और जरूरतमंदों की सेवा और पुण्य लाभ कमाओगे, तो आने वाली पीढ़ी भी उसी मार्ग का अनुसरण करते हुए आपकी भी सेवा करेगी, अन्यथा जैसी करनी, वैसी भरनी की कहावत की तरह नतीजा होगा। उसी प्रकार जिस तरह मां अपनी बेटियों का लालन-पोषण पूरे चांव के साथ करती है, ठीक वैसे ही घर में बहू आने पर सास का प्रेम भी उसके प्रति बेटी जैसा ही रहना चाहिए। उक्त प्रेरणादायी उद्गार शहर के पैलेस गार्डन पर चल रहे श्रीमद् भागवत रसपान महोत्सव (सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा) के पांचवे दिन 20 फरवरी, गुरूवार को कथा का वाचन करते हुए कथा वाचक भगवताचार्य पं. अनुपानंदजी महाराज कानपुर (उत्तरप्रदेष) ने व्यक्त किए। कथा आरंभ होने से पूर्व दोपहर 12 बजे आचार्य पं. अनुपानंदजी महाराज ने झाबुआ रियासत के युवराज कमलेन्द्रसिंह के साथ झाबुआ राजमहल में प्रवेष कर राजपूत समाज की मां कुलदेवीजी के दर्षन के साथ षिव मंदिर, गणेषजी एवं गणगौर माता के दर्षन का लाभ लिया। इस दोरान झाबुआ राजमहल के इतिहास के बारे में आचार्य को जानकारी वरिष्ठ इतिहासकार डाॅ. केके त्रिवेदी ने दी। युवराज कमलेन्द्रसिंहजी ने आचार्य श्रीजी को पूरे महल का अवलोकन करवाकर महल में लगी पुस्तैनी वस्तुओं, सामग्रीयों के बारे में भी जानकारी दी। इस अवसर पर उनके साथ राजवाड़ा महल के हाऊस होल्ड आॅफिसर वरिष्ठ नानालाल कोठारी, भागीरथ सतोगिया, शेषनारायण मालवीय, पं. जर्नादन शुक्ला, सुश्री रूक्मणी वर्मा, अनिला बेस एवं राजमहल मंदिर के पूजारी पुष्पेन्द्र शर्मा भी उपस्थित थे। युवराज कमलेन्द्रसिंह ने अनुपानंदजी का तिलक लगाकर एवं पुष्पामाला पहनाकर स्वागत किया एवं उनके आषीर्वाद लिए।

आचार्य का शाल-श्रीफल से किया अभिनंदन
बाद आचार्य अनुपानंदजी ने भागवत कथा स्थल पर पहुंचकर व्यास पीठ पर विराजमान हुए। जहां व्यास पीठ की पूजन कथा की मुख्य यजमान एवं आयोजक श्रीमती आषा राषिनकर ने करते हुए भगवताचार्य का पुष्पामाला पहनाकर स्वागत किया। इसी क्रम में इनरव्हील क्लब आॅफ शक्ति की अध्यक्ष श्रीमती शीतल जादौन ने आचार्य का शाल ओढ़ाकर-श्रीफल भेट किया। राधा सोलंकी ने आचार्य को भेंट प्रदान की। वरिष्ठ महिलाओं में श्रीमती सुषीला भट्ट, कुंता सोनी एवं अन्य महिलाओं ने भी पं. अनुपानंदजी का स्वागत शाल ओढ़ाकार एवं पुष्पामलाआंे से किया। भगवताचार्य ने सभी को केसरिया दुपट््टा पहनाया। संचालन करते हुए सेवानिवृत्त प्राचार्य डाॅ. केके त्रिवेदी ने श्री कृष्ण के जीवन वृतांत पर संक्षिप्त उद्बोधन दिए। पश्चात् आरती कर राम का गुणगान कीजिए ..... रामधुन के साथ पांचवे दिन कथा आरंभ हुई।

जीवन में मोह-माया से दूर रहना चाहिए
कथा वाचक पं अनुपानंदजी महाराज ने गुरूवार को सुखदेवजी की कथा और राजा परीक्षित के जीवन के बारे में आगे बताया और इसी बीच कहा कि हमे जीवन में हमेषा मोह-माया से दूर रहना चाहिए। आकाषवाणी देव वाणी होती हेै, वह कभी भी मिथ्या नहीं होती। आचार्य ने पांचवे दिन मुख्य रूप से मथुरा, वृंदावन में बाल कृष्ण का जन्म, सुखेदवजी का आगमन, कंस पर काल का साया, बाल कृष्ण की बाल लीलाएं, गोपियों के साथ रास-रचईयां, मैया यषोदाजी की नटखट गोपाल को लेकर आषाएं और चिंताएं आदि का बड़े मार्मिक और सुंदर तरीके से वर्णन किया गया। इसी बीच संगीत मंडली में शामिल आर्गन पर लालजीभाई, ढोलक पर सचिनभाई, मंजीरा पर ललितभाई एवं नारायणभाई ने मंगल गान सुनाओ रे ....  घर लल्ला आयो है ..... भजन प्रस्तुत किया।

जहां देवियांे का वास होता है, वह राक्षस प्रवेष नहीं कर सकते
पं अनुपानंदजी महाराज ने नारी शक्ति को महान शक्ति बताते हुए कहा कि नारी में वह ताकत है, जो अपने पति, माता-पिता और परिवार पर आई बड़ी से बड़ी विपदा को समाप्त कर सकती है, इसी तारतम्य में कहा कि जहां देवियों का वास होता है, वहां कदापि राक्षस प्रवेष नहीं कर सकते है और घर-परिवार पर बुरा साया या बुरा प्रकोप नहीं हो सकता है। सांस-बहू की परिभाषा के तारतम्य में कहा कि जिस तरह माता-पिता अपने बेटी से प्यार करते है, उनके लालन-पोषण में कोई कमी नहीं रखते है, उसी तरह बेटे की पत्नि अर्थात बहू धर में आने पर सास-ससुर को उनसे भी ऐसा ही प्रेम करना चाहिए। उस घर में राम-राज्य होता है, जिस घर में सास-बहू के बीच प्रेम होता है।

छप्पन भोग लगाकर गोवधन पूजा की गई
भागवत कथा के पांचवे दिन कथा स्थल को ब्लूनस से सजाया गया तथा व्यास पीठ एवं बाल गोपालजी के सम्मुख छप्पन भोग लगाया और गौ-वर्धन पूजा की गई। इससे एक दिन पूर्व श्री कृष्ण जन्मोत्सव एवं नंद उत्सव मनाते हुए उपस्थित महिला श्रद्धालुआंे ने भजनों पर नृत्य किया। वासुदेवजी पप्पू भाटी नबकर नंद को सिर पर उठाकर लेकर आए। पं. अनुपानंदजी महाराज की गौद में बैठे बाल नंदलाला ने अठखेलियां खेली। महिलाओं ने भी बाल गोपाल को अपने हाथों में लेकर खुषियां मनाई। कुछ देर के लिए कथा स्थल श्री कृष्णमय हो गया। सभी ने बाल कल्याण के जन्मोत्सव पर अत्यधिक आनंद एवं सुकुन की अनुभूति की। पांचवे दिन भी कथा का श्रवण करने बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची।

झाबुआ का बहादुर सागर तालाब हुआ स्वच्छ और सुंदर, महाषिवरात्रि पर्व एवं आगामी त्यौहारों के चलते वार्ड पार्षद ने करवाई घाटों की सफाई, नजर बाज में भी चलाया सफाई अभियान

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झाबुआ। शहर का बहादुर सागर तालाब (बड़ा तालाब), जो पिछले कुछ समय पूर्व जलकुंभियो ओर फूल-पत्तियों तथा किनारों पर कचरे और गाद से पसर गया था, यहां नगरपालिका परिषद् एवं वार्ड पार्षद पपीष पानेरी के प्रयासों से तालाब पूरी तरह से साफ और स्वच्छ हो चुका है। अब इसका सोंदर्यीकरण भी देखने लायक रह रहा है। वहीं वार्ड पार्षद द्वारा महाषिवरात्रि पर्व एवं आगामी अन्य त्यौहारों को देखते हुए पूजन-पाठ करने हेतु तालाब किनारे घाटों की भी विषेष साफ-सफाई करवाई गई है। शहर का बड़ा तालाब जो ऐतिहासिक समय का होकर इसका नाम बहादुर सागर तालाब भी उस समय के राजा-महाराजों के नाम से रखा गया है, यह तालाब पिछले कुछ महीनों पूर्व पूरी तरह से जलकुंभियों और फूल-पत्तियों से पटकर तालाब का जैसे सोैंदर्यीकरण खत्म सा हो गया था, जिसे देखते हुए वार्ड पार्षद श्री पानेरी द्वारा नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मन्नूबेन डोडियार एवं सीएमओ एलएस डोडिया से चर्चा उपरांत नपा की स्वच्छता शाखा एवं लोक निर्माण शाखा की टीम ने यहां करीब दो महीने कड़ी मशक्कत कर जेसीबी मषीन से ट्रेक्टरों के माध्यम से जलकुंभियों और फूल पत्तियों को निकालकर तालाब को साफ और सुंदर बनाया गया। इसके साथ ही तालाब के बीच बने टापू की भी सफाई करवाई गई। घाटो पर पसरा कूड़ा-कचरा एवं गंदगी की सफाई करवाई इसी क्रम में वार्ड पार्षद द्वारा पिछले दो-तीन दिनों से महाषिवरात्रि पर्व एवं आगामी त्यौहारों के मद्देनजर तालाब किनारे बने घाटो को भी नपा की सफाई टीम के माध्यम से सफाई करवाई जा रही है, ताकि शहर के लोगों को यहां आकर पूजन-पाठ करने में बदबू का सामना ना करना पड़े एवं सुव्यवस्थित तरीके से वह पूजन-पाठ कर सके।

नजर बाज की सफाई करवाई
21 फरवरी को महाषिवरात्रि पर्व पर शहर के काॅलेज मार्ग पर तालाब तट किनारे स्थित प्राचीन सोमेष्वर महादेव मंदिर में दिनभर श्रद्धालुओं का दर्षन-पूजन के लिए आना-जाना लगा रहेगा। इस हेतु एक दिन पूर्व यहां सफाई टीम ने मंदिर परिसर के साथ सामने नजर बाग में सफाई अभियान चलाते हुए करीब एक ट्रेक्टर कचरा निकालकर उसे अन्यत्र स्थान पर फिकवाया। इस हेतु मंदिर समिति की ओर से वार्ड पार्षद श्री पानेरी के इस कार्य की सराहना की गई।

झाबुआ बैडमिंटन टूर्नामेंट का आयोजन 21 फरवरी से बहुउद्देषीय खेल परिसर में

झाबुआ। झाबुआ बैडमिंटन क्लब एवं जिला बैडमिंटन एसोसिएषन द्वारा संयुक्त रूप से स्व. मोतींिसह परमार (दादा) की स्मृति में 21, 22 एवं 23 फरवरी को तीन दिवसीय झाबुआ बैडमिंटन टूर्नामेंट का आयोजन  स्थानीय बहुउद्देषीय खेल परिसर में किया जा रहा है। जिसमें ओपन सिंगल, ओपन डबल, पुरूष डबल 35 प्लस एवं महिला ओपन सिंगल का आयोजन होगा। ओपन सिंगल में प्रथम पुरस्कार स्वपनिल सक्सेना की ओर से 5001 रू. एवं द्वितीय दिनेष श्रीवास 2501 रू., ओपन डबल में प्रथम पुरस्कार मनोज बाबेल 5001 रू. एवं द्वितीय दिलीप कुषवाह 2501 रू., पुरूष डबल 35 प्लस में प्रथम श्री डोडिया 5001 रू. एवं द्वितीय उमंग सक्सेना 2501 रू. तथा महिला ओपन सिंगल में प्रथम डाॅ. राहुल गणावा 2101 रू. एवं द्वितीय भी डाॅ. राहुल गणावा की ओर से 1101 रू. पुरस्कार रखा गया है।

बैडमिंटन खिलाड़ियों से भाग लेने की अपील
इसके अलावा समस्त ट्राफियों के सौजन्य प्रतिष्ठित व्यापारी संजय शाह है। शटल के संयोजक युवा व्यापारी अक्षय कटारिया है। आयोजन संस्थाओं के अध्यक्ष संजय शाह, उपाध्यक्ष उमंग सक्सेना, सचिव मनोज बाबेल, टूनामेंट अध्यक्ष निखिलेष नामदेव, कोषाध्यक्ष जमिल पठान एवं सरंक्षकों में विवेक पेंटर, स्वपनिल सक्सेना, एजाज कुरैषी आदि ने बैडमिंटन खिलाड़ियों से अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर सफल बनाने की अपील की है।

जले के तीन षिक्षक एमके खुराना, हरिष कुंडल एवं अमीना खान करेंगे इसरो का भ्रमण, बैंगलुरू और कोलकत्ता शैक्षणिक भ्रमण हेतु हुआ चयन 

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झाबुआ। समग्र षिक्षा अभियान अंतर्गत मप्र स्कूल षिक्षा विभाग की ओर से बेंगलुरू और कोलकाता के 7 दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण हेतु शासकीय उत्कृष्ट उमा विद्यालय झाबुआ से 3 षिक्षकों का चयन किया गया है। जानकारी देते हुए जिला षिक्षा अधिकारी एमएस सोलंकी ने बताया कि उत्कृष्ट विद्यालय झाबुआ के भौतिक शास्त्र के व्याख्याता महेन्द्रकुमार खुराना एवं गणित विषय के उच्च माध्यमिक षिक्षक हरिष कुंडल का चयन बेंगलुरू के लिए तथा जीव विज्ञान विषय की व्याख्याता अमीना खान का चयन कोलकाता के लिए हुआ है। ये तीनों षिक्षक शैक्षणिक भ्रमण हेतु 20 फरवरी, गुरूवार को भोपाल से बेंगलुरू और कोलकाता के लिए रवाना हो गए है।

विभिन्न स्थलों का करेंगे भ्रमण
श्री खुराना एवं श्री कुंडल बैंगलुरू में हिन्दूस्तान एरोनाॅटिक्स लिमिेटेड, इसरो एवं विष्ववष्रैया संग्रहालय का भ्रमण करेंगे। वहां की कार्यप्रणाली से परिचित होंगे। इसी प्रकार अमीना खान कोलकाता भ्रमण के दौरान बोटैनिकल गार्डन, विक्टोरिया मेमोरियल, प्लेनेटोरियम आदि का भ्रमण करेंगी। तीनों षिक्षकों की इस उपलब्धि पर उन्हें सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग प्रषांत आर्य, अनामिका रामटेके, जिला परियोजना समन्वयक ज्ञानेन्न्द्र ओज्ञा, खंड षिक्षा अधिकारी आयषा कुरैषी सहित अन्य षिक्षकों, मित्रों एवं स्नेहीजनों ने शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए हर्ष व्यक्त किया है।

मुआवजा वितरण की विसंगतियों से ग्रामिणों में भारी आक्रोश - दो दिन से तहसील कार्यालय पर दिया धरना

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थांदला। अंचल से निकल रहे दिल्ली - मुम्बई एक्सप्रेस वे निर्माण को लेकर ग्रामिणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है । सोमवार को बडी संख्या में ग्राम कलदेला, वडलीपाडा, भामल सहीत विभिन्न गावों से ग्रामीणजन स्थानिय अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में पहॅूंचे किन्तु अनुविभागीय अधिकारी मुख्यालय पर नही होने से ग्रामीणजन दिन भर इंतजार करते रहे और बीना मिले ही चले गये । ग्रामिणों में शासन की मुआवजा वितरण की विसंगती पूर्ण नीति को लेकर भी भारी आक्रोश देखा गया । ग्रामिणों का आरोप है कि सडक निर्माण कम्पनी के व्दारा मौके पर निर्माण कार्य करना प्रारम्भ कर दिया गया है हमारें घरों को हटा रहे है वही हमें अभी तक मुआवजा वितरण नही हूआ। नही हमें हमारी पीढीदर पीढी से चली आ रही कब्जे की शासकीय भूमि में स्थित हमारे फलदार पेड, कॅूंओं का मुआवजा दिया जा रहा है केवल मकान का मुआवजा देकर बेदखल किया जा रहा है। कईयों को तो मकान के मुआवजा का वितरण भी अभी तक नही किया गया है । जिससे हमारे सामने रोजी रोटी का संकट है ।

विवाद का कारण
अंचल में वर्षो से आदिवासी शासकीय भूमि पर पीढीदर पीढी काबिज चले आ रहे है कई परिवार के पास तो शासकीस कब्जे की भूमि के अतिरिक्त दूसरी भूमि भी नही है उसी भूमि पर ग्रामिणों व्दारा कॅूंए से लेकर फलदार वृक्ष तक लगाकर अपनी आजिवीका चलाते आ रहे है लेकिन मुआवजा वितरण में केवल शासकीय भूमि पर बने मकानों का ही मुआवजा देना प्रावधान है जबकी ग्रामिणों की कब्जे की जमीन बीना मुआवजा जाने से भारी उनकी आजिविका का सकट पैदा हो रहा है ।

ग्रामिणों मे आक्रेाश से विवाद की सम्भावना
ग्रामिणों में अपनी जमीन जाने कों लेकर तथा मुआवजा वितरण की विसंगतीयों को लेकर भारी आक्रेाष कों देखते हूए भविष्य में विवाद होने की भी पूरी सम्भावना है क्योंकी जिम्मेदार ग्रामिणों से संवाद बनाने में कही न कही असफल दिखाई दे रहे है ग्रामिणों व्दारा अपनी मांगो को लेकर ज्ञापन भी दिये गये लेकिन उन्हे शासन का निर्देश का हवाला देकर रददी की टोकरी में डाल दिया गया है तो वही निर्माण कार्य को लेकर निर्माण ऐजेन्सी के भारी भरकम ताम झाम से ग्रामिण भय भीत है ग्रामिणों को अंदेशा हे की कभी भी उन्है जमीन से बेदखल कर दिया जावेंगा । सम्भवतः मुआवजा वितरण विंसगति को लेकर अंचल में भविष्य में कोई बडा आन्दोलन जन्म ले तो वही केन्द्र व राज्य सरकार में वैचारिक भिन्नता के कारण भी मामला तूम पकडेंगा ।

1. ग्राम रन्नी से अपनी पोती के साथ आई बुजुर्ग सुगनाबाई बैवा नाथु डामौर ने प्रतिनिधि को बताया की मेरे मकान व खेत की पाईप लाईन उखाड दी गई कभी भी निर्माण कम्पनी हमारे घर को तोड देगी मुझे अभी तक मुआवजा वितरण नही हूआ है । मकान के साथ जमीन भी जा रही है इसके अलावा हमारे पास में कोई जमीन नही है सडक बनने से हम घर से बेदखल हो जावेंगे । घर में मैं मेरी बहु और पोती ही है।
2. ग्राम वडलीपाडा के रामचन्द्र मोहनलाल कटारा ने बताया की ग्राम वडलीपाडा के 40-50 किसान जो की अपने बापौती कब्जे की शासकीय भूमि पर वर्षो से काबिज होकर खेती करते चले आ रहे है शासकीय भूमि का दण्ड शासन को जमा करते आ रहे उसी जमीन में उनके मकान है। कॅूंए है पेड है जिनसे हमारी आजीविका चलती है । शासन केवल मकान का मुआवजा देने का निर्धारण किया गया है जबकी जमीन भले ही शासकीय है हमारा पैतृक कब्जा है शासन ने हमारे पूर्वजों को केवल मकान के पटटे देकर हमारे साथ में धोखा किया है इस जमीन के अलावा हमारे पास और कूछ भी नही है । अगर मुआवजा वितरण की उचित नीति का निर्धारण नही किया जाता है तो हम जमीन किसी किमत पर नही छोडेंगे।
3. ग्राम कलदेला से भी रामा मंगलिया खराडी ने कहाॅ पूर्व में हमारी भूमि को असिंचित बताई गई थी मुआवजा राशि अठारह हजार रूपये आरा निर्धारित किया गया था और सूची जारी की गई अब नवीन सूची जारी करतंे हूए कहाॅं गया की है कि जमीन को सिंिचत ही है पर मुआवजा राशि नौ हजार रूपये प्रति आरा निर्धारित की गई है । रामा के साथ हुकिया किका भाभर, पप्पु कचरू कटारा, केगु थावरिया खराडी, मुकेश रामु कटारा, चतरू सरदार कटारा,शान्तु भीला खराडी, जेमाल भीला खराडी, रामचंद भील खराडी,प्रकाश खीमजी खराडी, सलिया शम्भु खराडी ,कालु शम्भु खराडी, उदेसिंग शम्भु खराडी, रसिया शम्भु खराडी,मकला मंगलिया खराडी, गलाल मंगलिया खराडी, रूमाल सरदार कटारा,नरसिंग सरदार कटारा, कैलाश रालु कटारा, रूमाल भीला खराडी ने मुआवजा वितरण को दोष पूर्ण बताते हूए रोष प्रकट किया।
4. मोहन कालु कटारा भामल वडलीपाडा फलिया ने मैं अपने बापौती जमाने से सर्वे 1530 की जमीन पर निवासरत काबिज हॅूं शासन ने आवासीय पटटा दिया लेकिन दण्ड भरता हॅूं  इसी जमीन में मेने रात दिन मेहनत करके कूूआ निकाला है आस पास बेर के पेड लगाये है जिनसे बीस हजार रूप्ये साल भर में कमाता हॅूं और मुझे केवल मकान का मुआवजा देकर बेदखल किया जा रहा है जमीन हमारी हे हम वर्षो से करते चले आ रहे शासन जमीन के बदले जमीन दे या उचित मुआवजा निर्धारित करें अन्यथा मर जाएगें लेकिन जमीन नही छोडेंगे । इस सबंध में निर्माण ऐजेन्सी जीआर इन्फ्रा के सीनीयर इंजीनर आदित्य चैधरी से पूछने पर बताया है शासन निर्देश अनुसार मुआवजा वितरण किया जा रहा है हम सतत ग्रामवासीयों से सम्पर्क में है मुआवजा वितरण निरंतर चल रहा । कूछ गाॅंव में लिस्ट बनाते समय मुआवजा राशि त्रूटी पूर्ण दर्ज हो गई थी शासकीय भूमि में स्थित केवल मकान का मुआवजा ही शासन व्दारा निर्धारित किया गया है । गाॅंव में भ्रांतिया फैलाई जा रही है ।

तीसरे दिन भी जारी है कर्मचारियों की हड़ताल - नही बनी अध्यक्ष सीएमओ की मुलाकात से भी बात

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थांदला। नगर परिषद थांदला नगर की समस्याओं से चिंतित होने से ज्यादा अपनी साख बचाने को लेकर ही सही हड़ताल पर बैठे सफाई कर्मचारियों से मिलने पहुँचे। नगर परिषद अध्यक्ष बंटी डामोर ने स्वयं सभी कर्मचारियों की मांगों को सुनकर उनकी लगभग सभी मांगों को मान लिया गया। सीएमओ अशोक चैहान ने भी नियम का हवाला देकर कर्मचारियों की अधिकांश मांग को स्वीकार कर लिया गया। उन्होंने स्वयं स्वीकार किया कि प्रदेश सरकार व शासन के द्वारा नगरीय प्रशासन को मिलने वाली चुंगीकर आदि में देरी व कटौती के कारण ही वे समय पर वेतन नही दे पाए वही उन्होंने जमादार की त्रुटि बताते हुए उन्हें लम्बे समय से सफाई सामग्री नही दिये जाने की बात को स्वीकारा वही एकाउंटेंट की गलती व उसके छुट्टी की बात करते हुए उनके वेतन से ऋण राशि का सम्बन्धित बैंकों को नही दिए जाने की बात भी मानी। सभी मांग को सुधार कर समय पर वेतन आदि देने व शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने की बात पर भी बात बनते नही दिखी। सफाई कर्मचारियों का कहना है कि वे पहले भी आश्वासन पर ठगे गए थे इसलिये लिखित आश्वासन व जिम्मेदार व्यक्ति अथवा क्षेत्र के विधायक यदि उनकी मांग स्वीकारते है तो ही वे इस बार हड़ताल समाप्त करेंगे। अब जब सभी मांग स्वीकार कर ली गई तो सीएमओ द्वारा उन्हें लिखित आश्वासन क्यों नही दिया जा रहा है यह समझ से परे है। वही नगर के एसडीएम के समक्ष भी ये सफाई कर्मचारी आवेदन कर चुके है लेकिन सुस्त एसडीएम न इनकी समस्या का समाधान कर पा रहे है और ना ही इनके कार्यालय के समक्ष ही बैठे ऐठ लेन राष्ट्रीय मार्ग के मुआवजे को लेकर बैठे ग्रामीणों की समस्या का समाधान हो पाया है।

आज महाशिवरात्री पर्व पर दिखेगा दवझिरी में कुंभ महापर्व सा नजारा, फलाहारी खिचडी का होगा वितरण कलावती मित्र मंडल करेगा ।

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झाबुआ । आज 21 फरवरी को महा शिवरात्री के पावन पर्व पर निकटवर्ती तीर्थस्थल देवझिरी पर महा शिवरात्री पर्व धुमधाम के साथ तथा भक्ति भावना के साथ मनाया जावेगा । महाशिवरात्री के अवसर पर वर्तमान जोबट विधायक सुश्री कलावती भूरिया के मार्गदर्शन में कलावती मित्र मंडल झाबुआ द्वारा पिछले दो दशक से अधिक समय पर शिवरात्री पर्व पर प्रत्येक दर्शनार्थियों को सम्मान पूर्वक साबुदाना की फलाहारी खिचडी का प्रदाय किया जाता है । मित्र मंडल के बंटू अग्निहौत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि शिवरात्री पर्व पर पूरे अंचल सहित गुजरात, राजस्थान, मालवा आदि से बडी संख्या में दर्शनार्थी एवं गा्रमीणजन भगवान आशुतोष भोलेनाथ को मत्था टेकने तथा पवित्र नर्मदा कुंड में स्नान कर अभिषेक ,पूजा पाठ के लिये आते है। इस दिन यहां मेले जैेसा माहौल दिखाई देता है तथा सुबह से मध्यरात्री तक शिवजी के उपासक यहां भगवान भोले नाथ की उपासना करते है । श्री अग्निहौत्री ने बताया कि इसके लिये नगर सहित पूरे अंचल में तथा धार्मिक स्थानों पर होर्डिग बैनर्स के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार किया गया है । इस अवसर पर प्रत्येक दर्शनार्थी को सुश्री कलावती भूरिया की उपस्थिति में  खिचंडी प्रसादी का वितरण किया जावेगा । वही प्रातः विद्वान पण्डितो द्वारा विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ रूद्राभिषेक एवं महा रूद्र का पाठ भी किया जावेगा । मित्र मंडल के  नाथु ठेकेदार, मानसिंह मेडा, राजेश भट्ट, बबलु अग्निहौ त्री, सत्यनारायण शर्मा एवं श्री जोशी ने सभी धर्मप्राण श्रद्धालुओं से शिवरात्री के अवसर पर इस दुर्लभ लाभ को प्राप्त करने के लिये  आमंत्रित किया है ।

बिजली बकाया राशि का भुगतान देय तिथि से पहले करने की अपील
       
झाबुआ, । मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बकाया राशि वसूली के लिए सघन प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों के अंतर्गत बकाया राशि वसूली के लिए घर-घर जाकर बिजली कर्मचारी और अधिकारी राजस्व वसूली में लगे हैं। कंपनी के सभी वृत्त कार्यालयों में समीक्षा बैठकें आयोजित कर मैदानी स्तर पर राजस्व वसूली की वृद्धि के प्रयास तेज कर दिये गये हैं। सभी मैदानी अधिकारियों को बकाया राशि वसूली करने, भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत सी-फार्म एवं कुर्की करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने यह भी निर्देश दिये हैं कि विजीलेंस द्वारा बनाये गये प्रकरणों में बकाया राशि की वसूली भी तेज की जाए। इसके अलावा ऑडिट द्वारा निकाली गई बकाया राशि और अन्य कारणों से बकाया राशि को उपभोक्ता के बिल में जोड़कर राजस्व वसूली की जाए। यह भी निर्देश दिये गये हैं कि काटे गये कनेक्शनों की रात्रि में चेकिंग की जाए ताकि बकायादार उपभोक्ता अवैध रूप से बिजली का उपयोग न करें और यदि कोई उपभोक्ता ऐसा करता पाया जाता है तो उसके विरूद्ध बिजली अधिनियम-2003 की धारा 138 के अंतर्गत प्रकरण बनाया जाए। कंपनी ने अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा है कि टीम भावना से कार्य कर लक्ष्य की प्राप्ति करें। बिजली उपभोक्ताओं से आग्रह रू बकाया राशि कंपनी में जमा कराए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री मनीष सिंह ने कंपनी कार्यक्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे बकाया राशि का भुगतान निर्धारित देय तिथि से पूर्व करें। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बकायादार बिजली उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि बिजली कनेक्शन विच्छेदन की अप्रिय कार्यवाही से बचने के लिए विद्युत बिलों का भुगतान तत्काल सुनिश्चित करें। कम्पनी ने क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शहर संभागों और संचारण-संधारण संभागों में राजस्व संग्रहण के लिए केश काउन्टर अवकाश के दिनों में तथा निर्धारित समय से अतिरिक्त समय तक खोलने की व्यवस्था करें। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के निर्णयानुसार भोपाल क्षेत्र द्वारा राजधानी के सभी संभागीय कार्यालयों में स्थित केश काउन्टर को रविवार तथा अवकाश के दिन उपभोक्ताओं की सेवा के लिए खोला जा रहा है। इसी प्रकार की व्यवस्था ग्वालियर शहर में भी की गई है। 

रोजगार की जानकारी के लिए श्रवइे पद डच् पोर्टल
       
झाबुआ,। प्रदेश के युवाओं को एमएसएमई इकाईयों में रोजगार के अवसरों की जानकारी के लिये तथा अंबंदबल होनें पर आवेदन की सुविधा के लिये एमएसएमई (रवइेपदउचण्उचउेउमण्हवअण्पद) विभाग द्वारा पोर्टल तैयार किया गया है। इस पोर्टल का उद्देश्य रोजगार के इच्छुक युवाओं एवं रोजगार प्रदान करनें वाली औद्योगिक इकाईयों के मध्य संवाद स्थापित करना है, ताकि युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर प्राप्त हो सके। इस पोर्टल पर शिक्षित बेरोजगार युवा निर्धारित प्रपत्र अनुसार स्वयं का विवरण दर्ज करते हुए पंजीकरण कर सकते है, ताकि पोर्टल के माध्यम से उनके विवरण का अवलोकन जॉब प्रदाता औद्योगिक इकाईयॉ कर सकें। पोर्टल में एमएसएमई इकाईयॉ स्वयं को जॉब प्रदाता के रूप में पंजीकृत कर सकती है। जॉब प्रदाता औद्योगिक इकाईयों के लिये यह सुविधा होगी, कि वे अपनी आवश्यकता के अनुरूप रोजगार के इच्छुक युवाओं के बायोडाटा का अवलोकन कर, उन्हें अपनी प्रक्रिया अनुसार रोजगार के अवसर प्रदान कर सकते है। ऐसे शिक्षित बेरोजगार युवा जो रोजगार के इच्छुक है वे इस पोर्टल पर स्वयं का विवरण दर्ज करते हुए पंजीकरण करा सकते हैं। साथ ही औद्योगिक इकाईयों से भी यह अपेक्षा है कि वे अपनी आवश्यकता के अनुरूप रोजगार प्रदान करनें बाबत अपना पंजीयन कराएं ताकि पोर्टल के माध्यम से शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हो सकें।

अब पुलिस के अलावा फायर ब्रिगेड के लिये भी डायल-100
     
झाबुआ, । मध्यप्रदेश पुलिस की डायल-100 सेवा के माध्यम से अब पुलिस सहायता के अलावा फायर ब्रिगेड की सेवाएँ भी उसी तर्ज पर उपलब्ध ह¨ सकेंगी। डायल-100 सेवा में प्राप्त ह¨ने वाली सूचनाअ¨ं क¨ अग्निशमन विभाग से एकीकृत किया जा रहा है। प्रदेश-भर में तैनात फायर ब्रिगेड्स में लगे एंडरायड म¨बाइल डाटा टर्मिनल डिवाइस स्थापित की जा रही हैं, जिससे आग लगने की सूचना तत्काल संबंधित फायर ब्रिगेड वाहन क¨ भेज दी जायेगी। इससे आवश्यकतानुसार एक से अधिक फायर ब्रिगेड वाहन भी घटना स्थल पर भेजे जा सकेंगे। एमडीटी डिवाइस में म©जूद जीपीएस के माध्यम से फायर ब्रिगेड क¨ घटना स्थल तक पहुँचने में आसानी ह¨गी अ©र कंट्र¨ल-रूम क¨ सतत रूप से उसकी ल¨केशन मिलती रहेगी। एमडीटी डिवाइस क¨ संचालित करने के लिये प्रदेश-भर के प्रत्येक फायर ब्रिगेड वाहन पर तैनात फायरमेनध्चालक क¨ पुलिस दूरसंचार मुख्यालय, भ¨पाल में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

मौसम रबी वर्ष 2019-2020 की गिरदावरी का कार्य षत-प्रतिषत पूर्ण करने के लिए 23 फरवरी तक समय सीमा बढाई गई

झाबुआ । कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने अवगत कराया कि आयुक्त भू-अभिलेख द्वारा कृषको की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए मौसम रबी वर्ष 2019-2020 के लिए फसल संषोधन एवं गिरदावरी कार्य षत-प्रतिषत पूर्ण किए जाने के लिए समय सीमा 20 फरवरी से 23 फरवरी 2020 तक बढाई गईं है। उक्त समय सीमा में दर्ज फसल संषोधन पर निराकरण 25 फरवरी 2020 तक संबंधित तहसीलदार-नायब तहसीलदार (हतवनदक जतनजीपदह) कर पूर्ण संतुष्टि उपरान्त फसल संषोधन करे। यदि किसी हल्के में बोया गया रकबे का 3 प्रतिषत से ज्यादा फसल संषोधन किया जाता है तो ऐसे हल्के की पृथक से समीक्षा करे। गिरदावरी निर्देष क्रमांक 442/सां. 12/ गिरदावरी निर्देष/2018 दिनांक 26/06/2019 की कंडिका 9 (डी) (ई) अनुसार प्राप्त फसल संषोधन का निराकरण सुनिष्चित करते हुए गिरदावरी की जानकारी गलत दर्ज किए जाने के लिए संबंधित की जिम्मेदारी भी नियत की जावे। कलेक्टर श्री प्रबल सिपाहा ने जिले के समस्त तहसीलदारों -नायब तहसीलदारों को इस संबंध में आवष्यक निर्देष जारी किए है। पूर्व में यह समय सीमा 31 जनवरी 2020 तक बढाई गई थी।

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